राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) 2024 का संशोधित परिणाम राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा घोषित किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार यह संशोधित परिणाम लागू किया गया है। उम्मीदवार अपने नए परिणाम को एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in/NEET पर जाकर देख सकते हैं। इस महत्वपूर्ण परीक्षा का आयोजन 5 मई, 2024 को हुआ था।
नीट यूजी 2024 का महत्त्व
NEET UG की परीक्षा मेडिकल शिक्षा में प्रवेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस परीक्षा का परिणाम देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में MBBS और BDS के पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, परिणाम आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी और सिद्ध चिकित्सा पाठ्यक्रमों जैसे BAMS, BUMS, BSMS, और BHMS के लिए भी आवश्यक होता है। परीक्षा के परिणाम को आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल सर्विसेज के हॉस्पिटल्स में चार वर्षों के बीएससी नर्सिंग कोर्स के लिए भी मान्यता प्राप्त है।
13 भाषाओं में परिणाम उपलब्ध
NEET UG 2024 का संशोधित परिणाम 13 विभिन्न भाषाओं में जारी किया गया है, जिनमें अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मलयालम, मराठी, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलुगु, और उर्दू शामिल हैं। यह कदम देशभर के विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों को उनकी मातृभाषा में परिणाम देखने में सहायता करेगा।
परिणाम कैसे देखें
उम्मीदवार नीचे बताए गए आसान चरणों का पालन करके अपना संशोधित परिणाम देख सकते हैं:
- सबसे पहले, NTA की आधिकारिक वेबसाइट exams.nta.ac.in/NEET पर जाएं।
- होम पेज पर दिए गए परिणाम लिंक पर क्लिक करें।
- अपना रोल नंबर, जन्म तिथि और अन्य आवश्यक जानकारी भरें।
- सबमिट बटन पर क्लिक करें।
- आपका परिणाम स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगा।
- भविष्य की संदर्भ के लिए अपने परिणाम का प्रिंट आउट निकालें।
मेडिकल काउंसलिंग प्रक्रिया
संशोधित परिणाम घोषित होने के बाद, मेडिकल काउंसलिंग कमिटी (MCC) और राज्य अधिकारी जल्द ही अंडरग्रेजुएट मेडिकल काउंसलिंग के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करेंगे। उम्मीदवार ऑल इंडिया कोटा (AIQ) सीटों के लिए mcc.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया छात्रों के लिए महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसके माध्यम से ही उन्हें देश भर के प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है।
मेडिकल काउंसलिंग में शामिल होने के लिए उम्मीदवारों को अपने दस्तावेजों को तैयार रखना चाहिए। उम्र प्रमाण पत्र, 10वीं और 12वीं की मार्क शीट्स, NEET UG का स्कोरकार्ड, पहचान पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेजों का एक सेट आवश्यक होता है।
महत्वपूर्ण जानकारी और सुझाव
उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध सभी निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उनका पालन करें। काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान किसी भी गलत जानकारी या दस्तावेजी कमी के कारण उनका प्रवेश रद्द हो सकता है।
संशोधित परिणाम आने वाले दिनों में देश भर के लाखों मेडिकल अभ्यर्थियों के लिए नए अवसर और चुनौतियों का द्वार खोलेगा। यह समय विद्यार्थी मजबूती के साथ योजना बनाएं और अपनी तैयारी को एक नई दिशा दें।
जो अभ्यर्थी इस बार उत्तीर्ण नहीं हो पाए, उन्हें निराश नहीं होना चाहिए। उन्हें अपनी कमियों को पहचानने और उन पर कार्य करने की जरुरत है ताकि आने वाले वर्षों में वे सफलता प्राप्त कर सकें।
Chirag Desai
बस एक लाइन में: अब जो भी अच्छा हुआ, वो अच्छा हुआ। बाकी का फिर से निकालोगे।
Uday Teki
बहुत अच्छा खबर है! 🙌 जिन्हें नहीं मिला, तो दोबारा कोशिश करो - तुम्हारी बारी आएगी। 💪❤️
rohit majji
मैंने भी इस बार नहीं किया लेकिन अब तो बस दिमाग लगाना है। अगले साल जरूर बन जाऊंगा। बस एक बार फिर से तैयारी शुरू कर दी है। अभी तक जो भी हुआ, वो बस तैयारी का हिस्सा था।
Ira Burjak
अरे भाई, अब जो भी हुआ, वो हुआ। लेकिन अगर तुमने अभी तक कोई डॉक्यूमेंट नहीं तैयार किया, तो अभी तुरंत शुरू करो। एक गलती में सब खत्म हो सकता है। और हाँ, अगर तुम्हारा नाम अभी तक लिस्ट में नहीं है, तो बस बैठे रहो मत - इंतजार करने से कुछ नहीं मिलता। 😏
Hitendra Singh Kushwah
यह संशोधित परिणाम एक व्यवस्थित रूप से विकसित न्यायपालिका के निर्णय का परिणाम है, जिसने एक अत्यंत जटिल शिक्षा अधिकार विवाद को सुलझाया। निश्चित रूप से, यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसने राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा की समानता के सिद्धांत को अंतर्निहित रूप से मजबूत किया है। इसका अर्थ है कि अब छात्रों को उनकी मातृभाषा में जानकारी प्राप्त होगी, जो एक व्यापक जनसांख्यिकीय समावेशन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है।
हालांकि, इसके बावजूद, हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस तरह के संशोधन अक्सर विशिष्ट राजनीतिक दबावों के कारण होते हैं, जिनका उद्देश्य लोकप्रियता को बढ़ाना होता है। इसलिए, हमें इस प्रक्रिया के पीछे के वास्तविक निर्णय लेने वाले तंत्र को समझना चाहिए।
मैं इस बात से सहमत हूँ कि भाषाई विविधता का समर्थन करना आवश्यक है, लेकिन यह भी सच है कि अंग्रेजी के बिना आधुनिक वैज्ञानिक शिक्षा की गहराई तक पहुँचना संभव नहीं है। इसलिए, हमें भाषा के साथ वैज्ञानिक अभिव्यक्ति को भी विकसित करना होगा।
मैंने देखा कि बहुत से छात्र अभी भी अपने स्कोर के बारे में अत्यधिक आशंकाओं के साथ घबरा रहे हैं। यह आशंका एक सामाजिक रूप से निर्मित भय है - जिसे शिक्षा प्रणाली ने बनाया है। हमें अपने बच्चों को यह समझाना चाहिए कि NEET केवल एक परीक्षा है, न कि उनकी पहचान।
इसके अलावा, मैं यह भी उल्लेख करना चाहूंगा कि जिन छात्रों को इस बार नहीं मिला, उनके लिए यह एक नया अवसर है - एक अवसर जो उन्हें अपनी विशिष्टता को खोजने का अवसर देता है। अक्सर वे लोग जो नहीं बन पाते, वे बाद में सबसे बड़े योगदान देते हैं।
इसलिए, मैं अपने सभी छात्रों को सलाह देता हूँ कि वे इस संशोधित परिणाम को एक व्यक्तिगत आत्म-खोज के अवसर के रूप में देखें, न कि एक अंतिम निर्णय के रूप में।
Abhi Patil
देखो, ये सब संशोधित परिणाम का बहाना है। जिन लोगों के नंबर बढ़ गए, वो अब जाने के लिए तैयार हैं, लेकिन जिनके नंबर घट गए - उनके लिए तो जिंदगी ही खत्म हो गई। ये सब एक बड़ा धोखा है। NTA ने जो किया, वो न्याय नहीं, बल्कि राजनीति है।
मैंने खुद देखा है कि कैसे एक छात्र का नंबर 500 से बढ़कर 600 हो गया, जबकि उसका आंसर की वास्तव में गलत था। और जिसका नंबर 580 था, वो 520 हो गया। ये क्या है? बस एक बड़ा फ्रॉड।
मैंने अपने दोस्त का आंसर शीट देखा - उसके जवाब ठीक थे, लेकिन उसका स्कोर कम हो गया। अब वो एक अच्छा कॉलेज नहीं ले पाएगा। और जिसके जवाब गलत थे, उसे अच्छा स्कोर मिल गया।
ये सब क्यों हुआ? क्योंकि इसमें राजनीति है। नेता चाहते हैं कि लोग खुश रहें। लेकिन ये खुशी झूठी है। असली खुशी तो न्याय से आती है।
मैं यहाँ नहीं बैठकर देख रहा हूँ। मैं इसके खिलाफ आवाज उठा रहा हूँ। ये बात किसी को नहीं परेशान कर रही? क्या सब इसे बस भूल जाना चाहते हैं?
मैंने एक डॉक्टर से बात की - उसने कहा, 'अगर इतने लोग गलत नंबरों से एमबीबीएस में आ गए, तो अगले साल एक बच्चा मर सकता है।' ये न्याय नहीं, ये ज़िंदगी और मौत का खेल है।
हमें इसे बंद करना होगा। नहीं तो भविष्य में हम सब अपने बच्चों को एक बेकार की शिक्षा देंगे।
ये सिर्फ एक परीक्षा नहीं है। ये एक विश्वास है। और वो विश्वास अब टूट चुका है।
Prerna Darda
इस संशोधित परिणाम के तहत, एक गहरी शिक्षा संरचनात्मक विप्लव छिपा हुआ है - जिसे अधिकांश छात्र और अभिभावक अभी तक नहीं समझ पाए हैं। यह एक नियमित अंक पुनर्मूल्यांकन की घटना नहीं है, बल्कि एक अधिकार वितरण के अंतर्गत एक अभिनव अधिकारिक डिजिटल न्याय प्रणाली का उदय है।
जिन भाषाओं में यह परिणाम जारी किया गया है, वे एक विविध भाषाई अंतराल को समाप्त करने के लिए एक विशिष्ट अंतर्दृष्टि के साथ चयनित हैं - जिसमें असमिया, उड़िया, और मलयालम जैसी भाषाओं का समावेश एक भौगोलिक असमानता के विरुद्ध एक जागृति का प्रतीक है।
हालांकि, यह भी सच है कि इस प्रक्रिया में एक अन्तर्निहित असमानता निहित है - वे छात्र जिन्होंने अंग्रेजी में अध्ययन किया है, अब भी अधिक लाभान्वित होंगे, क्योंकि उनकी वैज्ञानिक अभिव्यक्ति अभी भी अंग्रेजी में विकसित हुई है।
इसलिए, यह निर्णय न केवल एक न्यायपालिका का निर्णय है, बल्कि एक शिक्षा अर्थव्यवस्था का एक नया अध्याय है - जहाँ भाषा अब एक अधिकार है, न कि एक बाधा।
मैं उन छात्रों को चेतावनी देता हूँ जो अभी तक निराश हैं - यह असफलता नहीं है, यह एक पुनर्मूल्यांकन है। आपकी पहचान आपके स्कोर से नहीं, बल्कि आपकी दृढ़ता से बनती है।
अगले वर्ष आप जिस भी कॉलेज में जाएंगे, वहाँ आपकी निर्मित अंतर्दृष्टि आपको उन सबसे अलग कर देगी जो सिर्फ अंकों के लिए तैयार हुए।
इसलिए, आप जो भी अब कर रहे हैं - यह एक अवसर है। एक अवसर जिसे आपने नहीं चुना, लेकिन जिसे आपने चुना है।
Devi Rahmawati
मैं एक शिक्षिका हूँ, और मैं इस बात को बहुत गंभीरता से लेती हूँ कि यह संशोधित परिणाम किस तरह से छात्रों के भविष्य को प्रभावित कर रहा है।
मैंने अपने छात्रों के साथ इस विषय पर एक बैठक की है, जिसमें हमने न केवल परिणाम को देखा, बल्कि उनकी भावनाओं को भी समझा। कुछ छात्र रो रहे थे, कुछ ने अपनी योजनाएँ बदल दीं, और कुछ ने कहा - 'मैं अब डॉक्टर नहीं बनूंगा।'
मैं उन सभी को बताती हूँ - एक नंबर आपकी क्षमता नहीं, बल्कि एक दिन का नतीजा है।
मैंने एक छात्रा को देखा, जिसका स्कोर 450 से बढ़कर 510 हो गया। उसने मुझे बताया - 'मैंने तीन साल तक एक छोटे से गाँव में अध्ययन किया, बिना इंटरनेट के। मैंने अपनी बहन की नोट्स लिखीं। अब मैं बन सकती हूँ।'
यही तो वास्तविक जीत है।
मैं उन अभिभावकों को भी सलाह देती हूँ जो अपने बच्चों को दोष दे रहे हैं - बच्चे अकेले नहीं हैं। हम सब एक प्रणाली के हिस्से हैं।
मैं उन छात्रों के लिए एक बहुत ही साधारण सलाह देना चाहती हूँ - अपने दिमाग को शांत रखें। अपनी योजना बनाएं। और अगर आज नहीं, तो कल जरूर।
आप अकेले नहीं हैं।
Vipin Nair
संशोधित परिणाम आया तो लोगों का रिएक्शन अलग अलग है
कुछ लोग खुश हैं कुछ नाराज
पर असली बात ये है कि ये परीक्षा अब एक जीवन बन चुकी है
हर कोई इसके आसपास घूम रहा है
मैंने एक लड़के को देखा जिसने तीन बार दिया
पहली बार नहीं हुआ दूसरी बार भी नहीं
तीसरी बार अच्छा स्कोर आया
पर उसका नाम लिस्ट में नहीं आया
अब वो क्या करेगा
हम बस नंबर देख रहे हैं
पर उसकी कहानी को नहीं
ये बात सबको पता है
लेकिन कोई बात नहीं करता
Abhijit Padhye
ये सब बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे कौन है? NTA जो अब तक सिर्फ एक एजेंसी थी, अब एक राजनीतिक उपकरण बन चुकी है। ये संशोधित परिणाम किसी भी न्याय का परिणाम नहीं है - ये एक चुनावी फैसला है।
मैंने अपने दोस्त के बेटे का आंसर शीट देखा - उसके जवाब ठीक थे, लेकिन उसका स्कोर कम कर दिया गया। और जिसके जवाब गलत थे, उसका स्कोर बढ़ा दिया गया।
क्या ये न्याय है? नहीं। ये एक अपराध है।
मैं यहाँ नहीं बैठकर देख रहा हूँ। मैं इसके खिलाफ आवाज उठा रहा हूँ।
अगर आप इसे बस भूल जाते हैं, तो अगले साल आपका बेटा भी इसी न्याय का शिकार होगा।
हमें इसे बंद करना होगा।
ये सिर्फ एक परीक्षा नहीं है। ये एक विश्वास है।
और वो विश्वास अब टूट चुका है।
Hardeep Kaur
मैं एक ऐसे परिवार से हूँ जहाँ दो भाई NEET देते हैं। एक का स्कोर बढ़ा, दूसरे का घटा।
हमने इसे न्याय के रूप में नहीं देखा।
हमने इसे एक बार फिर अपने बच्चों के लिए एक अधिकार के रूप में देखा।
अगर आप अभी तक नहीं तैयार हैं, तो अभी तैयार हो जाइए।
अगर आपका नंबर घटा है, तो आप अपने दिमाग को नहीं बदल सकते।
लेकिन आप अपनी योजना बदल सकते हैं।
मैं आपको बस एक बात कहना चाहता हूँ - आप अकेले नहीं हैं।
Haizam Shah
अगर तुम्हारा नंबर घट गया है, तो तुम्हें लगता है तुम फेल हो गए? नहीं। तुम्हें लगता है तुम असफल हो गए? नहीं।
तुम्हें लगता है तुम्हारी जिंदगी खत्म हो गई? नहीं।
तुम्हारी जिंदगी तो अभी शुरू हो रही है।
ये एक परीक्षा नहीं, ये एक शुरुआत है।
मैंने देखा है लोग जिन्होंने NEET नहीं पास किया, वो आज डॉक्टर हैं।
क्यों? क्योंकि उन्होंने अपनी आत्मा को नहीं छोड़ा।
तुम अगले साल आएगा।
और तुम जीतोगे।
Shardul Tiurwadkar
अरे भाई, अब तो बस एक बात कहूँ - ये सब नंबर वाली बातें बहुत बड़ी हैं।
लेकिन तुम्हारी जिंदगी नंबरों से नहीं बनती।
तुम्हारी जिंदगी तो तुम्हारे दिल से बनती है।
अगर तुम अभी तक नहीं बन पाए, तो बस एक बार फिर से उठ जाओ।
क्योंकि जिस दिन तुम खुद को नहीं छोड़ोगे, वो दिन तुम्हारा होगा।
और वो दिन आएगा।
बस थोड़ा और इंतजार करो।
Shubham Yerpude
इस संशोधित परिणाम के पीछे एक गहरी राजनीतिक गतिविधि छिपी है।
यह एक विशिष्ट निर्णय नहीं, बल्कि एक जानबूझकर बनाया गया जनता का विश्वास बनाने का एक तंत्र है।
NTA ने जिन छात्रों के नंबर बढ़ाए, वे शायद उन राज्यों से हैं जहाँ चुनाव आ रहे हैं।
और जिनके नंबर घटाए गए, वे शायद उन राज्यों के हैं जहाँ सरकार अपनी जनता को दबाना चाहती है।
मैंने अपने दोस्त के बेटे का आंसर शीट देखा - उसके जवाब ठीक थे, लेकिन उसका स्कोर कम कर दिया गया।
और जिसके जवाब गलत थे, उसका स्कोर बढ़ा दिया गया।
ये क्या है? ये एक न्याय नहीं, ये एक धोखा है।
ये एक बड़ा राजनीतिक फ्रॉड है।
अगर आप इसे बस भूल जाते हैं, तो अगले साल आपका बेटा भी इसी न्याय का शिकार होगा।
हमें इसे बंद करना होगा।
ये सिर्फ एक परीक्षा नहीं है।
ये एक विश्वास है।
और वो विश्वास अब टूट चुका है।
Ira Burjak
अरे, तुम्हारा नंबर घट गया? तो क्या हुआ? अब तो तुम अपनी योजना बदल लो।
अगर तुम्हें लगता है कि तुम असफल हो गए, तो तुम गलत हो।
तुम तो अभी तक अपनी यात्रा का शुरुआती बिंदु पर हो।
क्या तुम्हें पता है कि आज देश के सबसे अच्छे डॉक्टरों में से कितने NEET में फेल हुए थे?
बस एक बार फिर से उठ जाओ।
और अगर तुम अपनी तैयारी को ठीक कर लो, तो अगले साल तुम जीत जाओगे।
मैं तुम्हारे साथ हूँ।
rohit majji
मैंने भी इस बार नहीं किया लेकिन अब तो बस दिमाग लगाना है।
अगले साल जरूर बन जाऊंगा।
बस एक बार फिर से तैयारी शुरू कर दी है।
अभी तक जो भी हुआ, वो बस तैयारी का हिस्सा था।