प्रशांत किशोर की तीखी आलोचना: 'बिहार में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं'

मई 29 विवेक शर्मा 0 टिप्पणि

प्रशांत किशोर की तीखी आलोचना और सवालों की बौछार

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में बिहार में कांग्रेस पार्टी की स्थिति पर कड़े सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का राज्य में कोई 'क्रेडिबल वजूद' नहीं है। इसकी वजह से राहुल गांधी की कई रैलियों के बावजूद बिहार के गाँवों में कांग्रेस के झंडे, कार्यकर्ता या कार्यक्रम कहीं दिखाइ नहीं देते। किशोर ने यह भी दावा किया कि वे पिछले 17 महीनों से पदयात्रा कर रहे हैं और इस दौरान उन्होंने कहीं भी कांग्रेस का कोई निशान नहीं देखा।

राहुल गांधी की रैलियाँ और गठबंधन की तैयारी

प्रशांत किशोर की यह आलोचना तब आई जब राहुल गांधी ने राजद नेता तेजस्वी यादव के साथ कई रैलियाँ की थीं। ये रैलियाँ कांग्रेस, राजद और अन्य पाँच पार्टियों के गठबंधन के हिस्से के रूप में आयोजित की गई थीं। इस गठबंधन के तहत कांग्रेस नौ सीटों, जबकि राजद 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जबकि राहुल गांधी ने अपनी रैलियों में आत्मविश्वास दर्शाते हुए कहा कि उनका गठबंधन बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटें जीतेगा, किशोर की टिप्पणियाँ कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

किशोर का कांग्रेस से जवाब माँगना

किशोर का कांग्रेस से जवाब माँगना

प्रशांत किशोर ने कांग्रेस से बिहार में उनकी योजनाओं और तैयारियों के बारे में स्पष्टता की माँग की है। उनका कहना है कि सिर्फ रैलियाँ आयोजित करने से काम नहीं चलेगा, कांग्रेस को अपने संगठनात्मक ढाँचे और जमीनी कार्यक्रमों पर भी ध्यान देना होगा। किशोर की यह आलोचना कांग्रेस की राज्य इकाई की कमजोरियों को उजागर करती है और इसके लिए पार्टी को तत्काल उपाय करने की जरूरत बताई है।

गांधी के इस विश्वास के पीछे के कारण

हालांकि, राहुल गांधी का आत्मविश्वास इस बात पर आधारित है कि विपक्षी गठबंधन, जो अब INDIA के नाम से जाना जाता है, देश भर में खासा समर्थन प्राप्त कर रहा है। राहुल गांधी ने अपनी रैलियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'परमात्मा' टिप्पणी का भी उल्लेख किया और कहा कि मोदी इसे अपने क्रियाकलापों जैसे अदानी विवाद से बचने के लिए उपयोग करेंगे। गांधी के अनुसार यह टिप्पणी मोदी के राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है जिससे वे अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश करते हैं।

विश्लेषकों का विचार

विश्लेषकों का विचार

चुनावी विश्लेषकों का मानना है कि प्रशांत किशोर की यह टिप्पणी कांग्रेस के लिए चेतावनी की तरह है। अगर कांग्रेस बिहार में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है तो उसे जमीन पर संगठनात्मक ढाँचा और चुनावी रणनीति में बदलाव लाना होगा। किशोर का यह दावा कि पिछले 17 महीनों में उन्हें कहीं भी कांग्रेस के बारे में कुछ नहीं दिखा, कांग्रेस की व्यवहारिक चुनौती को दर्शाता है।

समाप्ति

बिहार में कांग्रेस पार्टी की चुनावी तैयारियों को लेकर प्रशांत किशोर की यह आलोचना कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। कांग्रेस को अपने संगठनात्मक और जमीनी स्तर पर जोर देते हुए, रणनीतिक बदलाव करने होंगे ताकि वे आगामी चुनावों में एक मजबूत दावा पेश कर सकें। राहुल गांधी के आत्मविश्वास के बावजूद, कांग्रेस को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी उपस्थिति राज्य के हर कोने में महसूस की जा सके।

विवेक शर्मा

विवेक शर्मा (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

अपनी टिप्पणी टाइप करें

आपका ई-मेल पता सुरक्षित है. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं (*)

खोज