अश्विन अमावस्या का पूरा गाइड – महत्व, पूजा और दैनिक जीवन में उपयोग

अश्विन अमावस्या हर साल शरद ऋतु में आती है और बहुत से लोग इसे शुभ मानते हैं। इस दिन को लेकर कई कहानियां और रिवाज हैं, जिनको समझना आसान है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि इस रात को कैसे मनाएँ, तो पढ़िए आगे।

अश्विन अमावस्या का ज्योतिषीय असर

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस अमावस्ये में चंद्रमा धूप में नहीं दिखता, इसलिए इसे नया शुरू करने के लिए अच्छा माना जाता है। ग्रहों की स्थिति इस दिन शनि, राहु और केतु के साथ मिलती है, जो आर्थिक मामलों में नई शुरुआत को सुगम बनाती है। कई लोग इस दिन नई नौकरी, निवेश या शिक्षा का लक्ष्य तय करते हैं।

परंतु इसका असर सबके लिए एक जैसा नहीं होता। यदि आप निवेश या बड़ी खरीदारी की सोच रहे हैं, तो पहले अपने वित्तीय स्थिति की जाँच कर लें। छोटी‑छोटी बचत की आदत इस रात को और मजबूत बनाती है।

अश्विन अमावस्या की पूजा‑पाठ और आसान उपाय

सबसे सरल तरीका है जल अर्पण करना। एक साफ घड़े में पानी भरें और उसमें एक टुकड़ा चन्दन या तुलसी के पत्ते रखें। फिर उस पानी को अपने घर के मुख्य द्वार में डालें। माना जाता है इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।

एक और उपाय है काली तिल के तेल से दीपक जलाना। यह शांति और सकारात्मक ऊर्जा लाता है। यदि आप चाहते हैं कि आपके परिवार में स्वास्थ्य बना रहे, तो इस रात शुद्ध घी के लड्डू या खजूर खाएँ। ये दो खाद्य पदार्थ शरीर को पोषित करते हैं और मन को ताज़ा रखते हैं।

साथ ही, इस दिन अपने पुराने साल के लक्ष्य लिखें और फिर उन्हें जलाकर भौतिक रूप से छोड़ दें। यह मन को साफ करता है और नई ऊर्जा देता है।

अश्विन अमावस्या पर आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़ना भी फायदे वाला होता है। कई लोग इस रात में गीता, उपनिषद या सभ्यभाई की रचनाएँ पढ़ते हैं। इससे मनोविज्ञान में सुधार होता है और अंतर्मन शांति मिलती है।

अगर आप अपने बच्चों को इस रिवाज से परिचित कराना चाहते हैं, तो उन्हें छोटी‑छोटी कहानी सुनाएँ जैसे “राम कथा में अंधकार के बाद उजाला” या “अश्विन अमावस्या पर भगवान शंकर की लीला”। इससे संस्कृति में डूबना आसान हो जाता है।

अंत में, यह न भूलें कि यह रात किसी भी दुष्प्रयोजन से बचने का समय है। इसलिए शराब, धूम्रपान और अधिक खान‑पान से दूर रहें। हल्का भोजन और पर्याप्त नींद रखें। फिर अगली सुबह आप ताजगी के साथ नई शुरुआत कर पाएँगे।

अगर आप चाहते हैं कि आपके जीवन में आशा और सकारात्मकता बनी रहे, तो हर साल की अश्विन अमावस्या को एक मौका बनाएं। छोटे‑छोटे कदम, सही रिवाज और सही सोच से आप इस रात को अपने लिए लाभकारी बना सकते हैं।

सौर ग्रहण 21 सितंबर 2025: समय, दृश्यता और सुरक्षित देखना

सितंबर 21 Roy Iryan 0 टिप्पणि

21 सितंबर 2025 को अंशिक सौर ग्रहण का दृश्य होगा, जिसका अधिकतम अंधकार भाग न्यूज़ीलैंड और अंटार्कटिका में 85.5% तक पहुँचेगा। यह भारत में नहीं दिखेगा, बल्कि दक्षिणी गोलार्द्ध के कई देशों में देखा जा सकेगा। इस ग्रहण का संबंध हिंद पंचांग के अश्विन अमावस्या और उत्तरेकाल्पनि नक्षत्र से है। दर्शकों को सुरक्षित देखे के लिए विशेष इबैजिंग ग्लास की जरूरत होगी।

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