देवशयनी एकादशी – क्या है और क्यों मनाते हैं?
अगर आप हिन्दू धर्म में एकादशी के बारे में पढ़ रहे हैं तो शायद आपने ‘देवशयनी एकादशी’ का नाम सुन रखा होगा। यह एकादशी बहुत खास है क्योंकि इसे भगवान शिव की प्रिय पत्नी माता देवी श्यामा (देवशयनी) को समर्पित माना जाता है। यही कारण है कि इस दिन कई लोग व्रत रखकर भगवान को शान्तिपूर्ण जीवन की कामना करते हैं।
देवशयनी एकादशी शरद ऋतु में आती है, आमतौर पर अक्टूबर‑नवंबर में। इस समय माह में शੁकर (शुक्रवार) और अधिकतम शांति का माहौल बना रहता है, इसलिए लोग इस दिन विश्वास करते हैं कि उनका मन और शरीर दोनो शुद्ध हो जाता है।
देवशयनी एकादशी की कथा
कहानी के अनुसार, जब भगवान शिव और देवी पार्वती (देवशयनी) ने पृथ्वी पर एकत्रित हुए शत्रुओं को हराया था, तो उन्होंने अपने भक्तों को एक साधारण और प्रभावी व्रत रखने की सलाह दी। इसका मुख्य उद्देश्य मन को शांति देना और शरीर को शुद्ध करना था। इस कथा को सुनकर कई परिवारों ने इस दिन का पालन करना शुरू किया।
महालोक में देवशयनी की अत्यधिक शक्ति का उल्लेख है, और कहा जाता है कि इस एकादशी पर उनका आँशिक पावन जल (उपवास) खाने से सामर्थ्य और बुद्धि में वृद्धि होती है। इस कारण कई लोग इस दिन शुद्ध जल, फल और हल्का अन्न ही ग्रहण करते हैं।
पूजा के मूल मंत्र और आसान विधि
अगर आप इस एकादशी पर घर में पूजा करना चाहते हैं तो सबसे पहले स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें। फिर एक छोटी सी थाली में कुमकुम, नारियल के टुकड़े, और दीपक रखें। यहाँ दो प्रमुख मंत्र हैं जो आप भजन के साथ गा सकते हैं:
- "ॐ नमो देवी देवशयनी" – यह मंत्र देवी की महिमा को स्मरण कराता है।
- "ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुर्गतिस्मात्" – यह मंत्र शांति और स्वास्थ्य की कामना करता है।
पूजा के दौरान हल्का फल (केला, सेब) और नारियल पानी का सेवन करें। यदि आप व्रत रख रहे हैं तो दिन भर पानी का सेवन कम रखें और शाम को जल स्नान करें।
एक और उपयोगी टिप – अगर आप घर में बड़ी मंडली बना रहे हैं तो सभी को समान रूप से फल और मिठाइयाँ बाँटें। इससे घर में सौहार्द बना रहता है और सभी को त्यौहार की खुशी मिलती है।
ध्यान रखें कि इस एकादशी को मनाते समय ध्यान और प्रार्थना को प्राथमिकता दें। अपने मन को शांत रखें, मोबाइल फोन से दूर रहें और पूरी निष्ठा से पूजा करें। इससे न केवल आप शारीरिक स्वास्थ्य पायेंगे, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति भी होगी।
इस प्रकार, देवशयनी एकादशी सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि जीवन में शांति, सुख और सफलता पाने का एक साधन है। आप भी इस अद्भुत एकादशी को अपने परिवार के साथ मिलकर मनाएँ और इसके अद्वितीय लाभों को महसूस करें।
देवशयनी एकादशी, एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व, 17 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। यह एकादशी, जो आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की 11वीं तिथि को आती है, अत्यंत आध्यात्मिक महत्व रखती है। इस दिन भगवान विष्णु और भगवान कृष्ण के भक्त कठोर व्रत रखते हैं और पूजा पाठ करते हैं। यह व्रत मोक्ष प्राप्त करने और पिछले पापों से मुक्ति दिलाने में सहायक माना जाता है।