गुरु पूर्णिमा: महत्व, तिथि और साधारण पूजा विधि

गुरु पूर्णिमा हर साल शरद ऋतु में पूर्णिमा के दिन आती है। इसे गुरु वंदन, गुरु का सम्मान और ज्ञान की दावत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन शिष्यों के लिए अपने गुरु को याद कर उनके चरणों में फूल, फल और तिलक अर्पित करना खास माना जाता है। आप भी इस अवसर को सरल तरीके से मनाना चाहते हैं, तो नीचे दी गई जानकारी मदद करेगी।

गुरु पूर्णिमा का इतिहास और महत्व

पुराने ग्रंथों के अनुसार, इस दिन भगवान शंकर ने अपने पहले शिष्य नंद बाबा को बहुमूल्य ज्ञान दिया था। साथ ही, महायान बौद्ध धर्म में भी इस दिन बोधिसत्वों को सम्मानित किया जाता है। हिन्दू धर्म में गुरु को जीवन के वह पथप्रदर्शक माना जाता है जो अज्ञानता को दूर करता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा को ‘आशीर्वाद का पर्व’ कहा जाता है।

समय‑समय पर इस दिन विभिन्न दार्शनिक सभाओं में प्रवचन, कथा और संगीत कार्यक्रम होते हैं। लोग मंदिर, आश्रम या घर में इकट्ठा होकर गुरु की कहानियाँ सुनते हैं और उनके शाब्दिक या आध्यात्मिक उपदेशों को अपनाते हैं। इस संकल्प से जीवन में सच्ची दिशा मिलती है।

गुरु पूर्णिमा की तिथि और शुब संकल्प

गुरु पूर्णिमा शरद पूर्णिमा के दिन पड़ती है, जो आमतौर पर अक्टूबर‑नवंबर में आती है। पंचांग के अनुसार इस दिन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा होती है, और सूर्य व शनि से जुड़ी कई शुभ ग्रह स्थितियाँ इसे और विशेष बनाती हैं। इस मौके पर काम‑काज शुरू करने, नए पाठ्यक्रम शुरू करने या कोई नया उद्देश्य तय करने का बहुत अच्छा समय माना जाता है।

जिनकी शादी या कोई बड़ा निर्णय है, वे इस दिन आसानियों के साथ आगे बढ़ते हैं। इसलिए ज्योतिषी अक्सर इस तिथि को शुभ मानते हैं।

घर पर सरल गुरु पूर्णिमा पूजा कैसे करें

सबसे पहले साफ़ स्थान चुने और उस पर सफ़ेद कपड़ा बिछाएं। फिर नीचे दी गई बातों को ध्यान में रखें:

  • एक छोटी तस्वीर या मूर्ति में गुरु का चित्र रखें।
  • पानी, कलश, दीपक और घी का एक छोटा दीप जलाएँ।
  • समुद्री शंख या बेलपत्र रखें, ये शुद्धि के प्रतीक हैं।
  • फूल (कमल या गंदा), फल (सेब, केले) और मिठाई (सेव) अर्पित करें।
  • तिल, नमक और चंदन का मिश्रण बना कर अभिषेक करें।

पूजा के दौरान गुरु को प्रणाम करें और मन से शांति, ज्ञान और सफलता की कामना करें। आप चाहें तो कोई छोटा मंत्र ‘ॐ गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुदेवो हम’ दोहराएँ। यह शेष समय में आपके मन को स्थिर रखेगा।

गुरु को धन्यवाद कहने के सरल तरीके

पूजा के बाद आप अपने गुरु को एक छोटा पत्र लिख सकते हैं, जिसमें आप उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद दें। यदि आपका गुरु शारीरिक रूप में नहीं है, तो आप अपने मन में उनके स्‍वतंत्र आभारी भावना को जगाएँ। यह भावनात्मक जुड़ाव आपको आध्यात्मिक शक्ति देगा।

भविष्य में जब भी किसी कठिनाई का सामना हो, इस पूजन की याद करके आप धैर्य और साहस पा सकते हैं। गुरु पूर्णिमा सिर्फ एक त्यौहार नहीं, बल्कि एक आंतरिक पुनरुज्जीवन का अवसर है। इसे अपने जीवन में नियमित रूप से अपनाएँ और देखिए कैसे आपके रास्ते में रोशनी बढ़ती है।

आषाढ़ पूर्णिमा 2023: गुरु पूर्णिमा के लिए बेहतरीन शायरी, एसएमएस, संदेश, उद्धरण, अभिवादन, और Instagram स्टेटस

जुलाई 22 Roy Iryan 0 टिप्पणि

इस लेख में गुरु पूर्णिमा के लिए बेहतरीन 20 शुभकामनाओं का संग्रह प्रस्तुत किया गया है, जिसमें शायरी, एसएमएस, संदेश, उद्धरण, अभिवादन, फोटो और Instagram स्टेटस शामिल हैं। यह शुभकामनाएं गुरुओं और शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए हैं, जिन्होंने जीवन के सफर में मार्गदर्शन दिया है।