वायनाड की यात्रा: क्या देखेंगे, कब जाना बेहतर और कैसे प्लान करें

अगर आप भारत में कुछ हटके चाहते हैं, तो वायनाड आपका सही विकल्प है। ग्रीन पहाड़, घनी वनस्पति और साफ़ जलवायु इसे साइकल, हाइकिंग और फोटोग्राफी का स्वर्ग बनाते हैं। यहां का दोस्ताना माहौल और किफ़ायती रहन-सहन शुरू से अंत तक आरामदेह बनाते हैं। चलिए, बताता हूँ वायनाड में क्या करना है और कब जाना बेहतर रहेगा।

वायनाड के टॉप आकर्षण

पहले तो एडवोरा जलप्रपात देखिए – झरना इतना चौड़ा और ऊँचा है कि फोटो में बस बैकग्राउंड बन जाता है। इसके बाद पुखुजी राष्ट्रीय उद्यान में जंगली हाथी, बाघ और विभिन्न पक्षी देखने को मिलते हैं; सुबह के सफारी के लिए यह सबसे अच्छा समय है। इतिहास में दिलचस्पी वाले लोग कोडाईटकुलम में प्राचीन राजशाही के शिलालेख देख सकते हैं, जो 7वीं सदी की याद दिलाते हैं।

अगर आप प्रकृति से रिलैक्स करना चाहते हैं तो बेडूकडि लेक या सीऊझी फॉल्स को न छोड़ें। यहाँ बोटिंग या पिकनिक का मज़ा ही अलग है। रात में अगर सुकून चाहिए तो पहाड़ों के बीच में स्टे कॅम्प लगाएं, तारे और ठंडी हवा आपको ठहरने नहीं देंगे।

मौसम और सबसे अच्छा समय

वायनाड में साल भर हल्का मौसम रहता है, पर दो सीजन सबसे बेहतरीन हैं – अप्रैल से जून और सेप्टेंबर से नवंबर। गर्मियों में तापमान 25‑30°C रहता है, जिससे ट्रेकिंग आसान हो जाती है। मानसून (जुलाई‑अगस्त) के दौरान जंगल बहुत हरे हो जाते हैं, लेकिन बारिश के कारण कुछ रास्ते बंद रह सकते हैं। सर्दियों (दिसंबर‑फरवरी) में तापमान 15‑20°C तक गिर जाता है, जो शीतलता पसंद करने वालों के लिए परफेक्ट है।

बुकिंग की बात करे तो हाई सिजन में एसी होटल जल्दी भर जाते हैं, इसलिए कम से कम दो हफ्ते पहले ही अपना प्लान फाइनल कर लें। ऑफ‑सीजन में छोटे गेस्टहाउस या घर‑बजाए की कीमतें काफी कम हो जाती हैं, और आप स्थानीय संस्कृति के करीब रह सकते हैं।

अंत में, वायनाड घूमते समय स्थानीय भोजन का ज़रूर स्वाद लेना चाहिए। यहाँ का बीफ़ करी, बनाना पकोड़ा और ताज़ा नारियल पानी हर सफ़र को यादगार बनाते हैं। बस, इन आसान टिप्स को फॉलो करो और वायनाड की खूबसूरती में खुद को डुबो दो।

दक्षिण भारतीय अभिनेता मोहनलाल का भूस्खलन प्रभावित वायनाड गांव में दौरा, सेना की वर्दी में पहुंचे

अगस्त 3 Roy Iryan 0 टिप्पणि

प्रसिद्ध दक्षिण भारतीय अभिनेता मोहनलाल ने हाल ही में केरल के वायनाड के भूस्खलन प्रभावित गांव का दौरा किया। इस महत्वपूर्ण यात्रा में उन्होंने सेना की वर्दी पहनी और प्रभावित परिवारों के साथ एकजुटता दिखाई। स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने राहत प्रयासों की स्थिति का निरीक्षण भी किया।