जब Tata Capital Limited, Tata Group की वित्तीय सेवा शाखा, ने 6 अक्टूबर 2025 को आईपीओ शुरू किया, तो बैंकों और निवेशकों दोनों की आँखें टिका दी। बिडिंग 8 अक्टूबर को बंद होगी और लिस्टिंग 13 अक्टूबर, 2025 को Bombay Stock Exchange (BSE) व National Stock Exchange (NSE) पर होगी। भारत का सबसे बड़ा NBFC आईपीओ, कुल 15,511.87 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाने का लक्ष्य लेकर, दो भागों में विभाजित है – ताजा शेयर इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS).
IPO का सारांश और प्रमुख शर्तें
प्राइस बैंड 310‑326 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, जहाँ फेस वैल्यू 10 रुपये है। न्यूनतम लॉट साइज 46 शेयर, यानी लगभग 14,996 रुपये की शुरुआती राशि। अधिकतम रिटेल निवेश 598 शेयर (13 लॉट) तक सीमित, कुल 1,94,948 रुपये।
- ताजा इश्यू: 21 करोड़ शेयर, लगभग 6,846 करोड़ रुपये
- OFS: 26.58 करोड़ शेयर, लगभग 8,665.87 करोड़ रुपये
- कुल इश्यू आकार: 47.58 करोड़ शेयर, 15,511.87 करोड़ रुपये
इन शेयरों में प्रमुख विक्रेता Tata Sons (23 करोड़ शेयर) और International Finance Corporation (IFC) (3.58 करोड़ शेयर) हैं। नई पूँजी का प्रयोग टियर‑I कैपिटल बढ़ाने और ऋण वृद्धि को तेज़ करने के लिए किया जाएगा।
ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) की स्थिति
शुरुआत में GMP 100‑150 रुपये के आसपास रहा, पर 11 अक्टूबर 2025 को सुबह 09:00 बजे यह मात्र 5 रुपये पर गिर गया। इसका मतलब संभावित लिस्टिंग प्राइस 331 रुपये और सिर्फ 2% की मामूली रिटर्न है। यह गिरावट दो कारणों से आई – बड़े इश्यू आकार और OFS हिस्सा जो बाजार में आपूर्ति को बढ़ाता है। फिर भी, संस्थागत निवेशकों की रुचि अभी भी ठोस मानी जा रही है, क्योंकि Tata Capital की ब्रांड वैल्यू और NBFC बुनियादी तत्व मजबूत हैं।
वैल्यूएशन एवं विश्लेषकों की चेतावनियाँ
ऑस्ट्रेलिया‑आधारित वित्तीय सलाहकार Macquarie ने इस आईपीओ को “स्तर‑ऊपर” वैल्यूएशन वाला कहा। उनका विश्लेषण दर्शाता है कि FY25 में Tata Capital का ROE 12% और ROA 1.7% है, जो Bajaj Finance (ROE 19.2%, ROA 4.6%) से काफी नीचे है। 60% डिस्काउंट पर भी, अर्थात 300 रुपये के करीब, P/B अनुपात 6.4x रह जाता है, जो अधिकांश NBFCs से ज्यादा है।
Macquarie ने चेतावनी दी कि अगर इस कीमत पर लिस्टिंग हुई, तो अनलिस्टेड मार्केट वैल्यूएशन को रीसेट किया जा सकता है, जिससे पूरे NBFC सेक्टर में पुनर्मूल्यांकन का दबाव बढ़ेगा। इस स्थिति में होम लोन, ऑटो लोन और SME सेक्टर में उच्च वृद्धि की अपेक्षा निवेशकों से जुड़े जोखिम को बढ़ा देगी।
प्रमुख योगदानकर्ता और उपयोग हेतु धन का उपयोग
प्रमोटर Tata Sons का 23 करोड़ शेयर बिक्री से न केवल शेयरधारकों को तरलता मिलेगी, बल्कि टाटा समूह के अन्य व्यवसायों के लिए भी स्थिर पूँजी की व्यवस्था होगी। वहीं, IFC के हिस्से की बिक्री से अंतरराष्ट्रीय विकास फाइनेंसिंग को संकेत मिलता है – अर्थात् टाटा समूह के विकास को वैश्विक मानकों के साथ जोड़ना।
ताजा इश्यू के माध्यम से जुटाई गई 1,751.85 करोड़ रुपये (जुलाई‑ऑगस्त 2025 में अधिकार इश्यू से) के अलावा, अब नई पूँजी को टियर‑I कैपिटल बढ़ाने और डिजिटल लोन प्लेटफ़ॉर्म को स्केल‑अप करने में लगाया जाएगा। FY25 में कंपनी ने 2.3 लाख करोड़ रुपये के AUM, 1,500+ शाखाएँ और 73 लाख ग्राहकों को डिजिटल चैनल के माध्यम से जोड़ा है।
भविष्य के प्रभाव और निवेशकों के लिये सलाह
यह आईपीओ Tata Capital IPO भारत के इतिहास में चौथा सबसे बड़ा होगा, केवल LIC, Paytm और Hyundai Motor India के बाद। अगर बिडिंग प्रक्रिया में उच्च भागीदारी बनी रहती है, तो लिस्टिंग के बाद शेयर कीमत में मामूली उछाल संभव है, लेकिन बड़े डिस्काउंट और कमजोर GMP को देखते हुए सावधानी बरतना ही समझदारी होगी।
निवेशकों को चाहिए कि वे अपने पोर्टफ़ोलियो में जोखिम और रिटर्न को संतुलित रखें। यदि आप के पास छोटी‑सी राशि है और आप टाटा समूह के ब्रांड पर भरोसा रखते हैं, तो 46 शेयर के न्यूनतम लॉट को पकड़ना उचित हो सकता है। लेकिन पेशेवर सलाहकार की राय लेकर, वैल्यूएशन की तुलना समान NBFCs से करने के बाद ही निर्णय लेना चाहिए।
अंत में, MUFG Intime India Pvt. Ltd. को इस आईपीओ का रजिस्ट्रीयर नियुक्त किया गया है। बिडिंग समाप्ति के बाद 9 अक्टूबर को अलॉटमेंट वैध होगी और 10 अक्टूबर को रिफंड प्रक्रिया शुरू होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Tata Capital IPO में न्यूनतम निवेश कितना है?
न्यूनतम लॉट आकार 46 शेयर है, जिसका वर्तमान प्राइस बैंड 310‑326 रुपये है, इसलिए न्यूनतम निवेश लगभग 14,996 रुपये से शुरू होता है।
Grey Market Premium (GMP) में गिरावट का कारण क्या है?
बड़े इश्यू आकार, ऑफर‑फ़र‑सेल की वॉल्यूम और मौजूदा अनलिस्टेड शेयरों की कीमत में 30% से अधिक कमी ने निवेशकों को कम प्रीमियम के लिए तैयार किया है।
क्या इस IPO में Institutional Investors का हिस्सा बड़ा है?
हाँ, एंकर बुकिंग 3 अक्टूबर को पूरी हो चुकी है, जिससे दर्शाया गया है कि प्रमुख संस्थागत फंड्स ने अपने हिस्से की बुकिंग कर ली है।
Tata Capital की वित्तीय स्थिति कैसी है?
FY25 में कंपनी का ROE 12% और ROA 1.7% है, NPA अनुपात लगभग 1% है, और 98% ग्राहक डिजिटल मोड से जुड़ते हैं, जो मजबूत बुनियादी तत्व दर्शाता है।
भविष्य में Tata Capital के शेयरों की संभावनाएँ क्या हैं?
यदि कंपनी अपने टियर‑I कैपिटल को बढ़ाकर ऋण पोर्टफ़ोलियो का विस्तार करती रहती है, तो दीर्घकालिक रिटर्न सकारात्मक हो सकता है, परन्तु ऊँचा P/B और कमजोर GMP से अल्पकालिक अस्थिरता का जोखिम रहा है।
Rashid Ali
भाईयो, Tata Capital का IPO अभी शुरू हुआ है और भारत का सबसे बड़ा NBFC इश्यू होने वाला है। बिडिंग जल्दी बंद हो रही है, इसलिए देर ना करें। प्राइस बैंड 310‑326 रुपये है, तो सोच-समझ कर निवेश करें। यदि आप टैटा ग्रुप में भरोसा रखते हैं, तो यह मौका परखा जाए। लेकिन हमेशा अपने पोर्टफ़ोलियो का संतुलन रखें।
Prince Naeem
गरजते हुए ये देखना सही है कि ग्रे मार्केट प्रीमियम गिरी है, लेकिन कंपनी की बुनियादी ताकत अभी भी मजबूत लगती है। ROE और ROA दूसरे बड़े NBFC से थोड़ा पीछे है, पर ब्रांड वैल्यू मदद करेगी। इसलिए सोच-समझ कर बिडिंग में भाग लें।
Jay Fuentes
बिल्कुल सही कहा, दोस्त। ग्रे मार्केट प्रीमियम गिरना डरावना लगता है, पर कंपनी के डिजिटल चैनल और बड़े ग्राहक आधार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर आप छोटे लॉट में भी निवेश कर सकते हैं, तो 46 शेयर के न्यूनतम लॉट को पकड़ें। फिर बाद में आगे बढ़ते रहें।
akash shaikh
ओह यार, इस GMP उतार‑चढ़ाव को देख कर लगता है जैसे कोई प्री‑ऑर्डर ऑफर हो! 5 रुपये पर प्रीमियम? मतलब बस बोरिंग से 331 में लिस्टिंग, यूँ तो सब कहते हैं जाओ, लेकिन थोड़ा ड्रामा तो चाहिए ना। बड़ा इश्यू, OFS, सब मिलाकर सब उलझा रहा है। फिर भी लोग बुकिंग कर रहे हैं, क्या बात है।
Anil Puri
सच कहूँ तो, इतना बड़ा इश्यू और कम प्रीमियम 보는 में जोखिम तो है। कई लोग एकदम भरोसा करके अपनी पूँजी लगा रहे हैं, पर क्या वो टाटा समूह की साख पर ही भरोसा करते हैं? इस कीमत पर P/B 6.4x है, जो सामान्य NBFC से ऊपर है, तो डिस्काउंट कम लग रहा है। मेरा मानना है कि अभी हार्ड पैसा लगाना और भी समझदारी हो सकती है।