अज़मेगढ़ में कबड्डी चयन प्रतियोगिता: 69वें जिला टूर्नामेंट के लिए धावकों की छँटाई

सितंबर 26 Roy Iryan 12 टिप्पणि

प्रतियोगिता का आयोजन और स्वरूप

अज़मेगढ़ जिले ने 23 सितंबर 2025 को एक बड़े स्तर पर कबड्डी चयन का आयोजन किया। यह प्रतियोगिता 69वें जिला कबड्डी टूर्नामेंट की तैयारी के तहत आयोजित हुई, जहाँ कई स्कूल, कॉलेज और स्वैच्छिक संस्थान अपने प्रतिनिधि प्रस्तुत कर रहे थे। शैक्षणिक संस्थान श्री चेनराम बाबा इंट्रा कॉलेज, साहतवार को प्रमुख स्थल बनाया गया, जहाँ दो अलग‑अलग कोर्ट तैयार किए गए।

प्रतियोगिता में लड़के‑लड़कियों को 14, 17 और 19 वर्ष की आयु वर्ग में विभाजित किया गया। प्रत्येक आयु समूह में पुरुष और महिला दोनों श्रेणियों में मुकाबले हुए, जिससे अधिकतम प्रतिभा को उजागर किया जा सके।

मुख्य अतिथि, विशेष मेहमान और चयन प्रक्रिया

मुख्य अतिथि, विशेष मेहमान और चयन प्रक्रिया

समारोह का उद्घाटन जिला प्रमुख DIOS देवेंद्र कुमार गुप्ता ने किया। उन्होंने चयन प्रक्रिया की निगरानी की और प्रतिभागियों को व्यक्तिगत रूप से देख कर उनके खेल कौशल को नोट किया। इस अवसर पर नीरेज सिंह गुड्डू, आशोक पाठक और दिनेश प्रसाद को विशेष मेहमानों के रूप में बुलाया गया। प्रधानाचार्य रमेश चंद्र ओझा ने अपने हार्दिक शुभकामनाएं व्यक्त कीं, जिससे खिलाड़ियों को उत्साह मिला।

मुख्य अतिथि की देखरेख में चयन को दो चरणों में बाँटा गया: पहला चरण प्रारंभिक ट्रायल, जहाँ प्रत्येक टीम ने निर्धारित समय में अपने खिलाड़ियों को प्रस्तुत किया; दूसरा चरण में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को आगे के प्रशिक्षण एवं जिला‑स्तर के टूर्नामेंट के लिए चुना गया।

प्रतियोगिता में भाग लेने वाली प्रमुख संस्थाओं की सूची इस प्रकार थी:

  • एमएएम टीडी इंक.
  • कुंवर सिंह इंक.
  • गांधी इंक.
  • अमरनाथ इंक.
  • जनता इंक.
  • शिवकुमार गुप्ता इंक.
  • और कई अन्य स्थानीय क्लब और शैक्षणिक संस्थान।

हर टीम ने अपनी रणनीति और टीम वर्क को दिखाते हुए आकर्षक मैचों का संचालन किया। दर्शकों ने इन मुकाबलों को उत्साह के साथ देखा और कई बार तालियों की गड़गड़ाहट से मैदान गूँज उठा।

प्रतियोगिता में दिखी ऊर्जा ने यह स्पष्ट कर दिया कि अज़मेगढ़ में कबड्डी का आधार काफी मजबूत है और सही दिशा में प्रयास किए जाएँ तो यह खेल राष्ट्रीय स्तर पर भी चमक सकता है। चयन के बाद चुने गए खिलाड़ियों को जिला स्तर के कोचिंग कैंप में भेजा जाएगा, जहाँ उन्हें तकनीकी, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तैयारी के लिए विशेष प्रशिक्षण मिलेगा।

जजों और प्रशिक्षकों ने बताया कि चयन प्रक्रिया पूरी तरह से निष्पक्ष रही, और हर खिलाड़ी को समान अवसर दिया गया। भविष्य में इस तरह के चयन को और अधिक संस्थानों के साथ विस्तारित करने की योजना है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कबड्डी के प्रतिभा को पहचान मिल सके।

Roy Iryan

Roy Iryan (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

Rohan singh

Rohan singh

ये तो बहुत अच्छा लगा! अज़मेगढ़ के युवाओं में ऐसी ऊर्जा है कि अगर इसे सही दिशा में ले जाया जाए तो अगले 5 साल में भारत की कबड्डी टीम फिर से विश्व चैम्पियन बन सकती है। बस थोड़ा सा सही ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए।

Karan Chadda

Karan Chadda

इतना बड़ा टूर्नामेंट और फिर भी कोई टीवी कवरेज नहीं? 🤦‍♂️ ये देश क्या है जहाँ खेल के लिए नहीं बल्कि राजनीति के लिए पैसा खर्च होता है? #जिला_कबड्डी_में_भी_प्रगति_चाहिए

Shivani Sinha

Shivani Sinha

बस इतना ही? अच्छा तो अब गाँव के बच्चे भी खेलेंगे और बाद में उन्हें भूल जाएंगे। ये सब तो बस फोटो खींचने के लिए होता है। जब तक गाँव में बेसिक ग्राउंड नहीं बनेंगे तब तक ये सब नाटक है।

Tarun Gurung

Tarun Gurung

अरे भाई ये तो ज़बरदस्त है! देखो ये बच्चे बिना किसी फैंसी गियर के, बस जमीन पर दौड़ रहे हैं, लेकिन उनकी आत्मा जल रही है। ये वो खेल है जिसमें दिल होता है, ना कि बजट। अगर हम इन बच्चों को एक छोटा सा कोचिंग सेंटर दे दें, तो ये लोग अगले 10 साल में देश को गौरवान्वित करेंगे।

Rutuja Ghule

Rutuja Ghule

इस तरह के टूर्नामेंट का असली उद्देश्य तो ये है कि लोगों को धोखा दिया जाए कि खेल बढ़ रहा है। असल में कोई भी स्थानीय स्तर पर रियल इन्वेस्टमेंट नहीं होता। ये सब फ्लैशी फोटो शूटिंग है।

vamsi Pandala

vamsi Pandala

अरे यार ये जिला टूर्नामेंट देख कर तो मेरी आँखों में आँसू आ गए। मैंने अपने बचपन में यही खेला था। अब तो बच्चे फोन पर गेम खेलते हैं। ये जो लड़के हैं, उन्हें मैं अपना बेटा समझता हूँ।

nasser moafi

nasser moafi

अज़मेगढ़ के बच्चे ने दिखा दिया कि हिंदुस्तानी खून में अभी भी लहू दौड़ रहा है 😎🔥 ये वो खेल है जिसने भारत को दुनिया में नाम दिया। अब बस इन्हें फुल सपोर्ट दो और देखो जादू कैसे होता है 🇮🇳

Saravanan Thirumoorthy

Saravanan Thirumoorthy

हमारे देश में खेलों को बर्बाद कर दिया गया है। जिला स्तर पर भी कोई नहीं देखता। अगर ये खेल इतना अच्छा है तो फिर आईएसएल जैसा क्यों नहीं बनाया जाता?

Tejas Shreshth

Tejas Shreshth

इतना सारा आयोजन और फिर भी अभी तक कोई रिसर्च नहीं हुई कि इन बच्चों की फिजिकल एन्डोक्राइनल डेवलपमेंट कैसी है? ये सब तो बस एक लोकल फेस्टिवल है। कोई डेटा कलेक्शन हुआ? कोई स्टैटिस्टिक्स? नहीं? तो फिर इसे जिला टूर्नामेंट कहना बहुत अतिशयोक्ति है।

sarika bhardwaj

sarika bhardwaj

इन बच्चों को बेसिक न्यूट्रिशन और मेंटल हेल्थ सपोर्ट देना ज़रूरी है। वरना वो जल्दी ही बर्न आउट हो जाएंगे। खेल का जोश तो है, लेकिन सिस्टम नहीं। #कबड्डी_में_मेंटल_हेल्थ_भी_चाहिए

Hitendra Singh Kushwah

Hitendra Singh Kushwah

अज़मेगढ़ के बच्चे ने दिखाया कि असली टैलेंट बाहरी जगहों से नहीं आता, बल्कि भारत की गलियों से आता है। अब बस इनके लिए एक अच्छा राष्ट्रीय कोचिंग सेंटर बन जाए।

Dr Vijay Raghavan

Dr Vijay Raghavan

ये खेल तो हमारी संस्कृति का हिस्सा है। अब तक इसे अनदेखा किया गया। अगर हम इसे राष्ट्रीय स्तर पर लाते हैं तो ये भारत की नई आईडेंटिटी बन सकता है।

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