चम्पई सोरेन ने भाजपा का दामन थामा: झारखंड में राजनीति का बड़ा उलटफेर
झारखंड में राजनीतिक भूचाल: चम्पई सोरेन ने थामा भाजपा का हाथ
झारखंड की राजनीति में एक बड़ा उलटफेर हुआ है जब पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। यह कदम राज्य की राजनीति में हलचल पैदा कर चुका है और आगामी चुनावों में भी इसके महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकते हैं।
चम्पई सोरेन का JMM से इस्तीफा देना और भाजपा में शामिल होना उनके पुराने पार्टी में असंतोष और कथित अपमान के कारण हुआ है। 28 अगस्त को आधिकारिक तौर पर JMM से इस्तीफा देने के बाद, सोरेन ने भाजपा में जाने का निर्णय लिया। इस घोषणा के वक्त केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, और झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी मौजूद थे।
चम्पई सोरेन ने स्पष्ट किया कि उनमें अभी भी राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की इच्छा है। पहले तो वे निवृत्ति लेने या एक नया संगठन बनाए जाने की सोच रहे थे, लेकिन अंततः भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया क्योंकि उनका मानना है कि यह पार्टी उनके विचारों और लक्ष्यों के लिए सबसे उपयुक्त मंच है। उन्होंने झारखंड के विकास और आदिवासी समुदाय की भलाई के लिए प्रतिबद्धता जताई।
इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री जितन राम मांझी ने सोरेन के निर्णय का स्वागत किया और मुख्यमंत्री के रूप में उनके काम की तारीफ की जबकि JMM पर आरोप लगाया कि उन्होंने सोरेन का अपमान किया। दूसरी ओर, JMM नेता मनोज पांडे ने भाजपा को अन्य पार्टियों के नेताओं पर निर्भर होने का और आरोप लगाया कि जो लोग JMM छोड़कर अन्य पार्टियों में जाते हैं उन्हें वहां वो प्रतिष्ठा नहीं मिलती जिसकी वे हकदार हैं।
सीएम के रूप में सोरेन की भूमिका
गौरतलब है कि चम्पई सोरेन ने कुछ समय के लिए झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा दी थी। उन्होंने यह पद हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद संभाला था, जब उन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में रामदास सोरेन, जो घाटशिला से विधायक हैं, ने उनकी जगह राज्य कैबिनेट में प्रवेश किया।
सोरेन के भाजपा में शामिल होने के इस निर्णय का राज्य की राजनीति पर व्यापक प्रभव पड़ने की संभावना है। यह कदम भाजपा के लिए आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को भी नया रंग दे सकता है।
भाजपा के लिए रणनीतिक कदम
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चम्पई सोरेन का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए एक बड़ी रणनीतिक चाल है। झारखंड में आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए, यह कदम भाजपा को आदिवासी समुदाय के बीच अपने आधार को मजबूत करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, सोरेन जैसे अनुभवी नेता का साथ भाजपा की रणनीति को और भी प्रभावी बना सकता है।
भाजपा द्वारा चम्पई सोरेन का स्वागत एक बड़ी राजनीतिक चाल के रूप में देखा जा रहा है, जिसने JMM के भीतर भी हलचल मचा दी है। JMM के कई वरिष्ठ नेताओं ने इस कदम का विरोध किया है और इसे पार्टी के लिए क्षति के रूप में देखा है।
सोरेन की आगे की रणनीति
चम्पई सोरेन की आगे की राजनीतिक रणनीति भी चर्चा का विषय बनी हुई है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनका उद्देश्य झारखंड के विकास और आदिवासी समुदाय की भलाई के लिए काम करना है। भाजपा में शामिल होने के बाद उनका पहला कदम इसी दिशा में होगा।
सोरेन ने भाजपा की नीतियों और नेतृत्व शैली की तारीफ की है और विश्वास जताया है कि वह झारखंड के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा का मंच उनके उद्देश्यों को पूरा करने का सबसे अच्छा माध्यम है और वे इसके माध्यम से राज्य की सेवा करने के लिए तत्पर हैं।
यह देखना होगा कि सोरेन का यह कदम राज्य की राजनीति में किस प्रकार के बदलाव लाता है और कैसे यह निर्णय आगामी चुनावों को प्रभावित करता है।
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