दलीप ट्रॉफी में संजू सैमसन का अद्वितीय प्रदर्शन
दलीप ट्रॉफी में भारत डी के बल्लेबाज संजू सैमसन ने अपने खेल से एक बार फिर सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने पहले दिन नाबाद 89 रन बनाए और अपनी टीम के लिए 305 पर 5 विकेट का स्कोर बनवाया। संजू की इस पारी ने न केवल उनकी बल्लेबाजी क्षमता को दर्शाया, बल्कि उनके धैर्य और रणनीतिक दृष्टिकोण को भी सामने रखा।
संजू सैमसन की पारी का विश्लेषण
संजू सैमसन का यह प्रदर्शन उनकी मानसिक मजबूती और तकनीकी सुधार का प्रमाण था। खासकर जब स्पिनरों ने उन्हें सिर ऊँचा कर बड़े शॉट्स खेलने के लिए प्रेरित किया, तब भी उन्होंने एक-एक रन संजोते हुए बल्लेबाजी की। संजू की पारी विशेष इसलिए भी रही क्योंकि उन्होंने कठिन परिस्थिति में भी ठोस बल्लेबाजी की और अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण रन जोड़े।
श्रेयस अय्यर का निराशाजनक प्रदर्शन
दूसरी ओर, श्रेयस अय्यर का फॉर्म इस मैच में भी उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। वह जल्दी ही आउट हो गए और इसका लाभ भारत डी की टीम ने उठाया। अय्यर का इन परिस्थितियों में जल्दी आउट होना दर्शाता है कि कैसे एक समय पर छोटी मानसिक चूक भी बड़े असर डाल सकती है।
अन्य बल्लेबाजों का योगदान
भारत डी की इस पारी में अन्य बल्लेबाजों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। देवदत्त पडिक्कल, श्रीकर भरत और रिकी भुई ने अपनी टीम की नींव को मजबूत बनाने में योगदान दिया। इन बल्लेबाजों के शांत और स्थिर खेल ने संजू सैमसन को सही साथी का अहसास दिया और टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
संजू की नई रणनीति और चयन संभावना
संजू सैमसन ने इस मैच के दौरान अपनी बल्लेबाजी में कुछ नई तकनीकी बदलाव दिखाए। उन्होंने अपनी पारी के दौरान बेहतर संतुलन और स्थिरता बनाए रखी, जो उनके भविष्य के खेल में भी अहम साबित हो सकता है। संजू सैमसन की यह परिपक्वता और धैर्य भविष्य में उनके चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
vamsi Pandala
संजू ने जो किया वो कुछ और नहीं, बस बल्ला घुमाया और रन बनाए। श्रेयस तो बस बैठ गए जैसे कोई बैंक जाम हो गया हो।
sarika bhardwaj
इस तरह की बल्लेबाजी को तो बस देखकर ही लगता है कि ये आदमी बैठकर गहराई से सोचता है। टेक्निकल एक्यूरेसी, रिजिलिएंस, फोकस - सब कुछ यहाँ पर है।
nasser moafi
संजू ने जो किया वो भारतीय क्रिकेट के लिए एक नया निशान बना दिया। 🙌 अब तो ये टीम इंडिया के लिए बस इसी को चाहिए - धैर्य, दिमाग, और बिना डरे खेलना।
Rutuja Ghule
श्रेयस अय्यर का ये निराशाजनक प्रदर्शन बिल्कुल अनावश्यक था। उनकी बल्लेबाजी में अब तक कोई लगातार रुचि नहीं दिख रही। ये अपने नाम को बर्बाद कर रहे हैं।
Dr Vijay Raghavan
अगर श्रेयस अय्यर इतना आसानी से आउट हो जाते हैं तो फिर उन्हें टीम इंडिया में जगह क्यों? हमारे बल्लेबाज तो ऐसे होने चाहिए जो गेंद को चारों ओर फेंक दें।
Tejas Shreshth
संजू की पारी एक फिलॉसफिकल एक्सप्रेशन थी - जीवन के साथ जैसे लड़ना है, तो धीरे-धीरे आगे बढ़ो, बिना जल्दबाजी के। श्रेयस तो बस एक जिंदगी का फ्लैश था।
Partha Roy
अय्यर के खिलाफ तो लगता है कि कोई जादूगर चल रहा है जो हर बार उन्हें आउट कर देता है। ये तो बस एक बर्बादी है। अब तो उन्हें बैंच पर रख देना चाहिए।
Kamlesh Dhakad
संजू का खेल देखकर लगता है जैसे कोई शास्त्री बांसुरी बजा रहा हो। बिल्कुल शांत, बिना जल्दबाजी के। बहुत अच्छा लगा।
ADI Homes
ये सब बातें तो अच्छी हैं, लेकिन अगर श्रेयस अय्यर को बार-बार फेल होना पड़ रहा है, तो क्या उनके साथ कोई बड़ी मानसिक चीज चल रही होगी? बस उन्हें समझने की कोशिश करो।
NEEL Saraf
संजू के खेल में तो एक ऐसा भारतीय अहसास है - जैसे गंगा का बहाव, धीरे-धीरे लेकिन बेहद गहरा। ये बल्लेबाजी नहीं, ये तो एक जीवन दर्शन है।
Hitendra Singh Kushwah
संजू की इस पारी को देखकर लगता है कि वो अपने अंदर के बच्चे को ढूंढ रहे हैं - जो बिना डर के खेलता है। श्रेयस तो बस अपने बाहरी अहंकार के बंधन में फंसे हुए हैं।
Hemant Kumar
संजू के खेल को देखकर लगता है कि ये लड़का अपने बल्ले को अपना दोस्त मानता है। श्रेयस को तो अभी तक ये समझ नहीं आया कि बल्ला तो बस लकड़ी है, दिमाग है तो जीत जाता है।
Saravanan Thirumoorthy
अय्यर को टीम से बाहर कर दो। हमारे देश के लिए ऐसे खिलाड़ी नहीं चाहिए जो बार-बार गिर जाएं। संजू को कप्तान बना दो।