दिल्ली एनसीआर में 28 अक्टूबर, 2025 को सुबह से ही धूप निकली, लेकिन आसमान के नीचे एक अदृश्य खतरा छिपा था — केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, पिछले दिन का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 315 था — 'गंभीर' श्रेणी में। आज तापमान 28.9°C तक पहुँचा, लेकिन लोगों को बाहर निकलने में अभी भी सावधानी बरतनी पड़ रही है।
आज का मौसम: सुंदर लेकिन खतरनाक
सुबह 9:30 बजे तापमान 24°C था, लेकिन 'अनुभव' किया गया तापमान 25°C के पार चला गया। हवा की गति सिर्फ 4 किमी/घंटा थी, और आर्द्रता 54% थी। दिखाई देने वाली दूरी 10 किमी थी — लगता है जैसे आकाश साफ है। लेकिन यह साफी बस आँखों की है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अनुसार, पिछले दिन के डेटा में PM2.5 का स्तर 147 µg/m³ था, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। PM10 190 µg/m³ और कार्बन मोनोऑक्साइड 641 µg/m³ था।
अगर आप बच्चे, बुजुर्ग या ब्रोंकाइटिस, अस्थमा या हृदय रोग से जूझ रहे हैं, तो ये संख्याएँ आपके लिए एक लाल चिह्न हैं। एक दिन पहले का AQI 315 था — यानी एक दिन में लगभग 500 लोगों को अस्थमा के कारण अस्पताल ले जाया गया, जैसा कि दिल्ली के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया। आज AQI थोड़ा सुधरकर 220 रहा — 'गंदा' श्रेणी में। यह सुधार नहीं, बल्कि बचाव है।
क्यों ये तापमान और गंदी हवा एक साथ आ रही है?
अक्टूबर का मौसम दिल्ली के लिए एक अजीब जोड़ी है — दिन में 36°C तक गर्मी, रात में 21°C का ठंडा झोंका। दिल्ली मौसम विभाग कहता है कि यह मानसून के बाद शीतकाल की ओर जाने की अवधि है। लेकिन इसी बीच निकासी और खेतों में जलाए जाने वाले अवशेषों से धुआँ बढ़ रहा है।
इस साल अक्टूबर में बरसात के सिर्फ 6 दिन थे — Weather25.com के अनुसार। बारिश का कम होना मतलब धूल और धुएँ को बाहर निकालने का कोई तरीका नहीं। जब आकाश साफ होता है, तो तापमान बढ़ता है, लेकिन धुएँ के कण नीचे उतरते नहीं — वे हवा के नीचे फंस जाते हैं। यही वजह है कि आज आपको सूरज के नीचे खुशी हो रही है, लेकिन फेफड़े तनाव में हैं।
क्या ये स्थिति बदलेगी?
हाँ। लेकिन धीरे-धीरे। AQI.in के अनुसार, 29 अक्टूबर को तापमान 31°C तक पहुँचेगा — फिर अगले दिन से गिरावट शुरू होगी। 6 नवंबर को अधिकतम तापमान 34°C से गिरकर 28°C हो जाएगा। यह तापमान गिरावट ही वायु गुणवत्ता में सुधार की कुंजी है। ठंडी हवाएँ धुएँ को नीचे धकेल देती हैं, और बारिश के आने की संभावना बढ़ जाती है।
हालाँकि, अभी तक कोई बारिश का अलर्ट नहीं है। दिल्ली मौसम विभाग ने अगले 72 घंटे के लिए कोई बारिश की भविष्यवाणी नहीं की है। इसलिए, लोगों को अभी भी घर में रहना ही बेहतर है — खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
क्या ये सिर्फ दिल्ली की समस्या है?
नहीं। गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम और मेरठ में भी AQI 250 से ऊपर है। ये एक अखंडित वायु प्रदूषण का बैंड है जो दिल्ली एनसीआर को घेरे हुए है। एक वैज्ञानिक अध्ययन ने पाया कि इस क्षेत्र की वायु में 68% कण वाहनों और ईंटों के कारखानों से आ रहे हैं — बाकी 32% खेतों के जलाने से।
अगर ये स्थिति बरकरार रही, तो अगले 15 दिनों में दिल्ली में अस्थमा के लिए एमरजेंसी केस 30% बढ़ सकते हैं। एक अस्पताल के डॉक्टर ने कहा — "हम अभी भी उन बच्चों को देख रहे हैं जिनके घर में एयर कंडीशनर नहीं है। वे बाहर खेल रहे हैं, और फिर घर आकर सांस लेने में तकलीफ हो रही है।"
आज क्या करें?
- बच्चों और बुजुर्गों को बाहर न निकालें, खासकर सुबह 6 बजे से 10 बजे तक
- अगर बाहर जाना ही है, तो N95 मास्क जरूर पहनें
- घर में हवा शुद्ध करने वाला उपकरण (air purifier) चलाएँ
- पानी अधिक पिएँ — शरीर को विषैले कणों को बाहर निकालने में मदद मिलती है
- खिड़कियाँ बंद रखें, खासकर शाम को जब धुएँ का स्तर अधिक होता है
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या आज दिल्ली में बारिश होगी?
नहीं। दिल्ली मौसम विभाग ने 28 अक्टूबर के लिए कोई बारिश का अलर्ट नहीं जारी किया है। हालाँकि, अक्टूबर के अंत तक छह दिन बारिश की संभावना है, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार हो सकता है।
पिछले दिन का AQI 315 क्यों इतना खतरनाक है?
AQI 315 का मतलब है कि हवा में खतरनाक कणों का स्तर इतना अधिक है कि बिना किसी सावधानी के बाहर रहना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इस स्तर पर, बच्चे, बुजुर्ग और दिल के रोगियों को सांस लेने में तकलीफ होती है। अस्पतालों में अस्थमा के मामले 2-3 गुना बढ़ जाते हैं।
क्या एयर प्यूरिफायर वास्तव में मदद करता है?
हाँ, लेकिन सही तरीके से। एक अच्छा N95-स्टैंडर्ड एयर प्यूरिफायर 95% PM2.5 कणों को फिल्टर कर सकता है। लेकिन अगर आप इसे कमरे में चलाते हैं और खिड़कियाँ खोल देते हैं, तो यह बेकार है। घर को बंद रखें, और एयर प्यूरिफायर को कमरे के बीच में रखें।
क्या बाहर दौड़ना या व्यायाम करना सुरक्षित है?
नहीं। व्यायाम करते समय आप अधिक हवा लेते हैं — और इससे विषैले कण फेफड़ों में अधिक घुल जाते हैं। अगर आप बाहर दौड़ते हैं, तो आप एक घंटे में ऐसे कण लेते हैं जो आप एक दिन में सामान्य रूप से लेते हैं। घर पर योग या ट्रेडमिल पर व्यायाम करें।
क्या ये वायु प्रदूषण सिर्फ अक्टूबर में होता है?
नहीं। यह अक्टूबर और नवंबर में सबसे खराब होता है, क्योंकि खेतों में खरपतवार जलाया जाता है और ठंडी हवाएँ धुएँ को नीचे दबा देती हैं। लेकिन दिल्ली में पूरे साल वायु प्रदूषण है — सिर्फ अक्टूबर में यह ज्यादा दिखाई देता है।
अगले सप्ताह तापमान कैसा रहेगा?
29 अक्टूबर को तापमान 31°C तक पहुँच सकता है, लेकिन 30 अक्टूबर से गिरावट शुरू होगी। 6 नवंबर तक दिन का अधिकतम तापमान 28°C तक गिर जाएगा। यह गिरावट ही वायु गुणवत्ता में सुधार की आशा का कारण है।
sneha arora
बहुत डरावना है यार 😢 बच्चे घर से बाहर निकल पाते हैं तो फेफड़े खराब हो जाते हैं... मैं रोज़ अपनी छोटी बहन को घर पर ही रखती हूँ, वो अस्थमा से पीड़ित है। इस हवा में दौड़ना बर्बरता है।
Amit Mitra
इस तरह के दिनों में मैं अक्सर सोचता हूँ कि हमने अपने आप को कितना नुकसान पहुँचाया है। जब मैं बच्चा था, तो दिल्ली में सुबह आकाश साफ़ था, और हवा में खुशबू थी। आज न सिर्फ़ हवा गंदी है, बल्कि हमारी सोच भी गंदी हो गई है। हम बारिश का इंतज़ार कर रहे हैं, लेकिन खेतों को जलाने के लिए भी तैयार हैं। क्या हम इसे बदल नहीं सकते? ये सिर्फ़ मौसम की बात नहीं, हमारी ज़िम्मेदारी है।
Vitthal Sharma
मास्क पहनो। बाहर न जाओ। बस।
Thomas Mathew
ये सब जाल है भाई... तापमान 28.9°C है तो ये बात नहीं हो सकती कि वायु प्रदूषण इतना खतरनाक हो... ये सब गवर्नमेंट का डरावना नाटक है ताकि हम एयर प्यूरिफायर खरीदें। असल में तो ये बात जानवरों के लिए है जो दिल्ली में रहते हैं... और अगर तुम्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो शायद तुम्हारा फेफड़ा ही खराब है।
simran grewal
अरे भाई ये सब तो बस तुम लोगों का फिल्टर बनाने का तरीका है। एयर प्यूरिफायर की कंपनियाँ तो अब शेयर बाज़ार में चढ़ रही हैं। जब तुम बाहर जाने के बजाय घर में बैठे रहोगे तो तुम्हारी टैक्स बढ़ेगी। ये सब एक बड़ा बिज़नेस है।
Dr.Arunagiri Ganesan
हमें अपने आप को बदलना होगा। न सिर्फ़ बाहर की हवा को, बल्कि अपनी आदतों को। मैं अपने घर पर सोलर पैनल लगाकर बिजली का उपयोग कम कर रहा हूँ। अगर हर घर एक कदम उठाए, तो ये शहर बदल सकता है। डर के बजाय कार्रवाई करो।
Sagar Solanki
तुम सब एयर प्यूरिफायर की बात कर रहे हो... लेकिन क्या किसी ने PM2.5 के स्रोतों के बारे में गहराई से विश्लेषण किया है? डेटा के अनुसार, 68% कण वाहनों से आ रहे हैं - लेकिन इसका अर्थ है कि ये सभी वाहन एक ही स्रोत से आ रहे हैं? या फिर ये सब एक नियंत्रित अभियान है जो शहरी जनसंख्या को डरा कर नियंत्रित करना चाहता है? अगर ये सब सच है तो तुम्हें अपने बैग में एक स्पेक्ट्रोमीटर रखना चाहिए।
Vinay Menon
मैं रोज़ दिल्ली से नोएडा जाता हूँ। हर दिन एक ही रास्ता। एक दिन मैंने देखा - एक बूढ़ा आदमी अपनी बेटी के साथ बाइक पर बैठा है, और उसके चेहरे पर एक नॉर्मल मास्क है। बेटी ने उसे बताया - "पापा, ये N95 नहीं है, ये बेकार है।" बूढ़े ने मुस्कुराकर कहा - "बेटा, ये भी कुछ तो है।" ये वो बात है जिसे हम भूल जाते हैं। कुछ करना, बेहतर है कि बिल्कुल न करना।
Monika Chrząstek
मैंने अपने बेटे के लिए एयर प्यूरिफायर खरीदा था लेकिन उसे गलत जगह रख दिया था... खिड़की के पास 😅 फिर एक दिन मैंने देखा कि वो बच्चा बिना बुखार के रह रहा है... अब मैं उसे कमरे के बीच में रखती हूँ और खिड़कियाँ बंद रखती हूँ... बहुत अच्छा लग रहा है 😊
Siddharth Madan
मैंने देखा है कि जब बारिश होती है तो हवा साफ़ हो जाती है। लेकिन अगर हम बारिश का इंतज़ार करते रहेंगे तो ये समस्या कभी नहीं खत्म होगी। बारिश तो आएगी ही - लेकिन अगर हम अपने घरों में एक छोटा सा फिल्टर लगा दें, तो हम अपनी ज़िंदगी बचा सकते हैं।
chandra aja
ये सब एक अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है। दिल्ली में वायु प्रदूषण तभी बढ़ता है जब भारत की आर्थिक वृद्धि बढ़ रही होती है। विदेशी कंपनियाँ चाहती हैं कि भारतीय लोग अपनी स्वास्थ्य लागत बढ़ाएँ। ये जानबूझकर किया जा रहा है। अगर तुम ये बात नहीं समझते तो तुम बहुत अंधे हो।
Sutirtha Bagchi
मैंने तो अपने बच्चे को अस्पताल ले जाया था और डॉक्टर ने कहा कि उसके फेफड़ों में धूल के कण हैं... मैंने तुरंत एयर प्यूरिफायर खरीद लिया लेकिन अब बैटरी खत्म हो गई है और मैं नहीं जानती कि कैसे चार्ज करूँ 😭 ये सब बहुत मुश्किल है...
Nathan Roberson
मैं एक बार गाजियाबाद में रहा था... वहाँ भी यही हालत है। लेकिन एक दिन मैंने अपने बगीचे में पौधे लगाए - बारह बड़े पेड़। अब वहाँ हवा थोड़ी बेहतर है। ये बहुत छोटा कदम है... लेकिन अगर हर घर एक पेड़ लगाए, तो दिल्ली एनसीआर का नाम बदल जाएगा।