Wankhede में मुंबइंडियंस का जश्न, चेन्नई सुपर किंग्स पस्त
आईपीएल 2025 के 38वें मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने चेन्नई सुपर किंग्स पर एकतरफा जीत दर्ज की। मुंबई ने 9 विकेट से मैच जीतकर न सिर्फ अंकतालिका में ऊपर कदम बढ़ाया, बल्कि उनका नेट रन रेट भी शानदार तरीके से सुधर गया। वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए इस हाईवोल्टेज मैच में मुंबई की टीम में दमदार आत्मविश्वास दिखा।
चेन्नई सुपर किंग्स ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। लेकिन पिच पर शुरुआत से ही उनकी बल्लेबाजी लड़खड़ाती नजर आई। ऋतुराज गायकवाड़ और ऋषभ पंत की जोड़ी जल्दी आउट हो गई, जिससे मिडिल ऑर्डर पर दबाव आ गया। रवींद्र जडेजा (53 नाबाद) ने आखिर तक संघर्ष किया, जबकि शिवम दूबे (50) और अजय म्हात्रे (32) ने भी उपयोगी योगदान दिया। आखिर में CSK ने 20 ओवर में 5 विकेट पर 176 रन बनाए। लेकिन ये स्कोर वानखेड़े की तेज आउटफिल्ड को देखते हुए कम ही साबित हुआ।
मुंबई के गेंदबाजों की बात की जाए तो बुमराह और पियुष चावला ने अच्छी लाइन लेंथ से रनगति काबू में रखी। खासकर बुमराह की यॉर्कर से चेन्नई के बड़े बल्लेबाज खुलकर नहीं खेल सके। पहले दस ओवरों तक मुंबई ने चेन्नई को बांधे रखा।
चेज़ में रोहित और सूर्यकुमार ने किया खेल खत्म
लक्ष्य का पीछा करते हुए रोहित शर्मा और सूर्यकुमार यादव एकदम अलग क्लास दिखा रहे थे। दोनों ही बल्लेबाजों ने पावरप्ले में बेजोड़ शॉट्स खेले और तेजी से रन जोड़े। टीम का पहला विकेट सिर्फ 77 रन पर तिलक वर्मा के रूप में गिरा, लेकिन इसके बाद CSK का कोई भी गेंदबाज मुंबई के बल्लेबाजों को रोक नहीं पाया।
रोहित शर्मा ने 76 रन बनाए, जिसमें कई दमदार चौके-छक्के शामिल रहे। वहीं सूर्यकुमार यादव ने भी 68 रनों की नाबाद पारी खेली। दोनों ने मिलकर मात्र 15.4 ओवर में टीम को 177 रन तक पहुंचा दिया। मुंबई का यह प्रदर्शन खासतौर पर नोटिस करने लायक था क्योंकि इससे पहले दोनों टीमों की पिछली चार भिड़ंत में मुंबई को जीत नसीब नहीं हुई थी। इस बार रोहित-सूर्य की जोड़ी ने पूरा गेम पलट दिया।
दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में मुंबई ने दिल्ली कैपिटल्स और सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ भी जीत दर्ज की थी, जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है। हालांकि रोहित शर्मा का फॉर्म आईपीएल 2025 में ज्यादा स्थिर नहीं रहा है, लेकिन इस मैच में उन्होंने अपने आलोचकों को जबरदस्त जवाब दिया।
- मुंबई के लिए प्लेऑफ की राह अब आसान होती दिख रही है।
- चेन्नई सुपर किंग्स की हार से उसका प्वाइंट्स टेबल में गिरना तय है।
- CSK की बल्लेबाजी में अनुभव की कमी साफ झलकी।
- मुंबई के गेंदबाजों ने यॉर्कर और स्पिन का बढ़िया मिश्रण दिखाया।
चेन्नई के लिए फिलहाल राह और कठिन हो गई है, क्योंकि लगातार हार टीम का हौसला तोड़ सकती है। कप्तान और मैनेजमेंट के सामने अब कड़े फैसलों की घड़ी आ गई है। वहीं मुंबई इंडियंस की लय और आत्मविश्वास बाकी टीमों के लिए खतरे की घंटी बन चुके हैं।
Abhijit Padhye
ये मैच देखकर लगा जैसे क्रिकेट का असली रूप वापस आ गया है। रोहित और सूर्यकुमार की जोड़ी ने बस एक बार फिर साबित कर दिया कि टी20 में असली बल्लेबाज़ कौन होता है। ये दोनों ने बस शॉट्स नहीं खेले, बल्कि एक फिलॉसफी बना दी - बॉल को डर के बजाय एक अवसर मानो। चेन्नई की बॉलिंग तो बस एक अनुभवी शिक्षक के सामने बच्चों की तरह लग रही थी।
हर बार जब मुंबई जीतती है, तो लगता है कि ये टीम किसी अलग डायमेंशन से खेल रही है। बुमराह के यॉर्कर ने तो बस दिमाग हिला दिया। जडेजा की पारी भी अच्छी थी, लेकिन जब आपका टीम में दो ऐसे बल्लेबाज हों जो 15 ओवर में 177 रन बना दें, तो बाकी सब बस बैकग्राउंड म्यूजिक लगता है।
VIKASH KUMAR
अरे भाई ये देखो ना!!! 🤯 रोहित ने तो बस एक ओवर में 3 छक्के मारे और मैं तो कुर्सी से उड़ गया 😱 ये क्रिकेट नहीं, ये तो बॉलीवुड एक्शन फिल्म है! जब सूर्यकुमार ने उस लॉन्ग ऑन वाला शॉट लगाया, तो मेरी बहन ने फोन पर आवाज़ लगा दी - 'अरे भैया, ये तो बस एक बार फिर जादू हो गया!' 😭❤️
CSK के खिलाफ ये जीत तो बस एक मैच नहीं, ये तो एक रिवेंज है! लगता है जैसे बारिश के बाद फूल खिल गए! 🌈🏏
UMESH ANAND
मैच के परिणाम को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए, लेकिन इस प्रदर्शन के बाद यह स्पष्ट है कि आईपीएल में अब सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि नियमितता और शास्त्रीय खेल का महत्व है। मुंबई इंडियंस ने न केवल जीत हासिल की, बल्कि खेल के मूल्यों को भी प्रतिबिंबित किया। चेन्नई के बल्लेबाजों ने बहुत कम ताकतवर बल्लेबाजी की, जो एक अनुभवी टीम के लिए अस्वीकार्य है।
रोहित शर्मा की शुद्धता और सूर्यकुमार यादव की तकनीक दोनों ही उदाहरण हैं कि जब नियमित अभ्यास और विश्लेषण का संयोजन होता है, तो परिणाम स्वयं बन जाते हैं। यह खेल की शिक्षा है, न कि भावनात्मक अभिव्यक्ति।
Rohan singh
बस इतना कहूं कि ये मैच देखकर लगा जैसे दिल में कुछ नया जगमगा गया। मुंबई के लिए ये जीत बस एक अंक नहीं, ये तो एक नई ऊर्जा है। रोहित और सूर्यकुमार ने न सिर्फ रन बनाए, बल्कि टीम के दिमाग में एक नया विश्वास भी डाल दिया।
बुमराह की गेंदें तो बस बादलों के बीच बिजली की तरह लग रही थीं। और जब तुम देखो कि एक टीम इतनी आत्मविश्वास से खेल रही है, तो लगता है कि ये जीत बस शुरुआत है।
चेन्नई के लिए अभी भी रास्ता है - बस थोड़ा अपना दिमाग बदलना होगा। ये टीम कभी नहीं हारती, बस अभी थोड़ी गुस्सा में है।
Shivani Sinha
yrr yeh mumbai wale toh phir se dhamaal macha diya!! 🇮🇳🔥
Tarun Gurung
असली बात ये है कि ये मैच सिर्फ रनों का नहीं, बल्कि दिमाग का था। रोहित ने जब पहले ओवर में दो छक्के मारे, तो लगा जैसे उन्होंने चेन्नई के दिमाग का बैटरी डिस्चार्ज कर दिया।
जडेजा ने जो किया, वो बहुत अच्छा था - लेकिन जब आपके पास दो ऐसे बल्लेबाज हों जो खुद को एक इंस्ट्रूमेंट की तरह इस्तेमाल कर लें, तो बाकी सब बस एक बैकग्राउंड स्कोर हो जाता है।
बुमराह की यॉर्कर्स तो बस एक बार फिर से दिमाग घुमा देने वाली थीं। उन्होंने न सिर्फ रन रोके, बल्कि बल्लेबाजों के विचारों को भी बंद कर दिया।
मुंबई की ये जीत नए जनरेशन के लिए एक प्रेरणा है - जब आप अपने अंदर की शक्ति पर भरोसा करें, तो बाहर की ताकत कुछ भी नहीं होती।
और हां, चेन्नई के लिए - ये नहीं तो अगला मैच। ये टीम तो बस अपना दिमाग ठीक करे, बाकी सब ठीक हो जाएगा।
Rutuja Ghule
इस मैच को जीतना बस एक रन का फर्क नहीं था - ये तो एक जातीय विश्वास का विजय था। जो टीम अपने खिलाड़ियों को बार-बार बदलती है, वो कभी बड़ी नहीं बन सकती। चेन्नई ने अपने बल्लेबाजों को अपने आप में विश्वास नहीं दिया।
रोहित शर्मा को लगता है कि वो एक दिन फिर से राष्ट्रीय टीम में वापस आ जाएंगे - लेकिन ये मैच उन्हें बस एक राष्ट्रीय टीम का नहीं, बल्कि एक असली लीग का नायक बना रहा है।
और अगर आपको लगता है कि ये जीत बस एक अच्छी बल्लेबाजी का नतीजा है, तो आप गलत हैं। ये तो एक टीम के अंदर के आत्मविश्वास का नतीजा है - जो आप खरीद नहीं सकते, बल्कि बनाना पड़ता है।
vamsi Pandala
बुमराह ने जो किया, वो बस एक गेंदबाज का काम था। लेकिन रोहित और सूर्यकुमार की जोड़ी ने तो बस एक फिल्म बना दी।
CSK के लिए ये तो बस एक बर्बरता है। उनकी बल्लेबाजी तो बस एक बच्चे की लिखावट की तरह थी - अनियमित, बेकाबू, और बेकार।
मैं तो सोच रहा था कि ये मैच देखकर कौन जीतेगा - लेकिन अब लगता है कि जीतने वाला तो बस एक टीम थी - और दूसरी टीम तो बस एक बार फिर से खुद को गंवा रही थी।
nasser moafi
ये मैच देखकर लगा जैसे भारत के दिमाग में एक बड़ा ब्लूटूथ सिस्टम चल रहा है - जहां रोहित और सूर्यकुमार एक दूसरे को बिना बोले समझ रहे हैं। 😎
CSK के लिए अब बस एक ही रास्ता है - अपने बल्लेबाजों को अपने दिमाग में बैठा दो, और बाकी सब भूल जाओ।
मुंबई की जीत तो बस एक जीत नहीं, ये तो एक ट्रेंड है। अब देखो कि कौन इस ट्रेंड को अपना लेता है। 🤫🇮🇳🔥