जोमाटो की Q3 रिपोर्ट: राजस्व वृद्धि के बावजूद मुनाफे में गिरावट क्यों?

जनवरी 21 Roy Iryan 13 टिप्पणि

जोमाटो की तीसरी तिमाही रिपोर्ट: लाभ में गिरावट के बावजूद राजस्व में बढ़ोतरी

नमस्कार पाठकगण, आज हम चर्चा कर रहे हैं जोमाटो के तीसरी तिमाही परिणाम की। यह परिणाम कई मायनों में महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें भारत के फूड डिलीवरी मार्केट के एक प्रमुख खिलाड़ी जोमाटो की वित्तीय स्थिति को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने साल 2024-25 की तीसरी तिमाही में अपना समेकित शुद्ध लाभ 57% घटाकर Rs 59 करोड़ कर लिया। यह गिरावट प्रमुखतः उसके क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ब्लिंकिट के विस्तार से जुड़े खर्चों के कारण हुई है।

ब्लिंकिट और जोमाटो का संयुक्त प्रदर्शन

जहाँ एक तरफ जोमाटो का मुनाफा घटा है, वहीं इसके राजस्व में 64% की सराहनीय वृद्धि देखी गई। कंपनी का कुल राजस्व इस तिमाही में Rs 5,405 करोड़ पहुंच गया, जो एक साल पहले Rs 3,288 करोड़ पर था और पिछली तिमाही के Rs 4,799 करोड़ से 12.6% अधिक है। जोमाटो के फूड डिलीवरी व्यवसाय में भी इस तिमाही के दौरान 22% की वृद्धि हुई, जबकि ग्रॉस ऑर्डर वेल्यू (GOV) साल दर साल 17% बढ़कर Rs 9,913 करोड़ हो गया।

ब्लिंकिट, जोमाटो का क्विक कॉमर्स विंग, ने इस तिमाही में राजस्व को दोगुने से अधिक बढ़त करते हुए Rs 1,399 करोड़ तक पहुँचाया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही में Rs 644 करोड़ था। ब्लिंकिट के घाटे में भी 46.42% की कमी देखी गई, घाटा Rs 56 करोड़ से घटकर Rs 30 करोड़ रह गया।

भविष्य की योजना और विस्तार

जोमाटो के पास अब Rs 19,235 करोड़ का कैश बैलेंस है, जो कि एक योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) से प्राप्त Rs 8,446 करोड़ से मजबूत हुआ है। कंपनी का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक ब्लिंकिट स्टोर्स की संख्या को 2,000 तक बढ़ाना है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने डार्क स्टोर की गिनती Q3 में 1,007 तक बढ़ा ली है, जो Q2FY25 में 791 थी। इस विस्तार के पीछे का एक महत्वपूर्ण कारण सप्लाई चैन को सुधारना और सेवाएं और भी तेज बनाना है।

कंपनी के सह-संस्थापक और सीईओ, दीपिंदर गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि सेवा समय को घटाकर मांग में वृद्ध‍ि की जा सकती है। उन्होंने कहा कि डिलीवरी टाइम को 45 मिनट से घटाकर लगभग 30 मिनट करना मांग को प्रभावी रूप से बढ़ाता है।

अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय पहलू

जाने-माने और बाहर खाने की सभी सेवाओं से संबंधित जाते हुए व्यवसाय की ओर से कंपनी ने इस तिमाही में Rs 259 करोड़ का राजस्व कमाया, जो पिछली तिमाही के Rs 154 करोड़ से 68% की वृद्धि दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, कंपनी के B2B सप्लाई वर्टिकल, हाइपरप्योर ने तिमाही दर तिमाही अपने राजस्व में 13.4% की वृद्धि करते हुए Rs 1,671 करोड़ अर्जित किए।

जोमाटो के शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लाल निशान में बंद हुए, जो 3.14% गिरकर Rs 240.95 पर पहुंचे, हालांकि व्यापक बाजार हरे निशान में बंद हुआ। यह दर्शाता है कि निवेशकों ने अपेक्षाओं से विपरीत मिले नतीजों को लेकर संकोच व्यक्त किया।

Roy Iryan

Roy Iryan (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

Rutuja Ghule

Rutuja Ghule

ये सब राजस्व बढ़ने की बातें तो बहुत अच्छी हैं, लेकिन लाभ में 57% गिरावट को नज़रअंदाज़ करना बहुत खतरनाक है। ब्लिंकिट का विस्तार तो बहुत शानदार है, लेकिन उसके लिए जो धूमधाम है, वो निवेशकों के लिए एक बड़ा चिंता का विषय है। बिना लाभ के राजस्व क्या है? एक अच्छा नंबर जो बाद में तोड़ दिया जाएगा।

vamsi Pandala

vamsi Pandala

yrr ye toh bas marketing ki baat hai... sab kuchh badi badi number se dikhate hai... lekin real life me kuchh bhi nahi hota... blinkit ka kharcha dekh ke lagta hai koi nahi soch raha ki ye paisa kahan se aayega... bas ek jhatka laga do, phir kya?

nasser moafi

nasser moafi

Bro, ye toh India ki growth ki kahani hai! 🇮🇳 जब तक आपके पास 19,235 करोड़ का कैश है, तब तक घाटा भी एक निवेश है! Blinkit को 2000 स्टोर्स तक ले जाना? बस एक बार दिल्ली में 30 मिनट में खाना मिले तो आपका दिल जीत जाएगा! 😎 ये नहीं कि हम बच्चों को दूध पिला रहे हैं, हम भारत को फूड रिवोल्यूशन दे रहे हैं!

Saravanan Thirumoorthy

Saravanan Thirumoorthy

इस देश में जो भी बड़ा बनता है वो अमेरिका के लिए बनता है ना भारत के लिए नहीं... ये सब निवेश किसी फॉरेन कंपनी के लिए है... हमारे छोटे दुकानदार कहाँ हैं... ये बड़े बड़े नंबर दिखाकर लोगों को भ्रमित कर रहे हैं

Tejas Shreshth

Tejas Shreshth

लाभ की गिरावट एक गहरी दर्शनिक घटना है। इसका मतलब है कि हम अब केवल वित्तीय लाभ के लिए नहीं, बल्कि विस्तार के लिए जी रहे हैं। यह एक नए युग की शुरुआत है, जहाँ तात्कालिक लाभ की जगह दीर्घकालिक इकोसिस्टम का निर्माण हो रहा है। जोमाटो अब एक फूड फाउंडेशन है, न कि एक डिलीवरी कंपनी।

Hitendra Singh Kushwah

Hitendra Singh Kushwah

अगर आपके पास 19,000 करोड़ का कैश है और आप ब्लिंकिट को बढ़ा रहे हैं, तो आपको बस एक बात समझनी है: लाभ एक अवधारणा है, लेकिन बाजार शेयर है। जब तक आपके पास निवेशकों का विश्वास है, तब तक आप जो भी कर सकते हैं। ये व्यापार नहीं, ये एक संस्कृति है।

sarika bhardwaj

sarika bhardwaj

क्विक कॉमर्स के लिए डार्क स्टोर्स की गिनती 1007 तक पहुँचना एक साइबर-फिजिकल सिंबियोसिस का उदाहरण है। यह लॉजिस्टिक्स ऑप्टिमाइजेशन का एक निर्णायक मोमेंट है, जो सप्लाई चेन के डेटा-ड्रिवन एप्रोच को रिडिफाइन कर रहा है। इसके बिना, डिलीवरी टाइम कम करना सिर्फ एक विज्ञापन का झूठ होता।

Dr Vijay Raghavan

Dr Vijay Raghavan

हमारे देश में ये सब नंबर तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन क्या हमने कभी सोचा कि ये सब देश के छोटे दुकानदारों के लिए क्या कर रहे हैं? हम बड़े बड़े नंबर दिखाकर अपनी जिम्मेदारी छिपा रहे हैं। ये जोमाटो का बिजनेस नहीं, हमारा भारत है।

Partha Roy

Partha Roy

ye blinkit ka loss kam hua hai toh kya matlab? ekdum sahi hai? bhai 30 crore loss bhi toh loss hi hai... aur yeh 2000 dark stores kaise banayenge? kya humare gaon mein bhi yeh karega? koi sochta hi nahi

Kamlesh Dhakad

Kamlesh Dhakad

सच बताऊं तो मुझे लगता है ये सब अच्छा हो रहा है। ब्लिंकिट का घाटा कम हुआ, राजस्व बढ़ा, डार्क स्टोर्स बढ़े... ये सब एक बड़े प्लान का हिस्सा है। अभी तो बस थोड़ा धैर्य रखो। ये जोमाटो अभी शुरुआत कर रहा है, न कि खत्म कर रहा है।

ADI Homes

ADI Homes

मुझे लगता है कि ये बातें थोड़ी जटिल हैं, लेकिन अगर कोई बच्चा 30 मिनट में घर पर खाना पा रहा है, तो वो एक छोटी सी जीत है। शायद लाभ कम है, लेकिन जिंदगी बेहतर हो रही है।

Hemant Kumar

Hemant Kumar

दीपिंदर गोयल ने जो कहा है, वो सच है। 45 मिनट से 30 मिनट तक कम करना सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि एक सामाजिक बदलाव है। ये बताता है कि हम अब तेज़ी को एक अधिकार मान रहे हैं।

NEEL Saraf

NEEL Saraf

क्या हम इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि जब हम डार्क स्टोर्स बढ़ा रहे हैं, तो हम किस तरह के नौकरियां बना रहे हैं? ये बस एक टेक कंपनी नहीं है, ये एक नए जीवन शैली का निर्माण कर रही है। बस थोड़ा धैर्य रखें... और अगर आपको लगता है कि ये गलत है, तो खुद एक ऐसी कंपनी शुरू करें!

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