प्रधानमंत्री मोदी ने उठाए सवाल
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की गिरती सेहत को लेकर गंभीर चिंता जताई। बारिपदा में एक सभा को संबोधित करते हुए, मोदी ने इशारा किया कि संभवतः एक शक्तिशाली लॉबी इस स्थिति के पीछे हो सकती है। उन्होंने कहा कि उनके पास नवीन पटनायक के निकट संबंधियों से मिली जानकारी है जो इसी दिशा में संकेत दे रही है।
वी के पांडियन पर संकेत
मोदी ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उनके बयान से यह साफ था कि उनका इशारा पटनायक के विश्वासपात्र और पूर्व IAS अधिकारी वी के पांडियन की ओर था। उन्होंने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने के बाद इस मामले की गहन जाँच होगी।
सरकार बनने पर जांच का वादा
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बताया कि ओडिशा में बीजेपी की सरकार बनने पर इस मामले के सभी पहलुओं की जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया जाएगा। यह समिति नवीन पटनायक की गिरती सेहत के कारणों का पता लगाएगी। मोदी का यह बयान आगामी 10 जून को होने वाले चुनावों के मद्देनजर आया है।
रैली में जनसंपर्क
प्रधानमंत्री मोदी ने बारिपदा के अलावा बालासोर और केंद्रपाड़ा में भी रैलियां कीं। इन रैलियों में मोदी ने जनता के फैसले की प्रशंसा की और कहा कि ओडिशा के लोग अब बीजेडी के 25 साल के शासन को खत्म करना चाह रहे हैं।
रैली में मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के चुनाव का भी उल्लेख किया जो मायूरभंज जिले की निवासी हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव ओडिशा के लिए ऐतिहासिक है और इससे ओडिशा का गौरव बढ़ा है।
चुनाव का दौर
ओडिशा में बीजेपी आगामी चुनावों में बीजेडी को सत्ता से बाहर करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है। मोदी की रैलियों से यह साफ है कि बीजेपी इस बार पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में उतरी है और वह बीजेडी के 25 साल के शासन को समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
मोदी का यह संकल्प और बयान आगामी चुनावों में भाजपा के पक्ष में जनमत को प्रभावित कर सकता है। अब देखना यह है कि क्या बीजेपी वाकई अपने वादे पर खरा उतर पाती है और नवीन पटनायक की गिरती सेहत की सच्चाई सामने ला पाती है।
VIKASH KUMAR
ये सब चुनावी नाटक है भाई! जब तक बीजेडी सत्ता में थी, तब तक कोई नहीं बोला, अब जब चुनाव आ गया तो सबकी सेहत खराब हो गई 😂
Abhijit Padhye
ये लॉबी का जिक्र तो बहुत पुराना हो चुका है। हर सरकार बदलते ही किसी न किसी को लॉबी का नाम दे देती है। असली सवाल ये है कि नवीन पटनायक की सेहत का असली कारण क्या है? क्या वो थक गए हैं या कोई और बात है?
Rohan singh
अगर ये सच है कि किसी लॉबी की वजह से सेहत खराब हुई, तो ये बहुत बड़ी बात है। लेकिन अगर बस चुनावी राजनीति है, तो इसमें क्या अच्छा है? हमें अपने नेताओं की सेहत के बारे में चिंता करनी चाहिए, न कि उन्हें बर्बाद करने की कोशिश करनी।
UMESH ANAND
मैं इस बयान को बहुत गंभीरता से लेता हूँ। एक प्रधानमंत्री के द्वारा किसी राज्य के मुख्यमंत्री की सेहत को लेकर ऐसा बयान देना अत्यंत असामान्य है। यह न केवल राजनीतिक बलात्कार है, बल्कि नैतिक अपराध भी है।
Karan Chadda
भाई ये तो बस जनता को भागा रहे हैं 🤦♂️ नवीन की सेहत खराब है? तो क्या? अब बीजेपी बचाने आई है? जब बीजेडी सत्ता में थी तो ये सब लोग चुप थे। अब बोल रहे हैं क्योंकि वो जीतने की उम्मीद कर रहे हैं 😒
Shivani Sinha
क्या हुआ यार ये सब बकवास? मोदी जी को ये सब बताने की क्या जरूरत? नवीन की सेहत का ख्याल उनके डॉक्टर और परिवार को होना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री को। ये सब चुनावी गलतफहमी है
Tarun Gurung
अगर ये लॉबी की बात सच है, तो ये बहुत गहरी बात है। लेकिन ये भी संभव है कि नवीन जी बहुत थक गए हों। 25 साल एक राज्य चलाना आसान नहीं होता। शायद इन दोनों बातों का मिश्रण है। हमें बस इंतजार करना चाहिए कि जांच क्या बताती है।
Rutuja Ghule
मोदी का ये बयान अपने आप में एक अपमान है। एक राज्य के मुख्यमंत्री की सेहत के बारे में ऐसे बयान देना न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। यह अपराध है और इसका जवाब जनता को देना चाहिए।
vamsi Pandala
अरे भाई ये तो बस एक बड़ा धोखा है। नवीन की सेहत ठीक है, बस बीजेपी को डर है कि अगर वो नहीं बोलेंगे तो ओडिशा वाले उन्हें नहीं भूलेंगे। ये सब बकवास है, बस वोट मांग रहे हैं
nasser moafi
अरे भाई, ये तो बीजेपी का नया ट्रेंड है: जिसकी सेहत खराब हो रही हो, उसके खिलाफ चलो! 😂 अब तक तो लोगों के बाल गिर रहे थे, अब बीजेडी के चेहरे पर जांच का टाइम है! #ModiSaysHealthIsPolitical
Saravanan Thirumoorthy
हमें अपने देश की शक्ति पर विश्वास करना चाहिए अगर बीजेपी को लगता है कि कुछ गलत है तो उसे जांच करना चाहिए और हम उसे समर्थन देंगे
Tejas Shreshth
ये जो बयान है, वो एक असली राजनीतिक फिलॉसफर के लिए एक गहरा अध्ययन का विषय है। शक्ति के वितरण, नियंत्रण के तंत्र, और राष्ट्रीय अहंकार का निर्माण - ये सब इस बयान के पीछे छिपे हैं। एक साधारण आदमी इसे बस चुनावी चाल समझ लेता है, लेकिन इसका गहरा अर्थ है।
Hitendra Singh Kushwah
ये बयान बहुत शिक्षाप्रद है। एक राष्ट्रीय नेता के रूप में एक राज्य के मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य पर टिप्पणी करना, यह अपने आप में एक शक्ति का संकेत है। यह न केवल राजनीति है, बल्कि एक सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकार का प्रदर्शन है।
sarika bhardwaj
इस लॉबी के अंदर निहित है एक विषमता का राजनीतिक संरचना - जो राज्य के नियंत्रण के लिए निर्मित हुई है। यह एक राष्ट्रीय स्तर पर एक नियंत्रण तंत्र का उदाहरण है। जांच नहीं, बल्कि एक नए नियम की आवश्यकता है।
Dr Vijay Raghavan
हमें अपने देश के नेताओं की सेहत के बारे में चिंता करनी चाहिए। अगर कोई लॉबी इसके पीछे है, तो यह एक राष्ट्रीय आपातकाल है। लेकिन अगर ये बस चुनावी राजनीति है, तो हमें इसे अनदेखा करना चाहिए।