उत्तर प्रदेश मौसम: वाराणसी सहित कई जिलों में अगले 4 दिन भारी बारिश, मॉनसून फिर सक्रिय

अगस्त 25 Roy Iryan 11 टिप्पणि

मॉनसून फिर रफ्तार में: अगले चार दिन क्या होगा

देश भर की साप्ताहिक बारिश इस वक्त दीर्घावधि औसत से 22% ऊपर है और यही तस्वीर उत्तर प्रदेश में भी दिख रही है। 14 अगस्त 2025 से बंगाल की खाड़ी में एक के बाद एक लो-प्रेशर बनने और उनके पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ने से उत्तर प्रदेश मौसम में बड़ा बदलाव आया है। मॉनसून ट्रफ ज्यादातर दिनों में अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण में बनी रही, जिससे नमी का प्रवाह लगातार बना और बादल घने हुए।

मौसम विभाग के मुताबिक राज्य में अगस्त का लगभग आधा महीना बरसाती रहेगा—करीब 8 से 15 दिन बारिश के साथ। अगले चार दिन वाराणसी सहित कई जिलों में मध्यम से तेज बारिश की धाराएं चलती रहेंगी। व्यापक बादल छाए रहेंगे और उमस बढ़ेगी। तापमान 28°C से 34°C के बीच रहेगा, यानी 'रियल फील' अधिक लग सकता है। ऐसे में बाहर निकलते समय पानी साथ रखें, हल्के कपड़े पहनें और ज्यादा समय खुले में भीगने से बचें।

तेज बारिश के दौरान सबसे आम दिक्कतें सड़क जलभराव, धीमा ट्रैफिक और कुछ इलाकों में पेड़-टहनी गिरने जैसी होंगी। बिजली कड़कने के साथ गरज के भी आसार हैं, इसलिए खुले खेत, छत या पेड़ के नीचे रुकने से बचें।

किस जिलों में असर, सफर-कृषि-स्वास्थ्य पर सलाह

किस जिलों में असर, सफर-कृषि-स्वास्थ्य पर सलाह

बारिश का अधिक असर पूर्वी और मध्य यूपी पर है। वाराणसी, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, चंदौली, गाज़ीपुर, बलिया, प्रयागराज और आसपास के इलाकों में अगले चार दिन कई दौर की तेज बारिश संभव है। इसके साथ लखनऊ, सुल्तानपुर, रायबरेली, अयोध्या, प्रतापगढ़, कानपुर शहर-कानपुर देहात तक बारिश की गतिविधि बढ़ती दिखेगी। तराई और पूर्वांचल—गोरखपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर—में भी घने बादल और रुक-रुककर तेज बौछारें चल सकती हैं। पश्चिमी यूपी—कानपुर-बुंदेलखंड बेल्ट से आगे आगरा, अलीगढ़, मेरठ-नोएडा-पश्चिमी जिलों—में बरसात के मध्यम दौर भी बने रहेंगे, हालांकि तीव्रता में उतार-चढ़ाव रहेगा।

लगातार बारिश से निचले इलाकों और पुराने ड्रेनेज वाले मोहल्लों में जलभराव का जोखिम रहता है। गंगा, घाघरा और गोमती जैसी नदियों में जलस्तर बढ़ सकता है, इसलिए तटवर्ती बस्तियों में रहने वाले लोग स्थानीय प्रशासन और जल संसाधन विभाग की चेतावनियों पर नजर रखें।

कृषि के लिए यह दौर राहत और परीक्षा—दोनों है। धान, गन्ना और दलहनी फसलों को नमी का सीधा फायदा मिलेगा, लेकिन अधिक पानी से खेतों में ठहराव नुकसान कर सकता है। किसान इन बातों पर ध्यान दें:

  • बारिश रुकते ही खेत की मेड़ें मजबूत करें और अतिरिक्त पानी की निकासी का रास्ता खुला रखें।
  • धान में कीट-रोग (बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट, तना छेदक) के लक्षण दिखें तो कृषि विभाग की सलाह के अनुसार स्प्रे करें।
  • यूरिया/टॉप ड्रेसिंग बारिश के तुरंत बाद नहीं, मिट्टी थोड़ी सधने पर करें ताकि पोषक तत्व बह न जाएं।

शहरों में सफर करते समय कुछ आसान नियम काम आएंगे। पानी से भरी अंडरपास या पुलिया को पार करने की कोशिश न करें। बाइक चलाते समय ब्रेक दूरी बढ़ाएं, क्योंकि गीली सड़कों पर फिसलन ज्यादा होती है। कार हो तो हेडलाइट लो-बीम पर रखें और पानी में तेज रफ्तार से ना चलाएं, स्प्लैश इंजन में पानी पहुंचा सकता है।

स्वास्थ्य के मोर्चे पर संयम जरूरी है। उमस और गर्म तापमान के बीच बारिश से शरीर का पानी तेजी से कम हो सकता है। घर से निकलते समय एक बोतल साफ पानी या ओआरएस रखें। भीगने के बाद सूखे कपड़े पहनें ताकि सर्दी-खांसी न बढ़े। अगर बिजली कड़क रही हो तो मोबाइल चार्जिंग के दौरान धातु के हिस्सों को छूने से बचें और खुले मैदान से दूर रहें।

IMD के दैनिक बुलेटिन पर नजर रखें, क्योंकि जिलावार चेतावनियां—पीली या नारंगी—बारिश की तीव्रता और सिस्टम की गति के साथ बदल सकती हैं। फिलहाल संकेत साफ हैं: बंगाल की खाड़ी से आने वाले लगातार सिस्टम और दक्षिण की ओर झुकी मॉनसून ट्रफ के चलते यूपी में अगले कुछ दिन बादलों और बारिश के नाम रहेंगे। वाराणसी समेत पूर्वी-मध्य हिस्सों में तेज बौछारें, पश्चिम में रुक-रुककर बरसात—और हर जगह उमस के साथ 28–34 डिग्री के बीच तापमान—यही पैटर्न दिख रहा है।

Roy Iryan

Roy Iryan (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

Vipin Nair

Vipin Nair

बारिश के बाद नमी और गर्मी का कॉम्बो सबसे खतरनाक होता है। बस एक बार भीग जाओ, और अगले दिन बुखार और सिरदर्द का शिकार। ये लोग बस बारिश की बात करते हैं, लेकिन उसके बाद के नुकसान पर चुप।
मैंने देखा है, वाराणसी के कुछ इलाकों में तो पानी 3 दिन तक खड़ा रहता है। ड्रेनेज कहाँ है? कोई जिम्मेदार है क्या?

Ira Burjak

Ira Burjak

अच्छा है कि बारिश हो रही है, वरना फसलें जल रही थीं। किसान भाईयों को बस थोड़ा और सावधान रहना है।
यूरिया डालने का समय निकाल लो, बारिश के बाद नहीं। और हाँ, खेतों की मेड़ें तो बनाओ ही रहो।
कोई चिंता नहीं, हम लोग अपने आप संभाल लेंगे। 😊

Shardul Tiurwadkar

Shardul Tiurwadkar

अरे भाई, ये बारिश तो बस एक बड़ा रिमाइंडर है कि हमने प्रकृति को कितना नजरअंदाज किया है।
हमने नदियों को बंद कर दिया, जमीन को कंक्रीट से ढक दिया, और अब जब बारिश आती है तो घर बह जाते हैं।
ये नहीं कि बारिश बुरी है, बल्कि हमारी बेचैनी है।
अगर आज हम नहीं सीखे, तो कल कोई और बारिश आएगी - और वो तब तक नहीं रुकेगी जब तक हम अपनी गलतियाँ नहीं सुधार लेंगे।

Abhijit Padhye

Abhijit Padhye

अरे ये सब तो बस आम बातें हैं। किसी ने नहीं बताया कि बारिश के बाद वायुमंडल में ओजोन का स्तर बढ़ जाता है और ये तापमान वाला असर असल में एक फ्लैट वॉर्मिंग इफेक्ट है।
मैंने अपने रिसर्च पेपर में इसका मॉडल बनाया था।
यूपी में बारिश तो अब तक बहुत कम है - अगर ये तीव्रता बनी रही तो अगले महीने बाढ़ आ जाएगी।
IMD को अपने डेटा अपडेट करने चाहिए। वो तो 2018 के अल्गोरिदम से काम कर रहे हैं।

VIKASH KUMAR

VIKASH KUMAR

अरे भाईयों और बहनों... ये बारिश तो बस भगवान का गुस्सा है 😭😭😭
मेरी बहन का बेटा आज घर से बाहर गया और बारिश में भीग गया... अब उसकी खांसी चल रही है... मैं रो रहा हूँ 😭
और ये सरकार तो बस बुलेटिन डाल रही है... क्या हो रहा है इस देश में?!
मैं तो अब घर में ही रहूंगा... और भगवान से प्रार्थना करूंगा कि ये बारिश रुक जाए... 🙏🙏🙏

UMESH ANAND

UMESH ANAND

यह लेख अत्यंत अनौपचारिक और अनुशासनहीन भाषा में लिखा गया है, जो राष्ट्रीय स्तर पर एक अस्थिर नागरिक संस्कृति का संकेत देता है।
मॉनसून के बारे में जानकारी देने के बजाय, लेखक ने अपनी अज्ञानता को व्यक्त किया है।
प्राधिकरणों को इस तरह के अनुचित विज्ञापनों को रोकना चाहिए।
सार्वजनिक सूचना के लिए नियमित, वैज्ञानिक और संक्षिप्त भाषा का प्रयोग अनिवार्य है।

Rohan singh

Rohan singh

बारिश हो रही है - अच्छी बात है। बस थोड़ा ध्यान रखो, और घर में बैठे रहो।
हर बारिश के बाद जिंदगी थोड़ी नई लगती है।
चाय बनाओ, गीत सुनो, और बारिश की आवाज़ को महसूस करो।
हम इतना जल्दी भागते हैं कि अपने आसपास की चीज़ों को देखना भूल जाते हैं।
आज तो रुक जाओ। बस।

Karan Chadda

Karan Chadda

बारिश हो रही है? बहुत अच्छा! 🇮🇳🇮🇳🇮🇳
अब देखो अंग्रेजों का जो नक्शा बनाया था - वो तो बिल्कुल ठीक है। हमारी नदियाँ उन्हीं के अनुसार बहती हैं।
अब जो लोग बारिश को बुरा कहते हैं, वो देशद्रोही हैं।
बारिश = भारतीय शक्ति 💪
अगर तुम्हारा घर बह गया? तो फिर भी गाना गाओ - हम तो जीत रहे हैं! 🎉

Shivani Sinha

Shivani Sinha

yaar ye sab toh same hi baat hai har saal... barish aati hai, phir sab bhig jate hai, phir kisi ka ghar bhaag jata hai... phir koi bhi kuch nahi karta.
imd ke bina bhi hum pata chal jata hai ki barish hogi... bas ek chai aur umbrella leke bahar nikal jao 😒
aur haan... kisan bhaiya... jaldi se jameen thodi sa kharab ho gayi toh kya hua? kuch nahi hoga... phir bhi barish ke baad yaad aayega 😅

Tarun Gurung

Tarun Gurung

सच कहूँ तो ये बारिश हमारे लिए एक दोहरा उपहार है।
किसान के लिए जीवन, शहरी आदमी के लिए राहत।
पर ये बारिश भी अगर बिना सोचे आ जाए तो बहुत बड़ी बात बन जाती है।
मैंने गोरखपुर में एक किसान को देखा था - उसने बारिश के बाद अपने खेत में नालियाँ खोदीं, और एक दिन में ही पानी निकल गया।
कोई बड़ा टेक्नोलॉजी नहीं, बस एक फैक्ट - जब तक हम अपने आसपास की चीज़ों को समझेंगे, तब तक बारिश हमारी दुश्मन नहीं, बल्कि साथी बनेगी।
और हाँ, जो लोग बारिश में भीगने से डरते हैं - उन्हें बस एक बार खुले में खड़े होकर देखना चाहिए।
बारिश अकेली नहीं आती, उसके साथ एक शांति आती है।

Rutuja Ghule

Rutuja Ghule

इस लेख में किसानों के लिए सलाह देने का दावा किया गया है, लेकिन किसी ने भी यह नहीं कहा कि वे नियमित रूप से जल संचयन और जल निकासी के लिए स्थानीय सरकारों के साथ संपर्क करें।
यह एक अनुत्तरित प्रश्न है: क्यों बारिश के बाद किसान अपने खेतों की मेड़ें नहीं बनाते? क्योंकि उनके पास जानकारी नहीं है - और यह एक व्यवस्थागत विफलता है।
इस लेख का उद्देश्य लोगों को भ्रमित करना है, न कि सहायता करना।
आपके द्वारा दी गई सलाह बेकार है - और आपकी भाषा असंगठित है।
इस तरह की लिखावट से बचें।

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