अशनीर ग्रोवर : भारतपे के संस्थापक की कहानी
अगर आप फिनटेक दुनिया की बात करें तो नाम सुनते ही "अशनीर ग्रोवर" ज़रूर आ जाता है। यही वो आदमी है जिसने छोटे‑छोटे दुकानदारों को डिजिटल भुगतान से जोड़ने के लिए भारतपे बनाया। लेकिन उनकी कहानी सिर्फ एक ऐप तक सीमित नहीं – इसमें कई मोड़, जोखिम और कभी‑कभी विवाद भी शामिल हैं।
शुरुआती जीवन और करियर की बुनियाद
अशनीर ग्रोवर का जन्म 1979 में दिल्ली में हुआ था। इंजीनियरिंग में डिग्री लेकर उन्होंने पहले प्रोडक्ट मैनेजमेंट में काम किया, फिर कई बड़े कंपनियों में एडवांस्ड रोल संभाले। एज़र, एरियन, और मैकडॉनल्ड्स की कई टीमों में उनका अनुभव था, जो बाद में भारतपे चलाते समय काम आया। उनका मानना था कि भारत के छोटे यंत्र को भी डिजिटल बनाना चाहिए, इसलिए उन्होंने खुद को इस मिशन में जुटा दिया।
भारतपे की धड़कन : कैसे शुरू हुआ?
2018 में उन्होंने भारतपे को लॉन्च किया। शुरुआती दौर में 10‑15 छोटे व्यापारी ही इस प्लेटफ़ॉर्म को अपनाए, लेकिन फिर धीरे‑धीरे यूज़र्स की संख्या बढ़ती गई। हर पेमेंट पर कमिशन मॉडल, QR कोड का आसान उपयोग, और फ्री कैश‑ऑफ़ सर्विस ने गाँव‑देहात तक पहुंच बनाई। पाँच साल में भारतपे ने 3 करोड़ से अधिक व्यापारियों को जोड़ दिया, और अब यह फिनटेक सेक्टर में एक बड़ा नाम है।
बिजनेस मॉडल की सच्ची ताकत यह थी कि उन्होंने वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी करके लोन देने की सुविधा भी विकास में जोड़ी। इससे छोटे दुकानों को तुरंत पूँजी मिल पाई और उनका कारोबार तेज़ी से बढ़ा।
परिचालन में रफ़्तार और चुनौतियाँ
आर्थिक तेज़ी के साथ ही ग्रोवर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2021 में कंपनी ने कुछ बड़े निवेशकों के साथ टेंशन दिखाया, जिससे बोर्ड में बदलाव हुए। कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि उन्होंने कंपनी की ओवर‑वैल्यूएशन को लेकर विवाद किया। फिर भी उन्होंने खुद को फोकस किया, नई प्रोडक्ट लाइन्स जैसे "BharatPay PayLater" लॉन्च कीं।
वहीं, विवादों के बावजूद उनका सार्वजनिक इमेज मजबूत रहा। कई बार उन्होंने मीडिया में खुला बोलकर अपने विचार रखे – जैसे "इनोवेशन के बिना भारत नहीं बदल सकता"। इस फ़्रिंज़ी रवैये ने नई प्रतिभाओं को आकर्षित किया और टीम में ऊर्जा बनी रही।
नेट वर्थ और भविष्य की दिशा
अशनीर ग्रोवर की नेट वर्थ 2024 के अंत तक लगभग 2.5‑3 बिलियन रुपये के बीच अंदाज़ित है। यह आंकड़ा उनके एशिया‑पैसिफिक फिनटेक में निवेश और भारतपे के शेयरों की वैल्यू से आया है। भविष्य में वे अधिक इनोवेटिव प्रोडक्ट्स को आगे बढ़ाने वाले हैं, जैसे डिजिटल एग्रीक्रेडिट और छोटे व्यवसायों के लिए AI‑आधारित वित्तीय सलाह।
अगर आप फिनटेक में करियर बनाना चाहते हैं या अपने छोटे व्यवसाय को डिजिटल बनाना चाहते हैं, तो अशनीर ग्रोवर की कहानी से सीखें – जोखिम ले, लगातार इटरेट करें और ग्राहकों की जरूरतों पर फोकस रखें।
अंत में, चाहे वह सफलता हो या विवाद, अशनीर ग्रोवर ने भारतीय डिजिटल भुगतान के परिदृश्य को बदल दिया है। उनके कदम और फैसले अगले सालों में भी फिनटेक स्टार्टअप्स के लिए एक बेंचमार्क बने रहेंगे।
बिग बॉस 18 के हालिया वीकेंड का वार एपिसोड में, सलमान खान ने भारतपे के सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के द्वारा उनकी फीस पर विवादित बयान की वजह से सामना किया। अशनीर ने पोडकैस्ट में दावा किया था कि उन्होंने सलमान की फीस को कम करवा दिया था। सलमान ने इन बयानों को गलत ठहराते हुए अशनीर पर दोगलापन का आरोप लगाया और सोशल मीडिया पर इस बातचीत ने खूब चर्चाएं बटोरीं।