अशनीर ग्रोवर ने बॉलीवुड सितारों को दिया सीधा संदेश: फीस के बजाय इक्विटी लो

नवंबर 26 Roy Iryan 3 टिप्पणि

अशनीर ग्रोवर ने बॉलीवुड के सितारों को सीधा संदेश दिया है — फिल्म फ्लॉप हो जाए, तो भी करोड़ों रुपये की फीस मांगने की आदत छोड़ दो। बजाय इसके, इक्विटी लो। ये बयान उनके नए जीवन के शुरुआती दिनों में आया है, जब वह भारतपे से पूरी तरह अलग हो चुके हैं, लेकिन अभी भी बाजार के बारे में बात करने के लिए तैयार हैं। ग्रोवर ने कहा, ‘मेरी कंपनी बच गई। मुनाफा कमा रही है। निवेशकों को पैसा नहीं खोना पड़ा। तो फिर आप लोग फिल्मों में इतना फीस मांगने की आदत क्यों बना रहे हैं?’

भारतपे से अलगाव: एक दो साल का विवाद

ग्रोवर के ये बयान सिर्फ बॉलीवुड के बारे में नहीं, बल्कि उनके खुद के अनुभव का परिणाम हैं। सितंबर 2024 में, उन्होंने भारतपे के साथ एक व्यापक समझौता किया, जिसके तहत उन्होंने कंपनी का 1.4% हिस्सा बोर्ड को सौंप दिया और 3.5-3.7% अपने परिवार ट्रस्ट को सौंप दिया। इसके साथ ही वह कंपनी के अधिकारियों, निदेशकों और शेयरधारकों से पूरी तरह अलग हो गए। ये समझौता एक दो साल के कानूनी झगड़े का अंत था, जिसमें भारतपे ने दिसंबर 2022 में ग्रोवर और उनके पांच परिवारजनों के खिलाफ एक ₹81.3 करोड़ का धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।

कैसे बनी ये धोखाधड़ी की कहानी?

पीडब्ल्यूसी की ऑडिट रिपोर्ट के बाद फरवरी 2022 में ग्रोवर ने भारतपे से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद आया खुलासा — 2019 से 2021 तक, ग्रोवर और उनके परिवार ने काल्पनिक एचआर कंसल्टेंट्स, झूठे वेंडर्स और अवैध ट्रैवल एजेंसियों को करीब ₹72 करोड़ का भुगतान किया था। इनमें से कुछ कंपनियां मौजूद ही नहीं थीं। मुंबई पुलिस की एनआईडी ने अगस्त 2024 में अमित कुमार बंसल को गिरफ्तार किया, जिसे इन झूठी कंपनियों का नेतृत्व करने का आरोप लगा। ग्रोवर की पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर, उनके ससुर सुरेश जैन, और उनके भाई-भांजे भी इस मामले में शामिल थे।

बॉलीवुड का फिल्म बिजनेस: जोखिम का अभाव

ग्रोवर का कहना है कि बॉलीवुड में एक्टर्स अपने फीस को एक गारंटी की तरह समझते हैं — फिल्म चले या न चले, उनका पैसा तो आ जाएगा। लेकिन एक स्टार्टअप में ऐसा नहीं होता। अगर आप एक नई फिल्म में निवेश कर रहे हैं, तो आपको उसके भविष्य पर विश्वास करना होगा। ग्रोवर ने याद दिलाया कि उनकी कंपनी ने अपने निवेशकों को नुकसान नहीं पहुंचाया, क्योंकि उन्होंने खुद अपना पैसा भी लगाया था। उनका संदेश साफ है: अगर आप बॉलीवुड के बड़े सितारे हैं, तो अपनी फिल्म के साथ अपना भाग्य जोड़ लीजिए। फीस के बजाय, इक्विटी लीजिए।

अशनीर ग्रोवर की निजी निवेश दुनिया

2025 तक, ग्रोवर की अनुमानित संपत्ति ₹900 करोड़ (लगभग $108 मिलियन) है, जिसमें से बड़ा हिस्सा भारतपे के शेयर्स से आया है। लेकिन उन्होंने अभी भी अन्य क्षेत्रों में निवेश किया है — ब्लूस्मार्ट में ₹1.5 करोड़ और मैट्रिक्स में ₹25 लाख। जब एसईबीआई ने गेंसोल इंजीनियरिंग और ब्लूस्मार्ट पर कार्रवाई की, तो ग्रोवर ने खुद को ‘शिकार’ बताया। उन्होंने अपने बैंक खाते और टैक्स रिटर्न्स जारी करने का भी प्रस्ताव रखा, ताकि लोग देख सकें कि उनका निवेश कानूनी था।

बॉलीवुड की प्रतिक्रिया: चुप्पी या चुनौती?

बॉलीवुड की प्रतिक्रिया: चुप्पी या चुनौती?

अभी तक कोई बड़ा एक्टर या निर्माता ग्रोवर के बयान पर बात नहीं कर रहा। लेकिन एक निर्माता, जिन्होंने अपना नाम छिपाने की शर्त पर बात की, ने कहा — ‘हम सब जानते हैं कि एक्टर्स की फीस अब फिल्म के बजट का 40-60% हो जाती है। अगर ये बात सच है, तो फिल्म फ्लॉप होने पर निर्माता का क्या होगा?’ एक फिल्म वित्तीय विश्लेषक ने बताया कि 2023 में 72% बॉलीवुड फिल्मों में निर्माता ने अपना पूंजी निवेश बरकरार नहीं रख पाया, जबकि एक्टर्स की फीस का 95% भुगतान हो चुका था।

अगला कदम: क्या बदलेगा?

ग्रोवर के बयान के बाद कुछ स्वतंत्र निर्माताओं ने एक नई फिल्म फाइनेंसिंग मॉडल पर काम शुरू कर दिया है — जहां एक्टर्स को फीस के बजाय फिल्म के लाभ का 5-10% हिस्सा मिलेगा। ये बदलाव छोटे बजट वाली फिल्मों में शुरू हो रहा है। अगर ये मॉडल काम कर जाए, तो बॉलीवुड की वित्तीय आदतों में गहरा बदलाव आ सकता है। ग्रोवर ने खुद कहा, ‘मैं बॉलीवुड का दुश्मन नहीं हूं। मैं बस एक व्यवसायी हूं। और व्यवसाय में जोखिम शेयर करना पड़ता है।’

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

अशनीर ग्रोवर का बॉलीवुड पर बयान क्यों महत्वपूर्ण है?

ग्रोवर केवल एक नियमित निवेशक नहीं, बल्कि एक ऐसे स्टार्टअप के संस्थापक हैं जिसने लाखों करोड़ का निवेश आकर्षित किया और फिर उसे बचाया। उनका बयान उनके खुद के जीवन के अनुभव से आया है — जहां वह निवेशकों के साथ जोखिम साझा करने को तैयार रहे। ये बयान बॉलीवुड की वित्तीय अनियमितताओं पर सवाल उठाता है, जिसका जवाब अब फिल्म उद्योग को देना होगा।

भारतपे के साथ उनका समझौता क्या शामिल करता है?

ग्रोवर ने भारतपे के बोर्ड को 1.4% शेयर और अपने परिवार ट्रस्ट को 3.5-3.7% शेयर सौंपे। इसके साथ ही उन्होंने कंपनी से सभी आर्थिक और निदेशकीय संबंध तोड़ दिए। इस समझौते के साथ भारतपे के खिलाफ चल रहे सभी नागरिक और आपराधिक मामले बंद हो गए। लेकिन ये समझौता किसी दोष स्वीकार करने के बराबर नहीं है।

बॉलीवुड में एक्टर्स की फीस कितनी बढ़ गई है?

2023 के आंकड़ों के अनुसार, बॉलीवुड की टॉप 10 एक्टर्स की फीस औसतन ₹15-25 करोड़ है, जबकि फिल्म का कुल बजट ₹50-80 करोड़ होता है। इसका मतलब है कि एक्टर्स के फीस का हिस्सा बजट का 30-50% हो जाता है। इसके बावजूद, फिल्मों के 70% से अधिक लाभ नहीं कमातीं।

ग्रोवर के निवेश क्या अब भी सुरक्षित हैं?

ग्रोवर के निवेश, जैसे ब्लूस्मार्ट और मैट्रिक्स, अभी भी अस्थिर हैं। एसईबीआई की कार्रवाई ने इनकी कीमतों में गिरावट ला दी है। लेकिन ग्रोवर ने अपने निवेश को कानूनी बताया है और अपने टैक्स रिटर्न्स जारी करने का ऑफर दिया है। अभी तक कोई कानूनी दोष साबित नहीं हुआ है।

क्या बॉलीवुड इक्विटी मॉडल पर जा सकता है?

कुछ स्वतंत्र निर्माता इस विचार को आजमा रहे हैं — जहां एक्टर्स को फीस के बजाय फिल्म के लाभ का हिस्सा मिलता है। ये मॉडल छोटे बजट वाली फिल्मों में सफल हो रहा है, लेकिन बड़े सितारों के लिए ये अभी अप्रासंगिक लगता है। लेकिन अगर एक बड़ी फिल्म इस मॉडल पर सफल हो जाए, तो बॉलीवुड का फिनान्सिंग सिस्टम बदल सकता है।

ग्रोवर का अगला कदम क्या होगा?

ग्रोवर ने अभी तक कोई नई कंपनी शुरू नहीं की है, लेकिन वह निवेशकों और स्टार्टअप्स के लिए सलाहकार के रूप में काम कर रहे हैं। उनकी आगे की योजना अभी अज्ञात है, लेकिन उनकी आवाज बाजार में अभी भी शक्तिशाली है। अगला कदम शायद एक नई फिनटेक कंपनी या फिल्म फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म हो सकता है।

Roy Iryan

Roy Iryan (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

Vaneet Goyal

Vaneet Goyal

अशनीर ग्रोवर का बयान सिर्फ बॉलीवुड के लिए नहीं, बल्कि पूरे इंडस्ट्री के लिए एक घंटी है। एक्टर्स की फीस बजट का आधा हो जाए, तो निर्माता क्या करे? फिल्म बनाना नहीं, बचना पड़ता है।

Amita Sinha

Amita Sinha

अरे भाई ये सब बकवास है। जो एक्टर फिल्म बनाता है उसकी तो बात ही नहीं। जो लोग बैठे हैं उन्हें फीस देनी पड़ती है। ग्रोवर तो अपने पैसे खोया, अब दूसरों को बता रहा है। 😒

Bhavesh Makwana

Bhavesh Makwana

इस बात पर गहराई से सोचने की जरूरत है। एक फिल्म बनाना एक स्टार्टअप जैसा है। जो लोग अपना पैसा लगाते हैं, उन्हें रिस्क शेयर करना चाहिए। ग्रोवर ने अपने आप को इस रिस्क में डाला, अब बाकी लोगों को भी ऐसा करना चाहिए। ये सिर्फ फिल्मों की बात नहीं, ये एक नए नैतिक मॉडल की शुरुआत है।

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