बिहार चुनाव 2025: ताज़ा अपडेट और वोटिंग गाइड

बिहार में इस साल फिर से बड़ी चुनावी लहर चल रही है। पार्टीयों ने अपनी‑अपनी रणनीति तैयार कर ली है और लोगों को आकर्षित करने के लिये कई वादे किये हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि इस चुनाव में कौन‑कौन खिलाड़ी खेल रहे हैं और किन मुद्दों पर बहस होगी, तो पढ़ते रहें।

मुख्य उम्मीदवार और गठबंधन

इस बार प्रमुख दो गठबंधन हैं – राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीएल) और प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दल मोधिया-जी.एस.पी. (एमएसपी)। एनडीएल में बीजेपी, जेडीयू और लघु दलों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया है। इनके सामने सातदा समिति का गठबंधन है, जिसमें जेएचआरपी, राजद और कुछ स्थानीय दल शामिल हैं।

बीजेपी के उम्मीदवारों में धारा सिंह, जो कई बार विधायक रहे हैं, और एक नया चेहरा अर्चना यादव भी शामिल है। जेडीयू ने अपने प्रमुख नेता राकेश प्रसाद को इस बार विधानसभा सीट पर भेजा है, जो युवा वोटरों को अपील करना चाहते हैं। दूसरी तरफ, मोधिया-जी.एस.पी. ने अपने अनुभवी नेता राजीव बहुगु से लेकर नए चेहरा आरती कुमारी तक को टिकट दिया है।

हर पार्टी ने अपने‑अपने इस्‍थेमिक मुद्दे रखे हैं। एनडीएल विकास, रोजगार और सुरक्षा पर ज़ोर दे रहा है, जबकि एमएसपी भ्रष्टाचार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर सवाल उठा रहा है।

वोटिंग के महत्वपूर्ण पहलू

यदि आप पहली बार मतदान कर रहे हैं या अपने मतदान के अनुभव को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें। सबसे पहले, अपने नजदीकी मतदान केंद्र का पता पहले से जान लें। कई बार मतदान केंद्र दूर हो सकते हैं, इसलिए समय से पहले निकलना अच्छा रहता है।

दूसरा, पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड या वोटर आईडी) साथ रखें। बरबादी में देर नहीं करनी चाहिए; मतदान के समय सिक्योरिटी गार्ड से पूछे जाने पर तुरंत दिखा दें।

तीसरा, वोट डालने से पहले उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि, उनके पिछले काम और पार्टी का मंच पढ़ लें। अगर संभव हो तो स्थानीय सभा में भाग लेकर सीधे सवाल पूछें। इससे आप अपने मतदान को अधिक समझदार बना सकते हैं।

चौथा, यदि आप दिव्यांग या बुजुर्ग हैं, तो मतदान केंद्र में विशेष सुविधा का उपयोग कर सकते हैं। कुछ केंद्रों पर मोबाइल वोटिंग बूस्टर या घर पर वोटिंग की व्यवस्था भी होती है, जिसकी जानकारी आप स्थानीय निर्वाचन अधिकारी से ले सकते हैं।

अंत में, मतदान के बाद अपना वोटिंग कार्ड सुरक्षित रखें। बाद में अगर कोई समस्या आती है तो यह काम आएगा।

बिहार चुनाव सिर्फ एक चुनाव नहीं, बल्कि लोगों की आशाओं और उम्मीदों का माप है। सच्ची जानकारी और समझदारी से आप अपना वोट डाल सकते हैं और विकास की दिशा तय करने में मदद कर सकते हैं।

आशा है कि यह गाइड आपको चुनाव की तैयारियों में मदद करेगा। अपना वोट डालें, अपनी आवाज़ सुनाएँ और बिहार को बेहतर बनाएं।

प्रशांत किशोर की तीखी आलोचना: 'बिहार में कांग्रेस का कोई वजूद नहीं'

मई 29 Roy Iryan 0 टिप्पणि

प्रशांत किशोर ने बिहार में कांग्रेस की अनदेखी स्थिति पर सवाल उठाए हैं, जबकि राहुल गांधी ने कई रैलियाँ की हैं। किशोर का दावा है कि उनके 17 महीने की पदयात्रा में कहीं भी कांग्रेस का कोई निशान नहीं दिखा। इसके विपरीत, गांधी का कहना है कि INDIA गठबंधन बिहार की सभी 40 सीटें जीतेगा।