ब्याज दरें: आपके पैसे पर कैसे असर डालती हैं?

जब आप अपना बचत खाता खोलते हैं या घर का कर्ज लेते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में एक सवाल आता है – ब्याज दरें क्या हैं? ये दरें आपके धन को बढ़ा या घटा सकती हैं, इसलिए इसे ठीक से समझना ज़रूरी है। हम यहां आसान शब्दों में बताएंगे कि ब्याज दरें कैसे तय की जाती हैं, RBI का क्या रोल है, और आप कैसे बेहतर दरें पा सकते हैं।

RBI की मौद्रिक नीति और ब्याज दरों का रिलेशन

भारत में ब्याज दरें तय करने में सबसे बड़ा असर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति का है। जब RBI रीपो दर (रिपर्चेज़ एग्रेडमेंट प्राइस) घटाती है, तो बैंकों को सस्ते में पैसे मिलते हैं और वे उन पैसे पर कम ब्याज लेकर ग्राहकों को लोन देते हैं। वही अगर रीपो दर बढ़ती है, तो बैंकों की लागत बढ़ जाती है और वे लोन पर ज़्यादा ब्याज लेना शुरू कर देते हैं। इस कारण ही आप अक्सर समाचार में RBI की बैठक की खबरें देखते हैं – वो दरों में बदलाव की ओर संकेत करती हैं।

बचत खाता, फिक्स्ड डिपॉज़िट और लोन पर वर्तमान दरें

बचत खातों की ब्याज दरें आमतौर पर 3% से 4% के बीच रहती हैं, लेकिन बड़े बैंकों में ये थोड़ा कम हो सकती है। फिक्स्ड डिपॉज़िट (FD) में आप अवधि के हिसाब से 5% से 7% तक की दर पा सकते हैं। लोन की बात करें तो होम लोन की दरें 7% से 9% तक हो सकती हैं, जबकि पर्सनल लोन आमतौर पर 10% से 13% के बीच होते हैं। याद रखें, ये दरें बैंक, आपके क्रेडिट स्कोर और लोन की अवधि पर निर्भर करती हैं।

तो, बेहतर ब्याज दरें कैसे हासिल करें? सबसे पहले, अपने क्रेडिट स्कोर को हाई रखें – साफ़ भुगतान इतिहास और कम बकाया राशि आपके लिए कम दरें लाने में मदद करती है। दूसरा, एक से दो बैंक नहीं, कई बैंकों से ऑफर लें और तुलना करें। अक्सर छोटे निजी बैंकों या को-ऑपरेटिव सोसाइटीज से बेहतर दरें मिलती हैं। तीसरा, अगर आपका जमा रकम बड़ा है, तो आप कुछ बैंकों की विशेष दरें भी हासिल कर सकते हैं, क्योंकि वे बड़े निवेश को आकर्षित करना चाहते हैं।

आखिर में, ब्याज दरों पर नज़र रखनी चाहिए, चाहे आप बचत कर रहे हों या उधार लेना चाहते हों। RBI की नीति बदलाव, आर्थिक समाचार और आपके खुद के वित्तीय स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर आप अपने पैसे को सही दिशा में बढ़ा सकते हैं। अगर अभी भी कोई शंका है, तो अपने बैंक के कस्टमर सपोर्ट से बात करें या एक वित्तीय सलाहकार से मिलें – छोटी-सी जानकारी बड़ी बचत बन सकती है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें स्थिर रखीं, सितंबर में संभावित कटौती का संकेत

अगस्त 1 Roy Iryan 0 टिप्पणि

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी जुलाई नीति बैठक में प्रमुख ब्याज दर को 5.25% से 5.5% के बीच बनाए रखा। फेड चेयर जेरोम पॉवेल ने संकेत दिया कि सितंबर में दर कटौती संभव है। इस निर्णय ने बाजार में उत्साह बढ़ाया और नैस्डेक में 2.6% की वृद्धि दर्ज की गई। मुद्रास्फीति में गिरावट और श्रम बाजार के कमजोर होने से दर कटौती की संभावना बढ़ गई है।