कैथोलिक चर्च क्या है? आसान भाषा में समझें

कैथोलिक चर्च दुनिया का सबसे बड़ा ईसाइयत समूह है, जिसकी जड़ें 2000 साल पहले रोम में पाई जाती हैं। यह पैरिश, बिशप और पोप के नेटवर्क से बनता है। पोप, रोम के वेटिकन में रहता है और सभी कैथोलिकों का आध्यात्मिक नेता माना जाता है।

इतिहास और मुख्य सिद्धांत

इसाई धर्म के शुरुआती दिनों में, यीशु के अनुयायी छोटे‑छोटे समूहों में इकट्ठा होते थे। आगे चलकर ये समूह बड़े हुए और रोमन साम्राज्य में फले‑फूले। 1054 में ग्रेको‑कैथोलिक विभाजन हुआ, परन्तु रोम के पोप की पालना वाले लोग आज भी कैथोलिक कहलाते हैं। मुख्य सिद्धांतों में त्रित्व (पिता, पुत्र, पवित्र आत्मा), बपतिस्मा, और ईसाई जीवन शैली शामिल हैं।

भारत में कैथोलिक चर्च

भारत में कैथोलिक चर्च की शुरुआत पुर्तगाली मिशनरियों ने 16वीं सदी में की। गोवा, कोलकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में अब कई विशाल कैथेड्रल देखे जा सकते हैं। भारतीय कैथोलिक समुदाय लगभग 20 मिलियन लोग है, जो विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ता है। वे स्कूल, अस्पताल और सामाजिक संगठनों के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में बड़ा योगदान देते हैं।

आजकल कई कैथोलिक समाचार भी इस टैग में दिखते हैं – चाहे वह स्थानीय त्योहार हों, सामाजिक पहलें हों, या विश्व भर में चर्च की नई घोषणाएँ। अगर आप कैथोलिक चमत्कार, नए बिशप की नियुक्ति या धार्मिक समारोहों की ताज़ा जानकारी चाहते हैं, तो इस टैग को फ़ॉलो करें।

समाप्ति में यह कहेंगे कि कैथोलिक चर्च एक प्राचीन, परन्तु आधुनिक दुनिया में भी सक्रिय संस्था है। इसकी शिक्षाएँ, परम्पराएँ और सामाजिक कार्य लगातार लोगों के जीवन में असर डालते रहते हैं। इसलिए, चाहे आप धर्म में रूचि रखते हों या सिर्फ़ सांस्कृतिक पहलुओं को जानना चाहते हों, इस टैग पर मिलने वाली जानकारी आपके लिये उपयोगी हो सकती है।

पोप फ्रांसिस द्वारा 21 नए कार्डिनलों की नियुक्ति: चर्च में महत्वपूर्ण परिवर्तन

अक्तूबर 7 Roy Iryan 0 टिप्पणि

पोप फ्रांसिस ने घोषणा की है कि वह 21 नए कार्डिनल्स की नियुक्ति करेंगे, जो कि कैथोलिक चर्च के उच्च पदाधिकारी होते हैं। यह नियुक्तियाँ 8 दिसंबर को होने वाली धर्मसभा में की जाएंगी। इस कदम से आने वाले समय में पोप के उत्तराधिकारी के चुनाव में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि नए कार्डिनल्स को भविष्य की धार्मिक सभाओं में हिस्सा लेने का अधिकार होगा।