यूपी मौसम पूर्वानुमान 30 अगस्त 2025: उमस और बारिश साथ-साथ, कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
दिन का शुरुआती हिस्सा पसीना छुड़ाने वाली उमस, और दोपहर-शाम में तेज बरसात—यूपी में 30 अगस्त 2025 का मिजाज कुछ ऐसा रहने वाला है। इंडिया मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट (आईएमडी) के मुताबिक राज्य के कई इलाकों में सक्रिय मॉनसून के चलते बारिश का सिलसिला बना रहेगा, जबकि कुछ शहरों में बादल हटते ही उमस फिर परेशान करेगी।
यूपी मौसम का यह मिला-जुला चेहरा अगस्त के आखिरी हफ्ते में आम है—कहीं तेज बौछारें, कहीं धूप और फौरन फिर नम हवा। राज्य भर में तापमान 28 से 34 डिग्री सेल्सियस के दायरे में है, लेकिन नमी ज्यादा होने से पसीना और थकान बढ़ सकती है।
क्या रहेगा तापमान और नमी का असर
आईएमडी के अवलोकन के अनुसार अधिकतम तापमान ज्यादातर शहरों में 31-32°C के आस-पास और न्यूनतम 25-26°C रहेगा। लखनऊ में दिन का पारा 31-32°C और रात का 26°C के करीब, जबकि नोएडा-गाजियाबाद में बादल-बरसात के बीच हल्की ठंडक महसूस हो सकती है। आगरा और बांदा जैसी मैदानी पट्टी में धूप निकलने पर गर्मी ज्यादा चुभेगी, वहीं तराई और पूर्वी जिलों में बादलों की वजह से तापमान थोड़ा नरम रहेगा।
उमस ही असली चुनौती है। नमी 70-85% के बीच रहने से “रियल-फील” तापमान कई जगह 38-40°C तक जा सकता है। ऐसे में दोपहर के समय बाहर निकलने वालों को थकावट, सिरदर्द और डीहाइड्रेशन का खतरा रहता है। पानी, छाछ, ओआरएस रखिए और धूप में लगातार खड़े रहने से बचिए।

बारिश कहां-कहां, अलर्ट और आपकी योजना
मॉनसून ट्रफ के सक्रिय रहने और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के कारण 8 से 15 दिन की बरसात वाली अगस्त की खिड़की अभी चल रही है—30 अगस्त इसी सक्रिय स्पेल का हिस्सा है। आईएमडी ने उत्तरी और पश्चिमी यूपी में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी रखी है। सहारनपुर-शामली-मुजफ्फरनगर से लेकर बरेली-पिलीभीत-शाहजहांपुर बेल्ट और मेरठ-नोएडा-गाजियाबाद-आगरा मंडलों में जोरदार बौछारें, गरज-चमक और तेज हवाएं चल सकती हैं।
आईएमडी की परिभाषा के मुताबिक 24 घंटे में 64.5-115.5 मिमी बारिश “भारी”, और 115.6-204.4 मिमी “बहुत भारी” मानी जाती है। ऐसे एपिसोड के दौरान लोकल फ्लैश-फ्लड, निचले इलाकों में पानी भरना, और ट्रैफिक जाम जैसी दिक्कतें सामने आती हैं।
थंडरस्टॉर्म के साथ 30-50 किमी/घंटा तक की हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने का जोखिम रहता है। खुले मैदान, खेत या पेड़ों के नीचे ठहरने से बचें। मोबाइल टॉर्च, पावरबैंक चार्ज रखें और कच्चे-खराब तारों से दूर रहें।
शहर-दर-शहर तस्वीर:
- लखनऊ: बादलों की आवाजाही, दोपहर या शाम में तेज बौछारें संभव। तापमान 31-32°C के आसपास।
- नोएडा-गाजियाबाद: रुक-रुक कर वर्षा, हवा में नमी ज्यादा। पानी भरने वाले अंडरपास और सर्विस लेन से बचें।
- आगरा: धूप निकलने पर उमस बढ़ेगी, पर शाम ढले तेज फुहारें राहत देंगी।
- कानपुर: दिन में चिपचिपी गर्मी, देर शाम गरज-चमक के साथ बारिश के संकेत।
- वाराणसी-गोरखपुर: बादल छाए रहने और फुहारों का दौर—कुछ हिस्सों में जोरदार बारिश की संभावना।
यात्रा और दैनिक कामकाज की रणनीति:
- ऑफिस या सफर पर निकलते समय हल्की रेन-कोट/छतरी और जलरोधक बैग रखें।
- बारिश के दौरान अंडरपास, निचली सड़कों और खुले मैनहोल वाले इलाकों से दूर रहें।
- स्कूटर/बाइक पर फिसलन अधिक होगी—ब्रेकिंग दूरी बढ़ाइए, स्पीड सीमित रखिए।
- ट्रेन-बस में हल्की देरी और उड़ानों में शफलिंग संभव—स्टेशन/एयरपोर्ट निकलने से पहले स्टेटस चेक कर लें।
स्वास्थ्य और सुरक्षा:
- दिन में हर घंटे पानी पिएं; नमक-चीनी वाला ओआरएस या नींबू-पानी साथ रखें।
- बिजली चमकने पर खुले मैदान, पेड़ों, टिन शेड और ऊंचे टावरों से दूर रहें।
- बरसात के बाद मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है—रीपेलेंट लगाएं, जमा पानी हटाएं, फुल-स्लीव कपड़े पहनें।
- सड़क किनारे कटी फलों/खुले खाने से बचें; डायरिया/वायरल का खतरा बढ़ता है।
किसानों के लिए सलाह:
- धान की नर्सरी और रोपे खेतों से अतिरिक्त पानी की निकासी सुनिश्चित करें; लगातार जलभराव से जड़ें गल सकती हैं।
- गन्ना, कपास और सब्जियों में टॉप-ड्रेसिंग खाद तेज बारिश के तुरंत बाद न करें; 48-72 घंटे बाद मौसम थमने पर दें।
- कीटनाशक/फफूंदनाशी छिड़काव बारिश के लंबे गैप में ही करें, वरना प्रभाव घट जाएगा।
- कटाई योग्य चारा/फल-सब्जियां सुरक्षित, ऊंची और हवादार जगह पर रखें; पशुओं के लिए सूखे चारे का स्टॉक तैयार रखें।
आगे 48-72 घंटे का रुझान: मॉनसून की धुरी के साथ नमी की आपूर्ति बनी रहने से राज्य में रुक-रुक कर बारिश जारी रहने के आसार हैं। उत्तरी-पश्चिमी जिलों से फोकस धीरे-धीरे केंद्रीय और पूर्वी हिस्सों की ओर शिफ्ट हो सकता है। जहां बरसात ज्यादा होगी वहां तापमान गिरेगा, पर बारिश थमते ही उमस फिर लौटेगी। तराई में रातें अपेक्षाकृत सुहानी और मैदानों में उष्ण बनी रहेंगी।
नदियों और निचले इलाकों पर नजर रखें—लगातार वर्षा से जलस्तर में क्रमिक बढ़ोतरी हो सकती है। बाढ़-प्रवण बस्तियों में नाव/राहत संपर्क, ऊंचे सुरक्षित स्थानों का विकल्प और सूखी खाद्य सामग्री तैयार रखें।
यह मिला-जुला पैटर्न क्यों? मॉनसून ट्रफ का हिलना-डुलना, खाड़ी और अरब सागर से आती नम हवाएं और बीच-बीच में बादल छंटने पर तेज धूप—तीनों मिलकर “स्टीमी” यानी उमस भरी गर्मी बनाते हैं। बादल घिरते ही तापमान गिरता है, पर नमी बनी रहती है; और यही वजह है कि बारिश के छोटे-छोटे स्पेल के बीच भी थकान और पसीना कम नहीं होता।
संक्षेप में, दिन की प्लानिंग “फ्लेक्सिबल” रखें—सुबह की उमस, दोपहर का थंडरस्टॉर्म और शाम की फुहारें एक ही दिन में देखने को मिल सकती हैं। स्थानीय अलर्ट पर नजर रखें, जरूरी काम पहले निपटाएं और भारी बारिश के समय अनावश्यक यात्रा से बचें।
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