इजरायली युद्ध कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने गाजा संघर्ष के बाद की योजनाओं पर विवादों के बीच इस्तीफा दिया
इजरायली युद्ध कैबिनेट मंत्री बेनी गैंट्ज़ ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ गाजा संघर्ष के बाद की योजनाओं पर तीव्र विवाद के बीच इस्तीफा देने का ऐलान किया है। बेनी गैंट्ज़, जो पहले इजरायली रक्षा बल (IDF) के चीफ ऑफ स्टाफ रह चुके हैं और वर्तमान में केंद्रवादी नेशनल यूनिटी पार्टी के नेता हैं, ने इस घोषणा को तेल अवीव में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में किया।
गैंट्ज़ ने इस्तीफा देते हुए प्रधानमंत्री नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि उन्होंने सही तरीके से जीत हासिल करने के रास्ते में बाधा उत्पन्न की है। गैंट्ज़ और नेतन्याहू के बीच अक्टूबर 2023 में हमास हमलों के बाद आपातकालीन सरकार का गठन हुआ था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि गैंट्ज़ ने अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा को अधिक महत्व दिया है और नेतन्याहू के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए चुनाव कराने की मांग की है।
गैंट्ज़ की प्रेस कांफ्रेंस की बातें सुनकर इजरायली राजनीति में हलचल मच गई है। इस बीच, गैंट्ज़ की पार्टी नेशनल यूनिटी, जिसके पास सरकार में पाँच पद हैं, ने भी उनके निर्णय का समर्थन किया है। इस इस्तीफे ने न केवल गैंट्ज़ की पार्टी बल्कि इजरायली राजनीति में भी बड़े बदलाव ला दिए हैं। विपक्षी नेता यैर लापिड ने भी गैंट्ज़ के निर्णय का समर्थन किया है।
अब आगे क्या?
गैंट्ज़ के इस्तीफे के बाद युद्ध कैबिनेट में एक स्थान खाली हो गया है, जिसे फरीद-दक्षिणपंथी नेशनल सिक्योरिटी मंत्री इतामार बिन-गविर भरने की कोशिश कर रहे हैं। बिन-गविर का उत्थान नेतन्याहू के लिए एक और सियासी चुनौती खड़ी कर सकता है, खासकर तब जब उन्होंने पहले ही अमेरिका के प्रस्तावित सीज़फायर के विरुद्ध अपनी ओर से संयम और धैर्य का प्रदर्शन किया है।
ब्रिगेडियर जनरल अवी रोसेनफेल्ड का इस्तीफा
इजरायली रक्षा बल के गाजा डिवीजन के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल अवी रोसेनफेल्ड ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि वे 7 अक्टूबर को हुए हमलों को रोकने में असमर्थ थे, जिस कारण उन्होंने यह कदम उठाया है। रोसेनफेल्ड का इस्तीफा गैंट्ज़ के इस्तीफे के साथ होते ही इजरायली रक्षा संस्थान में और भी तनाव पैदा कर सकता है।
अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा
इस इस्तीफे के बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की तीन दिवसीय यात्रा आने वाली है, जिसमें वे क्षेत्र में शांति लाने के प्रयास करेंगे। ब्लिंकन के आगमन से पहले गैंट्ज़ का इस्तीफा नेतन्याहू के लिए और मुश्किलें खड़ी कर सकता है। अगर नेतन्याहू के नेतृत्व पर अधिक सवाल उठते हैं, तो यह उनके राजनीतिक भविष्य को भी संकट में डाल सकता है।
इजरायल की राजनीति में होने वाले ये बदलाव दर्शाते हैं कि प्रधानमंत्री नेतन्याहू के सामने चुनौतियां केवल विदेशी मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि अपनी सरकार के भीतर भी बढ़ रही हैं। गैंट्ज़ के इस्तीफे को इजरायली राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है, और यह भविष्य में और भी बदलावों की दिशा में संकेत कर सकता है।
क्या नेतन्याहू की स्थिति खतरे में है?
नेतन्याहू की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठने के बाद, यह स्पष्ट हो गया है कि उनकी स्थिति पहले की तुलना में कमजोर हुई है। विपक्षी नेताओं द्वारा उनकी नीतियों पर सवाल उठाए जा रहे हैं, और गैंट्ज़ का इस्तीफा इस ओर इंगित करता है कि अब नेतन्याहू को अपने फैसलों के बारे में पुनर्विचार करना पड़ेगा।
इजरायल की राजनीति में यह समय महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, खासकर तब जब आने वाले महीनों में देश को चुनावों का सामना करना पड़ सकता है। जनता का विश्वास जीतने की कोशिश में नेतन्याहू को न केवल अपनी नीतियों, बल्कि अपने सहयोगियों के साथ भी सामंजस्य बैठाना होगा।
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