पूर्व जनरल बेनी गैंट्ज़ का इस्तीफा
पूर्व इजरायली जनरल और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बेनी गैंट्ज़ ने इजरायली आपातकालीन सरकार से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे का मुख्य कारण नेतन्याहू की युद्ध नीति के प्रति आपत्ति है। गैंट्ज़ का यह कदम सरकार के सत्ता संतुलन पर असर डाल सकता है, लेकिन इसके बावजूद गठबंधन सरकार को गिरने का खतरा नहीं है। गैंट्ज़ की इस कार्रवाई के चलते अब नेतन्याहू को अधिक प्रेसर आ सकता है, खासतौर पर उनके दक्षिणपंथी गठबंधन सहयोगियों से।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और विवाद
गैंट्ज़, जो एक समय नेतन्याहू के प्रमुख राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे हैं, उन्होंने युद्ध प्रभावित गाज़ा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता लाने के लिए अपनी नीतियों की वकालत की थी। उनका मानना था कि नेतन्याहू की नीतियों ने इज़राइल को 'सच्ची जीत' से दूर रखा है। इस कारण, गैंट्ज़ ने आगामी शरद ऋतु में चुनाव कराने की मांग की थी ताकि एक 'सच्ची एकता सरकार' का गठन किया जा सके।
गैंट्ज़ का प्रस्ताव और नेतन्याहू की प्रतिक्रिया
गैंट्ज़ ने एक क्षेत्रीय गठबंधन की भी सुझाव दिया, जिसका नेतृत्व अमेरिका और पश्चिमी दुनिया के समर्थन से हो, तथा इसका मुख्य उद्देश्य ईरान के खिलाफ मजबूती से खड़ा करना हो। नेतन्याहू की ओर से इस पर कोई टिप्पणी नहीं की गई थी। इस संदर्भ में, गैंट्ज़ ने पिछले हफ्ते ही चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की गईं, तो वे 8 जून तक सरकार छोड़ देंगे।
सेना की महत्वपूर्ण कार्यवाही और इसके परिणाम
गैंट्ज़ के इस्तीफे की घोषणा के पहले ही, इज़राइली सेना ने गाज़ा में एक बड़ा ऑपरेशन किया, जिसमें चार बंधकों को छुड़ाया गया था। हालांकि, इस ऑपरेशन में 270 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई। इस सफलता के बाद भी गैंट्ज़ ने नेतन्याहू की नीतियों पर सवाल उठाए और अपनी विचारधारा पर कायम रहे।
कहीं कदम सच्चे नेतृत्व की दिशा में?
गैंट्ज़ के इस्तीफे ने नेतन्याहू की सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गैंट्ज़ का इस्तीफा इज़राइल की राजनीति में नए बदलावों का संकेत हो सकता है। गैंट्ज़ की लगातार लोकप्रियता और उनके प्रबल नेतृत्च के कारण, वह भविष्य में इज़राइल के अगले प्रधानमंत्री बन सकते हैं। चुनावी सर्वेक्षणों में उन्हें नेतन्याहू से आगे बताया जा रहा है, खासकर अक्टूबर में शुरू हुए युद्ध के बाद से।
नेतन्याहू की सरकार का भविष्य
कुल मिलाकर, गैंट्ज़ के इस्तीफे के बाद नेतन्याहू की सरकार की राह और मुश्किल हो सकती है। सत्ता संतुलन का असर संभवतः नेतन्याहू की नीतियों और उनके शासन के तरीके पर पड़ेगा। गैंट्ज़ की अगुवाई में एक सच्चे एकता सरकार की मांग और ईरान के खिलाफ क्षेत्रीय गठबंधन का प्रस्ताव इज़राइली राजनीति में नए चेहरे और नए दिशा प्रदान कर सकता है।
निष्कर्ष
बेनी गैंट्ज़ का इस्तीफा नेतन्याहू की सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय में आया है। नेतन्याहू की नीतियों पर गैंट्ज़ के सवाल और जनता में उनकी बढ़ती लोकप्रियता का अर्थ है कि इज़राइल की राजनीति अगले कुछ महीनों में एक नए दिशा में जा सकती है। देखा जाए तो गैंट्ज़ ने जो मुद्दे उठाए हैं, वे न केवल नेतन्याहू बल्कि पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं। जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों में बदलाव की संभावना है जो इज़राइल और उसके पड़ोसियों के लिए भी महत्वपूर्ण हो सकती है। अब नजरें इस बात पर टिकी रहेंगी कि नेतन्याहू इस चुनौती का सामना कैसे करेंगे और इज़राइल की राजनीति की दिशा किस प्रकार तय होगी।
Partha Roy
ये सब नेतन्याहू की गलतियाँ हैं। गैंट्ज़ ने तो सिर्फ सच बोल दिया। अब जनता जाग गई है। इजरायल को अपनी गलत नीतियों से बाहर निकलना होगा।
Kamlesh Dhakad
मुझे लगता है गैंट्ज़ ने सही किया। युद्ध से कुछ नहीं मिलता। शांति के लिए बातचीत करनी चाहिए। अब तो बच्चे भी मर रहे हैं।
ADI Homes
इजरायल की सेना का ऑपरेशन तो बहुत बड़ा था... पर जितने फिलिस्तीनी मारे गए, उतने बच्चे और महिलाएं थीं। ये जीत नहीं, बल्कि अपराध है।
Hemant Kumar
गैंट्ज़ का इस्तीफा एक बड़ा संकेत है। जब सेना के अनुभवी लोग भी विरोध करने लगें, तो समझो कि नीति टूट रही है। अब नेतन्याहू को बदलना होगा।
NEEL Saraf
क्या हम भूल गए कि ये सब इंसानों की जिंदगी के बारे में है? बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग... सब निर्दोष हैं। युद्ध कभी समाधान नहीं होता।
Ashwin Agrawal
मैं नहीं जानता कि क्या सही है, लेकिन जब एक जनरल इस्तीफा दे दे, तो कुछ तो गलत है।
Shubham Yerpude
इसका गहरा अर्थ है कि अमेरिका और यूरोप इजरायल को छोड़ रहे हैं। गैंट्ज़ उनका एजेंट है। ईरान के खिलाफ गठबंधन एक बड़ी चाल है... लेकिन ये सब नेतन्याहू के खिलाफ षड्यंत्र है।
Hardeep Kaur
गैंट्ज़ ने जो बोला, वो बहुत अच्छा बोला। लोगों को याद दिलाना चाहिए कि युद्ध नहीं, बल्कि समझौता ही भविष्य है।
Chirag Desai
बस थोड़ा सा बदलाव हो जाए तो सब ठीक हो जाएगा।
Abhi Patil
इस घटना को एक राजनीतिक दर्शन के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ अहंकार और शक्ति के अभिमान का अंत आ रहा है। गैंट्ज़ का कदम एक नए युग की शुरुआत है, जहाँ न्याय और विवेक की शक्ति अहंकार पर विजय पाएगी। यह एक ऐतिहासिक बिंदु है।
Devi Rahmawati
मुझे लगता है कि गैंट्ज़ के इस्तीफे के पीछे एक गहरा सामाजिक विकास का निर्माण हो रहा है। जब एक सैन्य नेता अपने कर्तव्य के बजाय नैतिकता को चुनता है, तो यह एक नया आधार बनता है।
Prerna Darda
ये सिर्फ एक इस्तीफा नहीं है - ये एक राष्ट्रीय जागृति का संकेत है। गैंट्ज़ ने नेतन्याहू के युद्ध-व्यापार के विरुद्ध एक अनौपचारिक अभियान शुरू कर दिया है। अब ये जनता के हाथों में है - और जनता ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है।
rohit majji
हमें उम्मीद रखनी चाहिए। गैंट्ज़ ने बहादुरी दिखाई। अब बाकी लोगों की बारी है। सब मिलकर शांति बनाएंगे 😊
Uday Teki
बहुत अच्छा हुआ। गैंट्ज़ ने सच बोला। ❤️🙏
Haizam Shah
नेतन्याहू को बाहर निकालो! गैंट्ज़ का इस्तीफा हमें सबक सिखाता है - न्याय के लिए लड़ो, भले ही सब तुम्हारे खिलाफ हों। ये नेतृत्व है।