महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के कारण आज स्टॉक मार्केट में अवकाश: एनएसई और बीएसई बंद
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 का प्रभाव: आज का स्टॉक मार्केट अवकाश
20 नवंबर 2024 को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के चलते नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) बंद कर दिया गया है। यह अवकाश सभी सेगमेंट्स पर लागू होगा, जिसमें इक्विटी, डेरिवेटिव्स, और प्रतिभूति उधार और उधार देने (एसएलबी) विभाजन शामिल है। यह कदम चुनाव आयोग की घोषणा के अनुसार लिया गया है, जिसने मतदान के लिए इस तारीख का निर्धारण किया था। महाराष्ट्र में इस एकल चरणीय चुनाव में 288 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो रही है।
वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलेगी, जिसके बाद 23 नवंबर को मतों की गिनती होगी। इस चुनावी प्रक्रिया के दौरान स्टॉक मार्केट को बंद रखने का निर्णय इसलिए लिया गया है ताकि निवेशकों को किसी प्रकार की अनावश्यक परिसंपत्तियों के लेनदेन से बचाया जा सके और मतदाताओं को सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने मतदान कर्तव्यों का पालन कर सकें।
स्टॉक मार्केट अवकाश और आगामी छुट्टियां
2024 के स्टॉक मार्केट अवकाश कैलेंडर के अनुसार, यह वर्ष की 14वीं अवकाश है। इससे पूर्व, सबसे हालिया अवकाश 15 नवंबर को गुरु नानक जयंती के अवसर पर था। इसके पश्चात, अगला अवकाश 25 दिसंबर को क्रिसमस के दिन होगा। निवेशक एनएसई और बीएसई की आधिकारिक वेबसाइटों पर इन अवकाशों की पूरी सूची देख सकते हैं। एनएसई वेबसाइट पर 'संविदा' टैब के अंतर्गत इन छुट्टियों की सूची उपलब्ध है।
इस बीच, मंगलवार, 19 नवंबर को, सामान्यत: बाजार में अस्थिरता देखी गई थी। बीएसई सेंसेक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग के दौरान 1,000 अंकों से अधिक की बढ़ोतरी देखी गई, लेकिन अंततः ये फायदे मिट गए और बाजार साधारण परिवर्तनों के साथ बंद हुआ। 30 शेयर वाला बीएसई सेंसेक्स कुछ बढ़त के साथ 239 अंकों की वृद्धि दर्शाता हुआ 77,578.38 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी50 में 64.7 अंकों की वृद्धि देखी गई और ये 23,518.50 पर बंद हुआ।
विदेशी निवेशकों की भूमिका और बाजार की दिशा
निफ्टी50 पहले से ही करेक्शन जोन में है, अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से लगभग 10% की गिरावट के साथ। 27 सितंबर को प्राप्त अपने 26,277 के उच्चतम स्तर से यह नुकसान चिंतनशील है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) द्वारा भारतीय इक्विटी मार्केट में बिकवाली का दौर जारी है, जिसका असर बाजार की धारणा पर पड़ रहा है। मात्र नवंबर में ही, एफपीआई ने पहले पखवाड़े में 22,420 करोड़ रुपये की निकासी की, जो अक्टूबर में 1.14 लाख करोड़ रुपये की विशाल निकासी का अनुसरण करती है।
यह बेचैनी विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार की हालत पर दृष्टिअंताुलन दिखाता है, जबकि घरेलू निवेशक लंबी अवधि में सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। इस बाजार के परिदृश्य में, निवेशकों को बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव पर नजर रखते हुए सूचित किए जाने की महत्वता बनी रहती है, जो वर्तमान आर्थिक और चुनावी परिदृश्यों से प्रभावित हो सकती है।
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