भारतीय विमानन कंपनियों पर बम धमकी की लहर: IndiGo के साथ 23 नई धमकियां, कुल संख्या 170 पार
बम धमकी की लगातार वारदातें
भारतीय एयरलाइंस को हाल ही में बम धमकियों की बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। केवल पिछले आठ दिनों में ही इन धमकियों की संख्या 170 से पार कर गई है। इंडिगो को मंगलवार को 23 नई धमकियां मिलीं, जिसमें अनेक उड़ानें प्रभावित हुईं। इसके अलावा, एयर इंडिया, विस्तारा और अकासा एयर जैसी अन्य प्रमुख विमान सेवाओं को भी इन धमकियों का सामना करना पड़ा है।
कई उड़ानों को बदलना पड़ा गंतव्य
इस तरह की बम धमकियों के कारण कुछ उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा। IndiGo की जेद्दा के लिए जा रही तीन उड़ानों को सुरक्षा कारणों से सऊदी अरब और कतर के हवाई अड्डों पर मोड़ दिया गया। यह घटनाक्रम यात्रियों में दहशत का माहौल पैदा कर सकता है, और सुरक्षा कर्मियों को इन जैसी स्थितियों से निपटने में विशिष्ट सतर्कता बरतनी पड़ती है।
सुरक्षा मानकों की पालना
सभी एयरलाइंस समयानुसार संबंधित अधिकारियों के साथ तालमेल कर रही हैं ताकि किसी भी आपातकाल की स्थिति में यात्रियों और चालक दल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इंडिगो ने इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए मानक कार्य प्रक्रियाओं का पालन किया और लगातार अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल पर निरीक्षण कर रही है। इसी तरह एयर इंडिया और विस्तारा ने भी सोशल मीडिया के जरिये मिली धमकियों पर अमल कर संबंधित संस्थाओं को सूचित किया है।
सरकार की सख्त कार्रवाइयां
इस मसले पर नागरिक उड्डयन मंत्री के रम्मोहन नायडू ने कहा है कि सरकार बम धमकी या इसके बारे में झूठी सूचनाएं देने वालों के लिए कड़ी सज़ा, जैसे कि उम्र कैद की सजा देने का प्रस्ताव रखेगी। इसके अलावा, सुप्रेशन ऑफ अनलॉफुल एक्ट्स अगेंस्ट सेफ्टी ऑफ सिविल एविएशन अधिनियम, 1982 में बदलाव की तैयारी की जा रही है। बम धमकियों का मजाक उड़ाना अब उन संभावित अपराधियों के लिए मंहगा साबित होगा जो यात्रियों की सुरक्षा से खेलते हैं।
उद्योग के लिए भविष्य के उपाय
विमान कंपनियों के लिए इसका मतलब है कि उन्हें अपने सुरक्षा प्रोटोकॉल को और भी दृढ़ बनाना पड़ेगा। कुछ जानकारों के अनुसार, इन जोखिमों से निपटने के लिए टेक्नोलॉजी और सुरक्षा उपायों में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, यात्रियों की सुरक्षा के लिए उनकी चेतावनी प्रणाली और ढांचे में सुधार करना भी आवश्यक होगा।
हालांकि यह घटनाएं चिंता का विषय हैं, लेकिन इससे विमानन क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाने का अवसर भी मिल सकता है। धमकियों के जवाब में तेज़ कार्रवाई और सरकारी सहयोग के माध्यम से एयरलाइंस और यात्री, इन सुरक्षा चिंताओं का सामूहिक रूप से मुकाबला कर सकते हैं।
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