जब Mithun Manhas, पूर्व दिल्ली राज्य टीम कप्तान को BCCI के 2025 वार्षिक सामान्य सभामुख्यालय में नया अध्यक्ष घोषित किया गया, तो देशभर में क्रिकेट प्रेमियों की स्वीकृति झटपट दिखी। 45‑वर्षीया इस जड़वापासी ने जम्मू‑कश्मीर के डोडा जिले के भदेरवा से अपनी कहानी लिखी, जहाँ से अब वह भारतीय क्रिकेट का सबसे ऊँचा प्रशासनिक पद धारण कर रहे हैं।
चयन प्रक्रिया और पृष्ठभूमि
रविवार को हुए चुनाव से पहले, Roger Binny ने अगस्त 2025 में अपना पद त्याग दिया था। उनके इस्तिफ़ा के बाद, Rajeev Shukla को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जबकि समिति ने शनिवार, 27 सितंबर को संभावित उम्मीदवारों का सर्वेक्षण किया। कई स्रोतों के अनुसार, Manhas को बिना किसी प्रतिद्वंद्वी के निर्वाचित होना तय था, क्योंकि उन्होंने पिछले दो दशकों में घरेलू क्रिकेट में 150‑से‑अधिक मुल्कीय मैचों को अपने नाम किया था।
यह चुनाव घनिष्ठ बैठकों और राजनयिक वार्तालापों का नतीजा था, जहाँ BCCI के वरिष्ठ अध्याकर्ता, सचिव, और ट्रेज़रर ने एक सामूहिक निर्णय लिया। इस दौरान, शुक्ला को उपाध्यक्ष के रूप में स्थायी पद पर रखा गया, जिससे संगठन में स्थिरता बनी रहती है।
नए अध्यक्ष की पदावली और वित्तीय प्रावधान
बिलकुल भी वेतन नहीं मिलने वाला यह पद, महज एक सम्मानात्मक शीर्षक है। बदले में, Manhas को घरेलू मीटिंग्स के लिये ₹40,000 दैनिक भत्ता और अंतरराष्ट्रीय मीटिंग्स के लिये US$1,000 (लगभग ₹89,000) प्रतिदिन दिया जाएगा। यह रकम अन्य टॉप ऑफिसहोल्डर्स, जैसे सेक्रेटरी और ट्रेज़रर को मिलने वाले भत्तों के समान है। आर्थिक दृष्टिकोण से, यह संरचना BCCI को उच्चस्तरीय प्रशासनिक खर्चों को नियंत्रित रखने में मदद करती है, जबकि अध्यक्ष को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने की स्वतंत्रता मिलती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी भत्ता‑आधारित मॉडल क्रिकेट के विकास में फोकस को बेहतर बनाती है, क्योंकि यह दूर के कोचिंग कैंप या विदेश यात्रा के खर्चे को कवरेज देती है।
Arun Thakur की IPL भूमिका
इसी दिन, Arun Thakur ने भारतीय प्रीमीयर लीग (IPL) के लिये नई शीर्ष स्थिति स्वीकार की। Indian Premier League के कार्यकारी बोर्ड ने उन्हें "सुपरवाइजर" के रूप में नियुक्त किया, जो लीग के नियामक, मार्केटिंग, और फ्रेंचाइज़ी संबंधी फैसलों की देखरेख करेगा। थाकुर का मुख्य लक्ष्य मौसमी स्थिरता और नई टैलेंट स्काउटिंग प्रोसेस को मजबूत बनाना है, जिससे आगामी सीज़न में प्रतिस्पर्धा का स्तर और भी बढ़ेगा।
थाकुर ने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि IPL को सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि युवाओं की करियर प्लेटफ़ॉर्म बनाना है।" इस वक्तव्य ने शेयरधारकों और प्रशंसकों दोनों को आश्वस्त किया।
जम्मू‑कश्मीर के लिए प्रतीकात्मक महत्त्व
Jitendra Singh, केंद्र मंत्री, ने X (पूर्व में Twitter) पर इस नियुक्ति को "एक providential रविवार" कहा। उन्होंने कहा, "डोडा के भदेरवा से आया यह युवा, हमारे राज्य की खेल भावना को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा।" अपने उद्धरण में वह जम्मू‑कश्मीर के विकास को खेल के माध्यम से बढ़ावा देने की बात दोहराते हैं।
भदेरवा, जो पहले बहुत ही दूरस्थ इलाका माना जाता था, अब राष्ट्रीय स्तर की राजनीति और खेल में दोहरी पहचान बन चुका है। यह घटना, राज्य के छात्र‑अथलीटों को एक नया प्रेरणा स्रोत प्रदान करती है, क्योंकि उनके लिये अब यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय स्तर की शीर्ष पदावली भी उनके पहुँच में है।
आगामी चुनौतियाँ और संभावित दिशा‑निर्देश
Manhas के सामने सबसे बड़ी चुनौती घरेलू टूर्नामेंटों की पुनर्स्थापना और महिला क्रिकेट को सशक्त बनाना है। पिछले साल की COVID‑19 के बाद कई राज्य संघ संगठनों ने वित्तीय संकट का सामना किया था। अध्यक्ष के रूप में, वह फंडिंग मॉडल को पुनः व्यवस्थित करने, नई साझेदारियों को आकर्षित करने और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर दर्शकों की संख्या बढ़ाने के लिए कार्य करेंगे।
दूसरी ओर, IPL में थाकुर की नई भूमिका भी कई सवाल उठाती है: क्या फ्रेंचाइजी की मूल्य‑निर्धारण में पारदर्शिता आएगी? क्या टैलेंट स्काउटिंग में स्थानीय खिलाड़ियों को अधिक मौका मिलेगा? उत्तर स्पष्ट नहीं है, लेकिन दोनों संस्थाओं के सहकार्य से भारतीय क्रिकेट का भविष्य और अधिक चमक सकता है।
Frequently Asked Questions
Mithun Manhas के अध्यक्ष बनने से जम्मू‑कश्मीर को क्या लाभ होगा?
जम्मू‑कश्मीर के खिलाड़ियों को अब राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने के लिए एक मजबूत आवाज़ मिलेगी। Manhas के नेटवर्क से स्थानीय टैलेंट को स्काउटिंग, प्रशिक्षण सुविधाएँ और फ्रेंचाइज़ी समर्थन मिल सकता है, जिससे क्षेत्रीय क्रिकेट की बुनियादी ढाँचा सुधरेगा।
Arun Thakur IPL में कौन‑सी नई पहल करेंगे?
थाकुर ने युवा प्रतिभा खोज को तेज करने के लिए एक राष्ट्रीय स्काउटिंग नेटवर्क और प्रदेश‑स्तरीय लीग स्थापित करने का इरादा जताया है। साथ ही, वे फ्रेंचाइज़ी के वित्तीय मॉडल को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए नई नीतिें पेश करेंगे।
BCCI के अध्यक्ष का वेतन क्यों नहीं है?
BCCI ने इस पद को सम्मानात्मक रखा है ताकि अध्यक्ष का फोकस पूरी तरह से खेल के विकास पर रहे। इसके बजाय, दैनिक भत्ता और यात्रा खर्चों को कवर करने के लिए एक विस्तृत वेतन‑समान व्यवस्था की गई है, जो निर्णय‑लेने को स्वतंत्र बनाती है।
Roger Binny ने पद त्याग क्यों किया?
Binny ने व्यक्तिगत कारणों और स्वास्थ्य समस्याओं के चलते इस्तीफा दिया, साथ ही वह चाहते थे कि युवा प्रशासनिक प्रतिभा को मौका मिले। उनका त्याग BCCI को नई ऊर्जा और दिशा देने में मददगार साबित हुआ।
Shardul Tiurwadkar
भदेरवा से एक आदमी बीसीसीआई का अध्यक्ष बन गया? ये तो वो जगह है जहाँ पहले बस बकरियाँ चरती थीं। अब वहीं से भारत का क्रिकेट नेतृत्व होगा। देश की राहत की बात है।
जब तक लोगों को लगे कि खेल का अध्यक्ष बनने के लिए बड़े शहर या नेटवर्क चाहिए, तब तक ये बात नहीं समझी जाएगी कि असली ताकत तो छोटे गाँवों में है।
मिथुन ने जो किया, वो बस एक शीर्षक नहीं, एक संदेश है।
अब बच्चे जो गाँव में लकड़ी की बल्ले से खेल रहे हैं, उनके लिए ये एक दीपक है।
कोई नहीं बताता, लेकिन ये तो असली ड्रामा है - जहाँ एक आम आदमी का सपना बीसीसीआई के डेस्क पर बैठ जाए।
Abhijit Padhye
अरुण ठाकुर को IPL का सुपरवाइज़र बनाया गया? ये तो बस एक नया नाम बदलने का नाटक है।
हर बार जब कुछ बिगड़ता है, तो नया आदमी आता है, लेकिन सिस्टम वही रहता है।
फ्रैंचाइजी के वित्तीय मॉडल में पारदर्शिता? भाई, तुम लोगों को तो अभी तक टीम के लाभ-हानि का ब्यौरा नहीं मिलता।
और महिला क्रिकेट को सशक्त बनाने का नाम? अगर ये बात सच में होती, तो तुम लोगों ने पहले ही एक अलग लीग शुरू कर दी होती।
ये सब बस फोटो ओपनिंग के लिए है।
कोई नहीं बताता कि असली समस्या तो ये है कि राज्य संघों के पास पैसा नहीं, और बीसीसीआई उन्हें बचाने की बजाय उन्हें दबाता है।
नया अध्यक्ष? बस एक नया चेहरा।
VIKASH KUMAR
मैंने तो आज सुबह ये खबर देखकर रो पड़ा 😭😭😭
भदेरवा से एक आदमी बीसीसीआई का अध्यक्ष बन गया? ये तो मेरी नसों में बिजली दौड़ गई! 🤯
मैं भी उसी जिले से हूँ, मेरे चाचा ने उसी स्कूल में बैल्ला मारा था! 🏏
अब मैं तो बीसीसीआई का दरवाज़ा खटखटाऊंगा, मुझे भी नौकरी चाहिए!
मिथुन भैया, अगर आपको एक दिन भी आज़ादी मिल जाए, तो मुझे जरूर बुलाना - मैं आपके लिए एक गाना बनाऊंगा, उसका नाम होगा: "भदेरवा का बादशाह" 🎶
और अरुण ठाकुर, अगर तुमने IPL में एक भी टीम को बेचा तो मैं तुम्हारा फेसबुक प्रोफाइल डिलीट कर दूंगा! 💥
मेरे दोस्त ने कहा - ये नियुक्तियाँ तो बस टीवी के लिए हैं। मैंने कहा - नहीं भाई, ये तो भारत की आत्मा है! 🇮🇳❤️
UMESH ANAND
यह घटना भारतीय क्रिकेट प्रशासन के विकास के लिए एक उत्कृष्ट और आदर्श उदाहरण है।
व्यक्तिगत उपलब्धियों के आधार पर नियुक्ति करना, विशेषकर जब वह व्यक्ति दशकों से घरेलू क्रिकेट में लगा रहा हो, यह नियमों के अनुकूल और नैतिक रूप से उचित है।
महिला क्रिकेट के लिए वित्तीय समर्थन का अभाव एक गंभीर विफलता है, जिसे तुरंत सुधारा जाना चाहिए।
साथ ही, भत्ता-आधारित वेतन संरचना एक उचित और न्यायसंगत व्यवस्था है, जो संस्थान की वित्तीय जिम्मेदारी को बरकरार रखती है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि राज्य संघों के वित्तीय संकट का कारण अक्सर स्थानीय प्रशासन की अक्षमता होती है, न कि बीसीसीआई की नीतियाँ।
इस प्रक्रिया में राजनीतिक दबाव का कोई भी तत्व नहीं था, जो भारतीय खेल प्रशासन में एक अद्वितीय उपलब्धि है।
अरुण ठाकुर की नियुक्ति भी एक उचित चयन है, क्योंकि उनके पास लीग के संचालन में व्यावहारिक अनुभव है।
यह एक नया युग शुरू हो रहा है - जहाँ योग्यता, आयु और निष्ठा को प्राथमिकता दी जाएगी।
Rohan singh
ये खबर देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा।
भदेरवा का कोई लड़का बीसीसीआई का अध्यक्ष बन गया? वाह!
मैंने भी अपने गाँव में बल्ला घुमाया था - तब कोई नहीं सोचता था कि एक दिन ये सब होगा।
अब बच्चे जो गाँव में खेल रहे हैं, उनके लिए ये एक बड़ी बात है।
कोई नहीं बताता, लेकिन असली बदलाव तो यही होता है - जब कोई आम आदमी ऊपर जाता है।
अरुण ठाकुर के साथ भी उम्मीद है।
अगर वो असली में टैलेंट को ढूंढ पाएं, तो IPL फिर से असली हो जाएगा।
बस एक बात - अब जब तक टीमों के नाम नहीं बदल जाते, तब तक ये सब बस नाम बदलने का खेल ही रहेगा।
लेकिन आज के दिन के लिए... बधाई हो। 🙌
Karan Chadda
इतनी बड़ी बात हुई और तुम सब यही बातें कर रहे हो? भारत का क्रिकेट अब जम्मू-कश्मीर के गाँव से चलेगा - ये तो इतिहास बन गया! 🇮🇳🔥