नोवाक जोकोविच ने असाधारण वापसी की, मुसैती को हराकर नो. 1 पर बने रहने की उम्मीदें जीवित रखीं

जून 2 Roy Iryan 20 टिप्पणि

रोलां गैरो में नोवाक जोकोविच की अप्रत्याशित जीत

नोवाक जोकोविच ने अपनी अद्वितीय टेनिस क्षमताओं का एक बार फिर से परिचय देते हुए रोलां गैरो के तीसरे राउंड के मैच में धमाकेदार वापसी की और लोरेंजो मुसैती को हरा दिया। यह मैच एक रोमांचक मुकाबला साबित हुआ, जिसमें दोनों खिलाड़ियों ने अपनी क्षमता का अंतिम स्तर तक प्रदर्शित किया। मैच का समापन रात को 3:08 बजे हुआ, जो इस टूर्नामेंट के इतिहास में सबसे देर तक चलने वाले मैचों में से एक है।

जोकोविच की अनूठी वापसी

दो सेट पीछे होते हुए भी, जोकोविच ने हार नहीं मानी और अपनी रणनीति और दमदार खेल के बल पर मुसैती को मात दी। अंतिम स्कोरलाइन 7-5, 6-7(6), 2-6, 6-3, 6-0 रही, जिसमें जोकोविच ने अपना अनुभव और प्रभावशाली खेल कौशल प्रकट किया। इस जीत के साथ जोकोविच ने अपना 369वां ग्रैंड स्लैम मैच जीत लिया है, जो उन्हें रोजर फेडरर के बराबर लाता है।

मुकाबले की मुख्य बातें

जोकोविच का संयम और धैर्य

पहले दो सेटों में हारने के बाद, जोकोविच ने संयम और धैर्य के साथ खेल को नया मोड़ दिया। उनकी शारीरिक और मानसिक ताकत उनके खेल में स्पष्टत: झलक रही थी। तीसरे सेट में 2-6 से हारकर भी चौथे सेट में 6-3 और फिर अंतिम सेट में 6-0 की आश्चर्यजनक जीत ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आगे की चुनौतियाँ

आगे की चुनौतियाँ

जोकोविच का अगला मुकाबला अर्जेंटीना के वरिष्ठ खिलाड़ी फ्रांसिस्को सेरुंडोलो से होगा। इस मुकाबले में जोकोविच को अपनी फॉर्म और गति बरकरार रखनी होगी। साथ ही, सन्निक सिन्नर की चुनौती को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, जो इस टूर्नामेंट के अन्य मजबूत प्रतिस्पर्धियों में से एक हैं।

जोकोविच के इस जीत के पीछे उनके अनुभव, मानसिक ताकत और शारीरिक फिटनेस का बड़ा हाथ है, जो उन्हें वर्तमान टेनिस दुनिया के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक बनाता है।

जोकोविच की यात्रा

इस जीत के साथ जोकोविच की ग्रैंड स्लैम में कुल जीत की संख्या 369 पहुँच गई है, और वे रोजर फेडरर के साथ इस मामले में संयुक्त शीर्ष पर हैं। जोकोविच को अपनी टेनिस यात्रा में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उनकी मेहनत, समर्पण और अपने खेल के प्रति निष्ठा ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है।

दर्शकों का उत्साह

रोलां गैरो के इस मुकाबले में दर्शकों का उत्साह भी अपने चरम पर था। दोनों खिलाड़ियों ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया, जिसने दर्शकों को लगातार अपनी तालियों और चीखों के माध्यम से ऊर्जा दी।

जोकोविच की इस जीत ने टेनिस प्रेमियों के दिलों में उनसे अधिक अपेक्षाएं जोड़ दी हैं, और अब उन्हें पूरी उम्मीद है कि जोकोविच आगे भी ऐसे ही दमखम से खेलते रहेंगे और नए-नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे।

क्लेम टू फेम

क्लेम टू फेम

जोकोविच ने पहले ही दुनिया का नंबर 1 खिलाड़ी बनने के लिए कई संघर्ष किए हैं और यह मैच भी उसी संघर्ष की कड़ी का एक हिस्सा है। उनकी शारीरिक और मानसिक मजबूती ही उन्हें अन्य खिलाड़ियों से अलग बनाती है। उन्होंने अपने खेल में असीमित ऊर्जा और प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए यह साबित किया है कि वे किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।

इस जीत के बाद, जोकोविच के फैंस और टेनिस प्रेमी उन पर गर्व कर सकते हैं और उन्हें आने वाले मैचों में भी इसी उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा की उम्मीद है। जोकोविच ने इस जीत के साथ न केवल अपने समर्थकों का दिल जीता है, बल्कि अपने विरोधियों के लिए भी एक कड़ी चेतावनी छोड़ दी है।

Roy Iryan

Roy Iryan (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

Rohan singh

Rohan singh

ये जोकोविच का खेल देखकर लगता है जैसे कोई फिल्म का एक्शन सीन चल रहा हो। अंतिम सेट में तो लगा जैसे उसने मुसैती को एक बार में ही खत्म कर दिया। जबरदस्त दिमाग और शरीर का कॉम्बिनेशन।

VIKASH KUMAR

VIKASH KUMAR

अरे भाई ये क्या देख लिया बंदे ने!! तीन सेट पीछे, फिर भी 6-0 से वापसी? ये तो मैंने सपने में भी नहीं देखा था 😭🔥 जोकोविच को तो अब इंसान नहीं, एक ऐसा AI बना दिया जाए जो टेनिस खेले!

Ira Burjak

Ira Burjak

इस जीत के बाद अब तो सिर्फ एक ही सवाल बचता है - क्या कोई उसे हरा सकता है? या फिर ये टेनिस का नया नियम बन गया कि जोकोविच हमेशा जीतता है, चाहे वो खुद को मार डाले?

Rutuja Ghule

Rutuja Ghule

अगर ये जीत अच्छी है तो फिर उसकी डोपिंग की शिकायतें क्यों? उसकी विजय को लेकर बहुत सारे राजनीतिक बयान आए हैं। ये खेल नहीं, एक ब्रांड बन गया है।

Abhijit Padhye

Abhijit Padhye

जोकोविच की यात्रा एक विज्ञान की कहानी है। वो नहीं खेलता, वो खेल को री-डिफाइन करता है। उसका दिमाग एक एल्गोरिदम है जो हर शॉट की संभावना की गणना करता है। ये टेनिस नहीं, ये गणित है।

Tarun Gurung

Tarun Gurung

मैं तो बस देखता रह गया कि वो तीसरे सेट में 2-6 से हार गया और फिर चौथे में 6-3 के साथ जीत गया... ये तो ऐसा लगा जैसे किसी ने बिल्ली को बाहर फेंक दिया और फिर वो घर वापस आ गई और फ्रिज खाली कर दिया। बस यही है जोकोविच का जादू।

Karan Chadda

Karan Chadda

इंडिया के लिए तो ये खेल देखकर लगता है कि हमें भी कुछ ऐसा बनाना चाहिए जो दुनिया को हिला दे। अभी तक हम तो टेनिस में भी नहीं खेल पाए, बस देखकर रोते रहे। 😔

Shivani Sinha

Shivani Sinha

जोकोविच ने जीता तो बहुत बढ़िया पर अब फेडरर के साथ बराबरी कर गया तो अब फेडरर के फैंस कैसे रहेंगे? ये तो बड़ा दर्द है। अब तो फेडरर की जगह जोकोविच का नाम ही ग्रैंड स्लैम के इतिहास में लिख दिया गया।

Tejas Shreshth

Tejas Shreshth

ये सब बहुत अच्छा है लेकिन इस खिलाड़ी की नीतिगत राय के बारे में क्या? उसने तो वैक्सीन के खिलाफ भी बयान दिए थे। जीत तो जीत है, पर इंसान तो इंसान होता है।

Dr Vijay Raghavan

Dr Vijay Raghavan

हमारे देश में टेनिस के लिए एक भी अच्छा कोर्ट नहीं है, और ये आदमी यूरोप में 24/7 ट्रेनिंग करता है। ये जीत हमारी नहीं, उसकी निर्माण क्षमता की है।

nasser moafi

nasser moafi

मैंने तो ये मैच अपने दोस्त के साथ बियर के साथ देखा और अंतिम सेट में तो हम दोनों खड़े हो गए थे 😂 जोकोविच ने तो बियर की बोतल भी चुरा ली थी अपने जीत के लिए!

Partha Roy

Partha Roy

इसकी वापसी देखकर लगता है कि ये खिलाड़ी तो मरने के बाद भी खेल रहा है। ये जीत नहीं, ये एक भूत है जो टेनिस को अपने नियमों से चला रहा है।

Kamlesh Dhakad

Kamlesh Dhakad

दोस्तों बस एक बात कहूं - अगर ये खिलाड़ी भारतीय होता तो हम उसके लिए एक राष्ट्रीय छुट्टी घोषित कर देते। लेकिन अब तो बस देखकर तालियां बजाना ही बचता है।

ADI Homes

ADI Homes

मैंने तो इस मैच को बिना आवाज के देखा... और फिर भी मुझे लगा जैसे कोई जोर से चिल्ला रहा हो। उसकी आंखों में जो आग थी, वो बिना शब्दों के भी सब कुछ कह रही थी।

Saravanan Thirumoorthy

Saravanan Thirumoorthy

जोकोविच ने जीत ली तो बहुत बढ़िया लेकिन इंडिया के खिलाड़ियों को भी एक मौका दो ना भाई ये तो बस एक देश का खेल बन गया है

Hemant Kumar

Hemant Kumar

अगर तुम जोकोविच की ट्रेनिंग रूटीन देखो तो लगता है वो रोज सुबह 4 बजे उठकर डेडलिफ्ट करता है, फिर 10 किमी दौड़ता है, फिर दिमाग को शांत करने के लिए मेडिटेशन करता है। ये तो इंसान नहीं, एक ऑपरेटिंग सिस्टम है।

UMESH ANAND

UMESH ANAND

प्रिय सभी, इस खिलाड़ी की विजय के बारे में आप सभी उत्साहित हैं, लेकिन क्या आपने कभी विचार किया कि इस तरह की खेल निष्ठा के पीछे नैतिक अनुशासन का क्या स्तर है? वह अपने शरीर को अत्यधिक दबाव में डालता है, जो एक स्वस्थ जीवन शैली के विपरीत है।

sarika bhardwaj

sarika bhardwaj

मैंने तो इस मैच को देखकर अपने जीवन के बारे में सोचना शुरू कर दिया। जब मैं एक दिन में एक बार भी अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाता, तो ये आदमी 5 सेट खेलकर भी नहीं झुकता। ये तो एक नैतिक शिक्षा है।

vamsi Pandala

vamsi Pandala

अब तो जोकोविच को अपने बेटे के नाम पर रख दो और उसे अपने घर के बाहर लगा दो। जो भी आए उसे बता दो कि ये टेनिस का देवता है।

Rohan singh

Rohan singh

अगला मैच सेरुंडोलो के खिलाफ है। उसका खेल भी अच्छा है, लेकिन जोकोविच के लिए ये तो बस एक गर्मी का दिन होगा।

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