पेरिस ओलंपिक 2024 का समापन और भारतीय ध्वजवाहक
पेरिस ओलंपिक 2024 के समापन समारोह में भारतीय ओलंपिक संघ ने एक बड़े और यादगार निर्णय की घोषणा की है। संघ ने शुक्रवार को बताया कि सेवानिवृत्त होने वाले हॉकी गोलकीपर पीआर श्रीजेश और युवा निशानेबाज मनु भाकर संयुक्त रूप से भारतीय ध्वज को थामते हुए इस महोत्सव का प्रतिनित्व करेंगे। यह अनोखा अवसर 11 अगस्त, 2024 को होने वाले समापन समारोह में देखने को मिलेगा।
पीआर श्रीजेश: भारतीय हॉकी का स्तंभ
पीआर श्रीजेश का नाम भारतीय हॉकी में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा। उनके खेल जीवन में दो दशकों से भी अधिक का समय समर्पण है। पेरिस खेलों के बाद अपने संन्यास की घोषणा करने वाले श्रीजेश ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम को सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक – ओलंपिक पदक – दिलाया। उन्होंने स्पेन को हराकर टीम को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
श्रीजेश भारतीय खिलाड़ियों के बीच एक आदर्श और प्रेरणास्रोत के रूप में माने जाते हैं। उनके साहस और प्रतिबद्धता ने भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में मदद की है।
मनु भाकर: युवा निशानेबाज का अद्वितीय प्रदर्शन
अगर किसी ने भारतीय खेल में नई क्रांति लाई है तो वह मनु भाकर हैं। उन्होंने ओलंपिक के एकल संस्करण में कई पदक जीतकर इतिहास रचा। मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल महिला ईवेंट और 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम ईवेंट में कांस्य पदक जीते। इन महान जीतों ने मनु को भारतीय खेल इतिहास में एक नया आयाम दिया है।
मनु की सफलता ने दिखा दिया कि युवा प्रतिभाएँ भी बड़े मंचों पर चमक सकती हैं और देश का नाम रोशन कर सकती हैं।
भारतीय स्पोर्ट्स के लिए ऐतिहासिक पल
भारतीय ओलंपिक संघ के इस निर्णय का असर भारतीय स्पोर्ट्स पर दीर्घकालिक रहेगा। यह निर्णय भारतीय खेल संपदा और खिलाड़ियों की संघर्ष की शक्ति को सम्मान देने के साथ-साथ नई पीढ़ी को प्रेरित करने का भी एक माध्यम बनेगा।
नेरज चोपड़ा, भारतीय ज्बेलिन थ्रोअर, ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि श्रीजेश ने भारतीय खेल में बड़ी भूमिका निभाई है और उनका यह सम्मानित पद इसके ही योग्य है। नेरज चोपड़ा, जो खुद भी एक ओलंपिक पदक विजेता हैं, ने श्रीजेश के साहस की सराहना की।
समापन समारोह: भावुक पल
11 अगस्त, 2024, का दिन पेरिस ओलंपिक का समापन होगा। यह समारोह न केवल खिलाड़ियों के अतीत के संघर्षों और उपलब्धियों का सम्मान होगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी होगा। ध्वजवाहकों के रूप में श्रीजेश और मनु भाकर का चयन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए एक गर्व का क्षण होगा।
इस समारोह के माध्यम से भारतीय ओलंपिक संघ ने खिलाड़ियों की मेहनत और देश के प्रति उनके समर्पण को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण कार्य किया है।
भारतीय खेलों में एक नया युग
पेरिस ओलंपिक 2024 के समापन समारोह में श्रीजेश और मनु भाकर का संयुक्त ध्वजवाहक के रूप में चयन भारतीय खेलों के एक नए युग की शुरुआत का संकेत दे रहा है। यह एक ऐसा अवसर है जो दिखाता है कि भारतीय खेल दुनिया के सबसे बड़े मंच पर अपनी पहचान बना चुके हैं।
अंतिम विचार
पीआर श्रीजेश और मनु भाकर का पेरिस ओलंपिक 2024 के समापन समारोह में ध्वजवाहक बनना भारतीय खेलों के लिए गर्व और स्फूर्ति का विषय है। यह निर्णय न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को मान्यता देता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी मोटिवेट करता है।
इस ऐतिहासिक निर्णय ने भारतीय खेल प्रशंसकों के मन में एक नई उम्मीद जगाई है और यह सुनिश्चित किया है कि भारत खेल की दुनिया में एक मजबूत स्थान बनाए रखेगा।
Rohan singh
श्रीजेश का ध्वजवाहक बनना बिल्कुल लायक है। उनकी मेहनत और शांति ने हॉकी को नया रूप दिया। और मनु भाकर... ये लड़की तो बस भारत की नई आत्मा है। 🇮🇳
Karan Chadda
अब तो भारत के लिए ये सब बस एक बड़ा धोखा है। पदक तो बहुत आए, पर खेल के लिए कोई इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं बना। इन दोनों को ध्वज देकर भारत अपनी गलतियों को छुपा रहा है। 😒
Shivani Sinha
श्रीजेश तो बहुत अच्छे है पर मनु भाकर के बारे में क्या सुना है? उसने तो बस एक पिस्टल चलाया और पदक ले लिया। हॉकी वालों को तो रोज लड़ना पड़ता है। ये फेवरिट बनाने का नाम लेना है।
Tarun Gurung
ये दोनों ध्वजवाहक एक बहुत ही सुंदर संकेत हैं। एक ने 20 साल की मेहनत की, दूसरी ने बस एक जीत से दुनिया को चौंका दिया। ये ही भारत की असली कहानी है - पुरानी शक्ति और नई आग का मिश्रण। अगर हम इसे समझ लें तो अगले 20 साल बहुत अलग होंगे। 🙌
Rutuja Ghule
इस तरह के सम्मान तो हर बार एक ही लोगों को मिलते हैं। जो टीवी पर दिखते हैं। क्या उन लोगों का ध्यान रखा गया जो गांवों में बिना शूज के ट्रेनिंग करते हैं? ये सब बस फोटो ऑपरेशन है।
vamsi Pandala
अरे भाई ये तो बहुत बड़ा ड्रामा है। श्रीजेश तो अब जाने कहां गए हैं, और मनु भाकर को इतना फेम दे दिया? ये तो एक फिल्म की स्क्रिप्ट लग रहा है।
nasser moafi
श्रीजेश और मनु भाकर? बिल्कुल फिटिंग। एक ने देश के लिए खून पसीना बहाया, दूसरी ने बस एक बंदूक उठाई और दुनिया को बता दिया कि भारत अब तैयार है। 🇮🇳🔥 ये दोनों मिलकर एक नया भारत बना रहे हैं।
Saravanan Thirumoorthy
हॉकी के लिए ध्वज देना बिल्कुल सही है अगर श्रीजेश ने नहीं रोका होता तो भारत को पदक नहीं मिलता और मनु भाकर ने जो किया वो भी अद्भुत है लेकिन अब ये दोनों एक साथ हैं और ये बहुत अच्छा है
Rohan singh
मैं तो सोच रहा था कि क्या कोई बात है जिसके लिए श्रीजेश को इतना सम्मान दिया जा रहा है... लेकिन जब मैंने उनके गोलकीपिंग के वीडियो देखे तो बस चुप रह गया। वो तो बस एक इंसान नहीं, एक भावना हैं।
Tejas Shreshth
ये सब बस एक रूढ़िवादी नैतिकता का नाटक है। जब तक खेल के लिए फंड नहीं बढ़ेगा, तब तक ये सब फोटो ऑपरेशन हैं। मनु भाकर को तो अभी भी ट्रेनिंग के लिए घर के बाहर निकलने में दिक्कत होती है।
sarika bhardwaj
ये दोनों ध्वजवाहक बिल्कुल अलग युग के प्रतीक हैं। श्रीजेश वो जिसने भारत को ओलंपिक पदक दिलाया, और मनु भाकर वो जिसने दिखाया कि अब भारत की लड़कियां भी दुनिया को हरा सकती हैं। ये सिर्फ ध्वज नहीं, ये एक वादा है। 💪