ओला इलेक्ट्रिक ने गिग वर्कर्स के लिए लॉन्च की स्कूटर रेंज

नवंबर 27 Roy Iryan 17 टिप्पणि

ओला इलेक्ट्रिक की नई पहल: गिग वर्कर्स के लिए स्कूटर्स

ओला इलेक्ट्रिक, जिसके सीईओ भविश अग्रवाल हैं, ने हाल ही में गिग वर्कर्स और शहरी यात्रियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी नई इलेक्ट्रिक स्कूटर रेंज लॉन्च की है। इस नई रेंज में ओला गिग, ओला गिग+, ओला S1 Z, और ओला S1 Z+ शामिल हैं। ये स्कूटर्स विशेषकर उन लोगों के लिए डिजाइन किए गए हैं जो छोटे और हल्के सामान की डिलीवरी करते हैं या व्यक्तिगत यात्रा करते हैं। इस तरह के स्कूटर्स वर्तमान समय में ट्रांसपोर्टेशन में क्रांति ला रहे हैं, जिससे ग्रीन एनर्जी का भी प्रचार हो रहा है।

स्कूटर्स की विशेषताएँ और कीमतें

ओला गिग की कीमत ₹39,999 से शुरू होती है और यह छोटे ट्रिप्स के लिए उपयुक्त है। इसकी अधिकतम गति 25 किमी प्रति घंटा है और यह 112 किमी की IDC-मुल्यांकनित सीमा प्रदान करता है। इसकी 1.5 kWh की हटाने योग्य बैटरी और हब मोटर इसे बेहद उपयोगी बनाते हैं। इसके अलावा, ओला गिग+ देर तक सफर करने के लिए और भारी भार ले जाने के लिए बनाया गया है, इसकी टॉप स्पीड 45 किमी/घंटा है और इसमें 81 किमी की IDC-मुल्यांकनित रेंज के साथ एकल/दोहरी 1.5 kWh की बैटरी है।

व्यक्तिगत यात्रियों के लिए ओला S1 Z कीमत ₹59,999 है, जो हटाने योग्य दोहरी 1.5 kWh बैटरी के साथ आती है और इसकी अधिकतम गति 70 किमी प्रति घंटा है। इसमें 75 किमी की IDC-मुल्यांकनित रेंज है। वहीं, ओला S1 Z+ की कीमत ₹64,999 है और यह व्यक्तिगत और हल्की व्यावसायिक उपयोग दोनों के लिए अनुकूल है।

सुविधाएं और सुरक्षा

ओला इलेक्ट्रिक ने इन स्कूटर्स को उच्च गुणवत्ता वाली बैटरियों के साथ तैयार किया है, जो मात्र स्कूटर को चलाने में ही नहीं, बल्कि आवासीय उपयोग के लिए पावर इन्वर्टर के रूप में भी कार्य करती हैं। ओला ने पावरपॉड नामक एक डिवाइस भी लॉन्च किया है, जिसकी कीमत ₹9,999 है, जो इन स्कूटर की बैटरियों को घर में बिजली आपूर्ति के लिए उपयोग करने की अनुमति देता है। यह इको-फ्रेंडली और राहतपूर्ण तकनीक वितरित करता है, जिससे ऊर्जा की बचत होती है।

ओला इलेक्ट्रिक का दृष्टिकोण और ग्राहक सेवा

भविष्य की ओर ओला इलेक्ट्रिक ने तय किया है कि वे अपने इस नए स्कूटर रेंज के जरिए इलेक्ट्रिक वाहन (EV) अपनाने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाएंगे। कंपनी का उद्देश्य है कि वे व्यापक उपयोग के लिए किफायती और भरोसेमंद परिवहन समाधान प्रदान करें। कंपनी विशेष रूप से इस बात पर ध्यान दे रही है कि उनके उत्पाद सस्ती कीमतों में उपलब्ध हों और तकनीकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हों, ताकि यह ग्राहकों के लिए एक विश्वसनीय विकल्प बन सके।

हालांकि, यह लॉन्च उस समय हुआ है जब ओला इलेक्ट्रिक को ग्राहकों से मिल रही सेवाओं के संबंध में नकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने उनके उत्पादों में पाई गई खामियों की जाँच का आदेश दिया है। लेकिन कंपनी का दावा है कि उन्होंने कुल 10,644 शिकायतों में से 99% का समाधान कर दिया है।

भविष्य की योजनाएँ

ओला इलेक्ट्रिक की गिग वर्कर्स के लिए इस विशेष पहल से यह स्पष्ट होता है कि कंपनी ने अपने उत्पादों की रेंज को बढ़ाने के साथ-साथ नई योजनाओं को लागू करने का संकल्प लिया है। उनका यह कदम इस ओर संकेत करता है कि वे अधिक से अधिक लोगों के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को सुलभ बनाना चाहते हैं, जिससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी बल्कि जीवाश्म ईंधनों पर लोगों की निर्भरता भी कम होगी। यह निश्चित रूप से ओला के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और आगे भी इस दिशा में उनके और प्रयास देखने को मिल सकते हैं।

Roy Iryan

Roy Iryan (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

sarika bhardwaj

sarika bhardwaj

ये स्कूटर्स तो बस एक ट्रेंड है, लेकिन बैटरी लाइफ और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का क्या? 🤔 गिग वर्कर्स को रोज 12 घंटे चलाना पड़ता है, और ये स्कूटर्स 112km की रेंज देते हैं? ये नंबर्स तो मार्केटिंग वालों के ड्रीम्स हैं। ⚡️🔋

Dr Vijay Raghavan

Dr Vijay Raghavan

अरे भाई, ये सब चीज़ें चीन से आ रही हैं, हमारे देश में कोई असली टेक्नोलॉजी नहीं बन रही। ओला इलेक्ट्रिक? नाम तो बड़ा रखा है, पर असली में ये सब एक बड़ा ब्रांडिंग फ्रॉड है। हमारे भारतीय इंजीनियर्स को बाहर भेज दिया जा रहा है, और यहाँ बस लगाम लगा रहे हैं। 🇮🇳

Partha Roy

Partha Roy

कंपनी का दावा है 99% शिकायतों का समाधान... ये वाला 1% जो बचा है वो क्या है? बैटरी फूट गई? मोटर जल गया? ये सब तो बस एक बड़ा गैर-जिम्मेदार बिज़नेस मॉडल है। जब तक भारत में कोई रेगुलेशन नहीं आता, ये सब फेक इनोवेशन चलता रहेगा। ये लोग तो बस ग्राहकों को गलत उम्मीदें दे रहे हैं।

Kamlesh Dhakad

Kamlesh Dhakad

मैंने ओला गिग लिया है, और असल में बहुत अच्छा है। बैटरी हटाने योग्य है, और घर पर चार्ज कर लेता हूँ। एक दिन में 80-90km आसानी से चल जाता है। बस थोड़ा सा टाइम लगता है चार्ज होने में, लेकिन अगर आप रोजाना चलते हैं तो ये बिल्कुल फायदेमंद है। 🙌

ADI Homes

ADI Homes

मुझे लगता है ये एक अच्छा स्टार्ट है। गिग वर्कर्स के लिए ये स्कूटर्स बहुत जरूरी हैं। बस इतना चाहिए कि चार्जिंग स्टेशन ज्यादा हों। मैंने अपने दोस्त को देखा, वो डिलीवरी करता है, और अब उसकी ईंधन की खर्च आधी हो गई। बस थोड़ा सा इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए।

Hemant Kumar

Hemant Kumar

हमें ये देखना चाहिए कि ये स्कूटर्स किस तरह से छोटे उद्यमियों की मदद कर रहे हैं। बैटरी को पावरपॉड के जरिए घर की बिजली के लिए इस्तेमाल करने का आइडिया तो बहुत बढ़िया है। ग्रामीण इलाकों में भी इसका इस्तेमाल हो सकता है। बस इसे ज्यादा लोगों तक पहुँचाने की जरूरत है।

NEEL Saraf

NEEL Saraf

मैं तो सोच रही थी... अगर ये स्कूटर्स इतने अच्छे हैं, तो फिर बैटरी के लिए रिसाइक्लिंग सिस्टम कहाँ है? ये बैटरियाँ जब खत्म हो जाएंगी, तो वो कहाँ जाएंगी? हमारे शहरों में तो बस गंदगी बढ़ रही है... ये टेक्नोलॉजी तो बहुत अच्छी है, लेकिन उसका एंड-ऑफ-लाइफ मैनेजमेंट? कोई सोच रहा है? 😔

Ashwin Agrawal

Ashwin Agrawal

मैंने इन स्कूटर्स को अपने दोस्तों के साथ टेस्ट किया है। ओला S1 Z+ वाला बहुत अच्छा है, खासकर भारी सामान ले जाने के लिए। बैटरी जल्दी चार्ज होती है और बैकग्राउंड में बहुत कम शोर होता है। बस डिलीवरी वालों के लिए एक अच्छा ऑप्शन है।

Shubham Yerpude

Shubham Yerpude

क्या आपने कभी सोचा है कि ये इलेक्ट्रिक स्कूटर्स वास्तव में निर्माण के दौरान कितना कार्बन फुटप्रिंट छोड़ रहे हैं? लिथियम की खानें, जिनके लिए जंगल काटे जाते हैं, जिनके लिए नदियाँ बदल जाती हैं... ये सब एक अलग तरह का नैतिक दुःख है। हम तो बस इसे 'ग्रीन' कह रहे हैं, लेकिन ये तो एक नए रूप का उपभोग है।

Hardeep Kaur

Hardeep Kaur

मैं एक इलेक्ट्रिक स्कूटर सर्विस टेक्नीशियन हूँ। बैटरी और मोटर की क्वालिटी बहुत अच्छी है। कुछ लोग शिकायत करते हैं कि बैटरी जल्दी खराब हो जाती है, लेकिन अधिकांश मामलों में ये गलत चार्जिंग या एक्सट्रीम टेम्परेचर की वजह से होता है। ओला के सर्विस सेंटर अच्छे हैं, बस ज्यादा नहीं हैं।

Chirag Desai

Chirag Desai

ओला गिग लिया, बहुत अच्छा है। बैटरी हटाने वाली है, चार्जिंग भी आसान। बस चार्जिंग स्टेशन ज्यादा चाहिए। अब तक दो बार चार्ज किया, एक बार घर पर, एक बार स्टेशन पर। खर्च भी कम हुआ।

Abhi Patil

Abhi Patil

मैंने इस रिपोर्ट को विश्लेषण किया है, और यह स्पष्ट है कि ओला इलेक्ट्रिक का यह उत्पाद एक अत्यधिक विकसित बाजार नीति का परिणाम है, जिसमें व्यावसायिक लाभ के लिए गिग वर्कर्स को एक नए रूप में उपयोग किया जा रहा है। यह एक निर्माणात्मक असमानता का उदाहरण है, जहाँ तकनीक का उपयोग शोषण के लिए किया जा रहा है। यह वास्तव में एक आधुनिक उपनिवेशवाद का रूप है।

Devi Rahmawati

Devi Rahmawati

इस पहल के लिए बहुत बधाई। गिग वर्कर्स को एक टेक्नोलॉजी देना जो उनकी आय बढ़ाए और उनकी मेहनत कम करे, यह एक बड़ी उपलब्धि है। लेकिन इसके साथ एक डिजिटल लिटरेसी प्रोग्राम भी चाहिए जो उन्हें बैटरी मेंटेनेंस, चार्जिंग सेफ्टी और डेटा ट्रैकिंग के बारे में सिखाए।

Prerna Darda

Prerna Darda

ये स्कूटर्स बस शुरुआत है। अब इसके बाद क्या? बैटरी रिसाइक्लिंग हब्स? एक नेशनल EV इन्फ्रास्ट्रक्चर? एक डिजिटल पावर ग्रिड जो घरों को बैटरी से जोड़े? ये सब तो अभी बचा है। लेकिन ओला ने एक नया दरवाजा खोल दिया है। अब देखना है कि हम इसे कैसे खोलते हैं।

rohit majji

rohit majji

मैंने ओला गिग+ लिया है और जिंदगी बदल गई! अब मुझे गैस का ख्याल नहीं करना पड़ता। बैटरी चार्ज करके सो जाता हूँ, सुबह उठते ही चला जाता हूँ। बहुत सस्ता है। अगर आप डिलीवरी करते हैं तो ये जरूर लें। आपका बजट और तनाव दोनों कम हो जाएगा! 💪⚡️

Uday Teki

Uday Teki

मेरा भाई डिलीवरी करता है, उसने ओला S1 Z लिया है। अब वो खुश है। बैटरी अच्छी है, चार्जिंग भी आसान। बस थोड़ा धीमा है, लेकिन शहर में तो ये ठीक है। बहुत अच्छा निर्णय था।

Haizam Shah

Haizam Shah

ये स्कूटर्स बस एक शुरुआत है। अगर हम इसे सही तरीके से लगातार बढ़ाएंगे, तो ये भारत की ऊर्जा भविष्य की कहानी बदल सकता है। बैटरी रिसाइक्लिंग, चार्जिंग नेटवर्क, गिग वर्कर्स के लिए सुरक्षा नियम - ये सब अब जरूरी है। ये तकनीक अच्छी है, अब उसे बढ़ाने का समय है। आगे बढ़ो!

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