दिसंबर 2025 के लिए उत्तर प्रदेश का मौसम विभाग के अनुसार आमतौर पर सुखद होने वाला है — दिन के अधिकतम तापमान 26°C तक रहेगा, जबकि रात का न्यूनतम 15°C तक गिर सकता है। इस महीने में केवल तीन दिन बारिश की संभावना है, और कुल वर्षा मात्रा केवल 4 मिलीमीटर होगी। लेकिन यह सामान्यतः शांत मौसम असल में कई जगहों पर अलग-अलग तरीके से दिखेगा। लखनऊ जैसे शहरों में दिनभर धूप के 11.8 घंटे होंगे, जबकि बस्ती जैसे उत्तरी जिलों में रात का तापमान 9.2°C तक गिर सकता है। ये अंतर सिर्फ एक संख्या नहीं, बल्कि लाखों लोगों के दिनचर्या, खेती और स्वास्थ्य पर असर डालने वाला है।
मौसम का विस्तृत चित्र: लखनऊ से बस्ती तक
अक्कूवेदर के अनुसार, लखनऊ में दिसंबर की शुरुआत में दिन का तापमान 26.7°C (80°F) तक पहुँच सकता है, लेकिन महीने के अंत तक यह 22.2°C (72°F) तक गिर जाएगा। रात के तापमान में भी एक स्पष्ट गिरावट देखी जा रही है — 12.8°C से घटकर 9.4°C तक। यह धीमी लेकिन स्पष्ट शीतलता वास्तव में शीतकाल की शुरुआत है। इसी तरह, बस्ती में 30 दिसंबर को न्यूनतम तापमान 9.2°C (48.6°F) दर्ज किया जाने की संभावना है। यह तापमान अचानक गिरने वाली बर्फ की तरह नहीं, बल्कि एक धीरे-धीरे घुलते हुए ठंड की तरह है, जो किसानों के लिए खेती के समय के फैसले को बदल देता है।
भारतीय मौसम विभाग का नजरिया: बारिश का अचानक बदलाव
सितंबर 2025 में, भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी। उस समय के प्रेस रिलीज (डॉक्यूमेंट आईडी 4302) में लिखा गया था कि उत्तराखंड और बिहार सहित क्षेत्रों में भारी वर्षा जारी रहेगी। लेकिन अब दिसंबर का अनुमान बिल्कुल अलग है — बारिश केवल तीन दिनों तक सीमित रहेगी। यह बदलाव दरअसल जलवायु नमूनों में अस्थिरता का संकेत है। नवंबर के अंत तक, भारतीय मौसम विभाग ने राजस्थान, पंजाब और उत्तराखंड में रात के तापमान 10°C से कम होने की बात कही, जबकि उत्तर प्रदेश के लिए यह स्थिति अभी तक नहीं है।
किसानों और यात्रियों के लिए क्या मायने रखता है?
उत्तर प्रदेश की आबादी 24.1 करोड़ है — दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में से एक। इसके लगभग 60% लोग खेती पर निर्भर हैं। दिसंबर का यह सुखद मौसम खेतों में रबी की फसलों के लिए बेहद फायदेमंद है। बर्फ नहीं, बारिश नहीं, बल्कि सूखी हवा और तेज धूप के साथ गेहूं और सरसों की फसलें अच्छी तरह उग रही हैं। लेकिन यही मौसम यात्रियों के लिए एक चुनौती बन सकता है। लखनऊ और वाराणसी के लिए दिन में 26°C ठंडा नहीं लगता, लेकिन रात को 9-12°C तापमान अचानक बहुत ठंडा लगता है। बहुत से लोग गर्म कपड़े नहीं लाते, और बीमारियाँ फैलने लगती हैं।
अगले कुछ हफ्तों में क्या उम्मीद करें?
दिसंबर के अंत तक, तापमान और भी गिरने लगेगा। जनवरी में लखनऊ के लिए न्यूनतम तापमान 8°C तक जा सकता है। बस्ती और गोरखपुर जैसे जिलों में तो यह 5°C तक भी पहुँच सकता है। भारतीय मौसम विभाग के 151 सतही अवलोकन केंद्र और 63 रडार स्टेशन इस बदलाव को निरंतर ट्रैक कर रहे हैं। उनका डेटा दिखाता है कि पिछले 10 सालों में दिसंबर के दिनों की औसत तापमान 24-27°C के बीच रही है — यह वर्ष 2025 का अनुमान उसी रेंज में है। लेकिन रात के तापमान में बढ़ोतरी देखी जा रही है — यह शहरी गर्मी के प्रभाव का संकेत है।
क्या यह जलवायु परिवर्तन का संकेत है?
हाँ, लेकिन अभी तक एक बड़ा बदलाव नहीं। दिसंबर में बारिश कम होना, रात का तापमान अधिक रहना — ये सभी छोटे अंतर हैं, लेकिन जब इन्हें लगातार 5-7 साल तक देखा जाए, तो ये एक नए नमूने का संकेत बन सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि उत्तर भारत में शीतकाल की शुरुआत अब अधिक धीमी हो रही है, और रात का तापमान शहरी क्षेत्रों में अधिक रह रहा है। यह बात लखनऊ और कानपुर में बेहद स्पष्ट है। यह न केवल मौसम की बात है — यह शहरी विकास, वाहनों की संख्या और ऊर्जा उपयोग का भी परिणाम है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
उत्तर प्रदेश में दिसंबर 2025 में बारिश कितनी होगी?
दिसंबर 2025 में उत्तर प्रदेश में केवल तीन दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, जिसकी कुल मात्रा केवल 4 मिलीमीटर होगी। यह औसत से कम है — पिछले 10 सालों में इस महीने की औसत वर्षा 8-10 मिलीमीटर रही है। यह असामान्य नहीं, लेकिन अपेक्षित शुष्कता का संकेत है।
बस्ती में दिसंबर का तापमान लखनऊ से क्यों कम है?
बस्ती उत्तरी उत्तर प्रदेश में स्थित है, जो हिमालय के निकट है। यहाँ रात के समय ठंडी हवाएँ पहाड़ों से नीचे बहती हैं, जिससे तापमान अधिक गिरता है। लखनऊ दक्षिण में है और शहरी गर्मी के प्रभाव से थोड़ा गर्म रहता है। यह भौगोलिक अंतर सालों से देखा जा रहा है।
किसानों के लिए यह मौसम कैसे फायदेमंद है?
दिसंबर का यह शुष्क और धूप वाला मौसम रबी फसलों — गेहूँ, सरसों, चना — के लिए आदर्श है। कम बारिश का मतलब है कि फसलों में फफूंदी या बीमारी का खतरा कम है। अधिक धूप से फसलें अच्छी तरह पक रही हैं, और खेतों में जलवायु अनुकूल है। यह साल का सबसे अच्छा मौसम है किसानों के लिए।
क्या दिसंबर में बर्फ या हिमपात की संभावना है?
नहीं। उत्तर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में दिसंबर में बर्फ या हिमपात की कोई संभावना नहीं है। यह केवल उत्तराखंड या हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में होता है। बस्ती या गोरखपुर में भी केवल बर्फ जैसी ठंड हो सकती है, लेकिन बर्फ नहीं।
भारतीय मौसम विभाग कैसे इतनी सटीक भविष्यवाणी करता है?
भारतीय मौसम विभाग के पास 151 सतही अवलोकन केंद्र, 63 रडार स्टेशन और 22 उच्च वायु अवलोकन स्टेशन हैं। ये सभी डेटा सुपरकंप्यूटर पर विश्लेषित होते हैं। इनमें गुरुत्वाकर्षण, हवा की दिशा, नमी और तापमान के बदलाव का विश्लेषण किया जाता है। यही कारण है कि वे दिसंबर के अंत तक तापमान के बदलाव को 2-3 डिग्री तक सटीक बता पाते हैं।
दिसंबर में यात्रा करने वालों के लिए क्या सलाह है?
दिन में हल्के कपड़े पहनें, लेकिन रात के लिए एक गर्म जैकेट जरूर ले जाएँ। खासकर बस्ती, गोरखपुर या वाराणसी जाने वाले यात्री अपने बच्चों और बुजुर्गों के लिए गर्म कपड़े रखें। अचानक ठंड के कारण सांस लेने में दिक्कत या बुखार हो सकता है। यह एक सामान्य मौसम है, लेकिन अनदेखा न किया जाए।
Arjun Kumar
26°C दिन में? भाई ये तो अप्रैल का मौसम है, दिसंबर में ये सब गलत है।
RAJA SONAR
अब तो बस्ती में 9.2°C ठंड भी नहीं लगती बस एक बार बारिश हो जाए तो दुनिया खत्म हो जाएगी
Mukesh Kumar
अच्छा हुआ कि बारिश नहीं हुई नहीं तो गेहूं की फसल बर्बाद हो जाती। किसान भाईयों को शुभकामनाएँ!
Rahul Sharma
मैंने लखनऊ में दिसंबर 2023 में देखा था, रात को 10°C तक गिर गया था, लेकिन शहर में गर्मी के कारण वो ठंड नहीं महसूस हो रही थी। अब ये डेटा सही लग रहा है। लेकिन बस्ती के लोगों को तो वास्तविक ठंड महसूस हो रही होगी।
Shraddhaa Dwivedi
यात्री लोगों के लिए ये जानकारी बहुत जरूरी है। मैंने पिछले साल वाराणसी जाने के लिए हल्के कपड़े लिए थे, रात को बुखार हो गया था। अब तो मैं हमेशा एक गर्म जैकेट अपने बैग में रखती हूँ।
Govind Vishwakarma
भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी अब बहुत सटीक हो गई है। अब तो ये डेटा बताता है कि शहरी विकास ने शीतकाल को बदल दिया है। लेकिन ये सब आंकड़े तो बस अधिकारियों के लिए हैं, आम आदमी को तो बस गर्म कपड़े चाहिए।
Shankar Kathir
देखो ये जो बात है कि रात का तापमान बढ़ रहा है, ये शहरी गर्मी का असर है। लखनऊ में अब रात को भी एसी चलता है, बिजली का खर्च बढ़ रहा है, कारों की संख्या बढ़ रही है, और ये सब मिलकर एक छोटी सी बदलाव का नमूना बन रहा है। अगर हम इसे नहीं समझेंगे तो अगले 10 साल में दिसंबर का तापमान 18-20°C रहेगा, और फिर हम कहेंगे कि ठंड खत्म हो गई।
Bhoopendra Dandotiya
ये जो धीमी ठंड है, जो बर्फ नहीं बल्कि एक धुंधली सी शीतलता है, वो तो बस्ती के खेतों में एक नए तरह की शांति ला रही है। जब रात को बाहर निकलता हूँ, तो हवा में गेहूं की खुशबू और ठंड का एक अजीब सा मिश्रण होता है। जैसे प्रकृति ने एक शायर को अपना गीत लिखने के लिए बुलाया हो।
Firoz Shaikh
जलवायु परिवर्तन के बारे में बात करने से पहले, हमें अपने घरों के लिए एक नियम बनाना चाहिए - गर्म कपड़े इस्तेमाल करें, एसी कम चलाएं, और बिजली की बर्बादी रोकें। ये छोटे कदम बड़े बदलाव की नींव हैं। भारतीय मौसम विभाग की डेटा विश्लेषण क्षमता अद्भुत है, लेकिन अगर हम इसका उपयोग केवल बुखार के लिए गर्म कपड़े लेने के लिए करेंगे, तो ये डेटा बेकार हो जाएगा।
Jamal Baksh
मैं जम्मू से हूँ, वहाँ दिसंबर में बर्फ गिरती है। लेकिन ये जो उत्तर प्रदेश का मौसम बताया गया है, वो एक अद्भुत संतुलन है। शहरी गर्मी और ग्रामीण ठंड का ये अंतर हमारे देश की विविधता का प्रतीक है। इसे समझना और सम्मान करना हम सबका कर्तव्य है।