विम्बलडन 2024: सुमित नागल की हार, भारत के लिए निराशाजनक शुरुआत

जुलाई 2 Roy Iryan 8 टिप्पणि

सुमित नागल का विम्बलडन 2024 में पहला दौर

विम्बलडन 2024 भारत के खेल प्रेमियों के लिए बेहद खास था, क्योंकि सुमित नागल ने कई चुनौतियों का सामना करते हुए इसे मुख्य ड्रॉ में जगह बनाई। जुलाई 1 को आयोजित पहले दौर के मैच में नागल का मुकाबला सर्बिया के मियोमिर केकमानोविच से हुआ। नागल, जो इस समय विश्व रैंकिंग में 72वें स्थान पर हैं, ने दमदार शुरुआत की लेकिन अंततः हार का सामना करना पड़ा। चार सेटों के इस मैच का अंतिम स्कोर 2-6, 6-3, 3-6 और 4-6 रहा।

44 अनफोर्स्ड एरर्स: मैच का निर्णायक पहलू

नागल ने कुल 44 अनफोर्स्ड एरर्स किए, जो उनके हार का प्रमुख कारण बना। इन गलतियों के कारण वे प्रतिस्पर्धा में बने रहना मुश्किल हो गया। इसके बावजूद, नागल ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए 47 शानदार विनर्स लगाए। मैच के दौरान कुल 104 अंक हासिल किए जबकि केकमानोविच ने 122 अंक हासिल किए। इस प्रदर्शन में नागल अपनी छाप छोड़ने में असफल रहे

केकमानोविच का दूसरा विजय

केकमानोविच का दूसरा विजय

यह केकमानोविच और नागल के बीच दूसरा मुकाबला था। इससे पहले, चार साल पहले जर्मनी के कोलोन में आयोजित एटीपी 250 इवेंट में भी केकमानोविच ने नागल को हराया था।

प्रारंभिक वर्षों में सुमित नागल का सफर

नागल, जो मात्र 26 वर्ष के हैं, भारत के लिए टेनिस में उम्मीद की नई किरण के रूप में उभरे हैं। वे पांच साल बाद विम्बलडन में पुरुष एकल मुख्य ड्रॉ में खेलने वाले पहले भारतीय हैं। इससे पहले, 2019 में प्रजनेश गुणेश्वरन ने मुख्य ड्रॉ में जगह बनाई थी लेकिन पहले दौर में ही बाहर हो गए थे।

सपनों का सीजन: नागल का बेहतरीन प्रदर्शन

सुमित नागल के लिए इस साल का सीजन सपनों जैसा रहा। उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन के मुख्य ड्रॉ में प्रवेश किया और 31वीं सीड कजाखस्तान के अलेक्जेंडर बब्लिक को हराकर सनसनी मचा दी। इसके साथ ही, इन्होंने इंडियन वेल्स मास्टर्स और मोंटे-कार्लो मास्टर्स के मुख्य ड्रॉ के लिए भी क्वालीफाई किया। इस साल नागल ने दो चैलेंजर इवेंट्स भी जीते – हैलब्रोन चैलेंजर और चेन्नई ओपन एटीपी चैलेंजर। हालांकि, फ्रेंच ओपन में उन्हें पहले दौर में हार का सामना करना पड़ा।

पेरिस ओलंपिक्स के लिए चयन

पेरिस ओलंपिक्स के लिए चयन

सुमित नागल का संघर्ष और मेहनत उन्हें आने वाले पेरिस ओलंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिलाने वाला है। यह उनके करियर का महत्वपूर्ण पड़ाव है और भारतीय खेल प्रेमियों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं।

समर्पण और सुधार की आवश्यकता

नागल के लिए इस हार से सीखने का मौका है। वे अपने खेल में सुधार के लिए किए गए गलतियों का विश्लेषण करेंगे और बेहतर प्रदर्शन के लिए आगे की रणनीति बनाएंगे। विम्बलडन 2024 की इस हार से निराशा अवश्य है, लेकिन नागल का भविष्य उज्ज्वल है और वे अपनी मेहनत और समर्पण से आने वाले टूर्नामेंट्स में फिर से चमक सकते हैं।

Roy Iryan

Roy Iryan (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

rohit majji

rohit majji

bhaiya yeh 44 unforced errors kya tha? kya ye sirf pressure ki wajah se ya phir court ki surface ke wajah se? main to soch raha tha ki sumit ka game grass pe bhi strong hai!

Uday Teki

Uday Teki

bhaiya bas itna kehna tha ki tumne itni mehnat ki hai... aur abhi toh shuruwat hui hai 😊💪 #SumitNagalForever

Ira Burjak

Ira Burjak

Acha hai ki kisi ne uski 47 winners ki baat ki... kyunki koi nahi bol raha tha ki ye ek 72nd ranked player hai jo 4 sets tak fight kiya. Kya ye nahi kahna chahiye ki 'yeh khel hai, nahi koi exam'?

Haizam Shah

Haizam Shah

log bas 'unforced errors' ke naam pe khatam kar dete hain... par kya koi sochta hai ki ek Indian player ko grass court pe sirf 2000 spectators ke saamne khelna padta hai jabki Serbian player ko 15,000 ke saamne? Yeh system hi biased hai.

Vipin Nair

Vipin Nair

44 errors ka matlab yeh nahi ki woh kharab khel raha hai... matlab woh risk le raha hai. Tennis mein winners aur errors ek hi coin ke do taraf hote hain. Jisko darr lagta hai woh serve nahi karta. Sumit ne serve kiya. Aur yehi toh future hai

Shardul Tiurwadkar

Shardul Tiurwadkar

Pehle Australian Open mein sab bol rahe the 'yeh Indian tennis ka future hai'... ab Wimbledon pe hua toh sab keh rahe 'oh kya yeh tha?'... yehi hai humari culture. Trophy chahiye, effort nahi.

Abhijit Padhye

Abhijit Padhye

Agar Sumit 26 saal ka hai aur abhi pehli baar Wimbledon main draw mein hai... toh phir 2019 ke Pranjesh ko compare kyun kar rahe ho? Pranjesh ka 2019 ka performance kya tha? Bas ek qualifier tha jo 1st round mein gaya. Sumit ne 4 sets khela. Aur abhi toh uska peak bhi nahi aaya. Ye koi failure nahi... ye acceleration hai.

Devi Rahmawati

Devi Rahmawati

While statistics highlight performance, the psychological resilience demonstrated by Mr. Nagal in extending the match to four sets against a top-50 opponent on grass-a surface requiring unique adaptation-is arguably more indicative of long-term potential than mere win-loss records. His trajectory mirrors the evolution of other global athletes who overcame early setbacks to redefine national expectations. We must shift from transactional fandom to institutional support.

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