डोनाल्ड ट्रंप का आरोपों में दोष सिद्ध
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, 77 वर्षीय, को मैनहटन की जूरी द्वारा उनके खिलाफ लगे सभी 34 आपराधिक आरोपों में दोषी ठहराया गया है। यह फैसला 31 मई 2024 को सुनाया गया, जो अमेरिकी इतिहास में पहली बार है कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को आपराधिक मामले में दोषी पाया गया हो।
घटना 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित है जहां ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने वयस्क फिल्म अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स से उनके संबंधों को छिपाने के लिए हश मनी भुगतान किया। यह आरोप लगाया गया कि ट्रंप ने चुनावी वित्त कानूनों का उल्लंघन कर इस भुगतान को छुपाया।
न्यायालय की कार्यवाही और फैसला
मैनहटन की अदालत में हुए इस मुकदमे में ट्रंप के खिलाफ 34 आरोप लगाए गए थे, जिसमें उन्होंने व्यापारिक रिकॉर्ड्स को गलत तरीके से प्रस्तुत किया ताकि इस भुगतान को छुपाया जा सके। जूरी ने सभी आरोपों को सही पाया और ट्रंप को दोषी ठहराया।
यह फैसला 31 मई को सुनाया गया था, और इस फैसले के बाद ट्रंप ने इसे 'घृणित' करार दिया। उनका कहना है कि वास्तविक न्याय 5 नवंबर 2024 को राष्ट्रपति चुनाव के दौरान आएगा।
अमेरिकी राजनीति पर प्रभाव
ट्रंप का यह दोष सिद्ध होना अमेरिकी राजनीति में एक बड़ा भूचाल ला सकता है। हालांकि इन दोषों के बावजूद ट्रंप अब भी 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं।
संभावित सजा और इसके निहितार्थ
ट्रंप की सजा की तारीख 11 जुलाई 2024 तय की गई है, जिनमें दोष सिद्ध होने पर उन्हें जेल की सजा या परिवीक्षा दी जा सकती है।
इस फैसले और संभावित सजा का ट्रंप और उनके अमेरिका में समर्थन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखा जाना बाकी है। लेकिन यह निश्चित है कि इस फैसले ने राष्ट्रपति चुनाव की राजनीति को गर्मा दिया है।
ट्रंप के समर्थकों का मानना है कि यह फैसला राजनीति प्रेरित है, जबकि उनके विरोधियों का कहना है कि यह न्याय की जीत है।
ट्रंप का बयान और चुनावी रणनीति
फैसले के बाद ट्रंप ने एक बयान जारी किया जिसमें उन्होंने इसे 'राजनीतिक उत्पीड़न' कहा। उन्होंने यह भी कहा कि असली न्याय 5 नवंबर 2024 को मिलेगा जब जनता अपने मताधिकार द्वारा फैसला करेगी।
2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की रणनीति अब अमेरिकी जनता के समक्ष उनके खिलाफ लगे आरोपों और दोष सिद्ध होने के बावजूद समर्थन हासिल करने पर केंद्रित होगी।
आगे की राह
डोनाल्ड ट्रंप की दोष सिद्धि और राष्ट्रपति चुनाव के मध्य यह मामला अमेरिकी राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बना रहेगा।
यह देखना दिलचस्प होगा कि रिपब्लिकन पार्टी इस पूरी घटना का किस प्रकार सामना करेगी और ट्रंप की उम्मीदवारी पर क्या निर्णय लेगी।
अमेरिकी जनता का भी जनमत इस समय महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह फैसला करेगी कि दोष सिद्धि के बावजूद ट्रंप को समर्थन देना चाहिए या नहीं।
अंततः यह तय करना जनता और न्यायिक प्रणाली का कार्य होगा कि ट्रंप के राजनीतिक करियर के साथ क्या होगा।
Uday Teki
ये सब तो बस राजनीति है। अमेरिका में भी लोग अपने नेताओं को चाहते हैं, चाहे वो कुछ भी कर रहे हों। 😅
Haizam Shah
इस आदमी को जेल भेजो! अगर वो अमेरिका का राष्ट्रपति बन सकता है तो ये देश क्या बन गया? कोई न्याय नहीं बचा!
Vipin Nair
दोषी पाया गया तो फिर क्या? न्याय तो जनता के मतों में है। अगर लोग फिर से उसे चुनेंगे तो ये न्याय का असली परीक्षण होगा।
कानून एक चीज है, लोकतंत्र दूसरी।
Ira Burjak
हम भारत में भी ऐसा ही होता है ना? जो बड़ा बन जाए, उसे नहीं छू सकते। अमेरिका में भी यही खेल चल रहा है। 😏
Shardul Tiurwadkar
ये सब फिल्मी ड्रामा है। ट्रंप ने जो किया, उसका नतीजा अब देखो। लेकिन जनता को असली सवाल ये है - क्या वो अभी भी अच्छा नेता है?
Abhijit Padhye
तुम सब भूल रहे हो कि ट्रंप ने अमेरिका को बाहर निकाला था। जिन लोगों ने उसे चुना, वो जानते थे कि वो गलत है। लेकिन वो अच्छा था।
न्याय तो बस एक शब्द है। असली न्याय तो वो है जो जनता देती है।
VIKASH KUMAR
ये तो ज़िंदगी का सबसे बड़ा ड्रामा है! एक राष्ट्रपति जेल जा रहा है और फिर भी चुनाव लड़ रहा है! 😱
क्या ये अमेरिका है या बॉलीवुड? कोई फिल्म बन रही है क्या? 🎬
UMESH ANAND
इस प्रक्रिया का गंभीरता से अनुसरण किया जाना चाहिए। कानून के समक्ष सभी बराबर हैं। यह एक ऐतिहासिक क्षण है जिसे उचित आदर से सम्मानित किया जाना चाहिए।
Karan Chadda
अमेरिका में तो अब राष्ट्रपति बनने के लिए जेल जाना जरूरी है? 😂
अब तो हमारे देश में भी ऐसा हो जाएगा।
Shivani Sinha
ट्रंप को जेल में डाल दो... अगर नहीं तो अमेरिका का नाम ही बदल दो... ये न्याय नहीं है ये तो नाटक है
Tarun Gurung
ये सब एक बड़ी चाल है। ट्रंप को गिराने के लिए लोग बहुत कुछ कर रहे हैं। लेकिन जब तक लोग उसे चुनते रहेंगे, तब तक वो अजेय है।
इसलिए असली लड़ाई नवंबर में होगी। अब तो बस ड्रामा चल रहा है।
Rutuja Ghule
यह न्याय की जीत है, और यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रीसिडेंट के लिए अत्यंत निर्णायक निर्णय है। कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, कानून के ऊपर नहीं होता।
vamsi Pandala
क्या ये सब जो लोग ट्रंप के खिलाफ हैं, उन्होंने कभी सोचा कि अगर वो जीत गए तो फिर क्या होगा?
कोई नहीं सोचता... बस गुस्सा करते हैं।
nasser moafi
भारत में भी ऐसा होता है... जो बड़ा बन जाए, उसके खिलाफ कोई नहीं बोल पाता। ट्रंप को अमेरिका में बोलने दो... वो अपनी बात कह रहा है।
हम भी अपने नेताओं के बारे में ज़्यादा बात करें। 😎
Saravanan Thirumoorthy
अमेरिका का न्याय तो अपने आप में बहुत अच्छा है लेकिन जब राजनीति आ जाए तो वो भी टूट जाता है
Tejas Shreshth
क्या आप जानते हैं कि ट्रंप ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बचाया? जो लोग उसके खिलाफ हैं, वो अपनी निजी निर्धारित नैतिकता के आधार पर फैसला कर रहे हैं। न्याय नहीं, अहंकार।
Hitendra Singh Kushwah
यह एक अत्यंत गंभीर मामला है। राष्ट्रपति के लिए न्याय का प्रयोग अत्यंत सावधानी से किया जाना चाहिए। यह न्याय की शक्ति का प्रतीक है।
sarika bhardwaj
न्याय का अंतिम निर्णय जनता देगी। इसलिए यह सब एक राजनीतिक रणनीति है। इसे न्याय कहना गलत है।
Dr Vijay Raghavan
हम भारत में भी ऐसा हो रहा है। जो बड़ा बन जाता है, उसके खिलाफ कोई नहीं बोल पाता। ट्रंप को अमेरिका में गिराने की कोशिश हो रही है।
लेकिन अगर लोग फिर से चुन दें तो ये सब बेकार हो जाएगा।