पेरिस 2024 पैरालिंपिक: अवनी लेखरा ने महिला 50 मीटर राइफल 3 पॉज़िशन्स में पांचवां स्थान हासिल किया

सितंबर 3 विवेक शर्मा 0 टिप्पणि

पेरिस 2024 पैरालिंपिक: अवनी लेखरा का अद्वितीय प्रदर्शन

भारतीय पैरा शूटर अवनी लेखरा ने एक बार फिर अपने अद्वितीय कौशल और दृढ़ निश्चय का परिचय देते हुए पेरिस 2024 पैरालिंपिक में महिला 50 मीटर राइफल 3 पॉज़िशन्स SH1 इवेंट में पांचवां स्थान हासिल किया। यह प्रदर्शन उनके पहले के स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रदर्शनों की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है।

स्वर्ण पदक से लेकर आज

अवनी लेखरा ने पहले ही महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर नई पैरालिंपिक रिकॉर्ड कायम किया था। उनके इस असाधारण प्रदर्शन द्वारा उन्होंने 249.7 अंक प्राप्त किए थे। यह जीत उनके दृढ़ निश्चय और कठिन परिश्रम का परिणाम थी, जो उनके जीवन में घटित दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बावजूद उन्हें रोक नहीं सकी। ग्यारह साल की उम्र में एक कार दुर्घटना के कारण व्हीलचेयर से बाधित होने के बावजूद उनकी ये उपलब्धियां उनके अद्वितीय क्षमता का प्रमाण हैं।

लेखरा की कहानी एक प्रेरणा है जिसमें उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने स्पोर्ट्स के पैशन को जारी रखा। टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में भी उन्होंने इसी इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था और इस बार पेरिस में भी उन्होंने अपने कौशल का लोहा मनवाया।

प्रदर्शन और प्रतिस्पर्धा

50 मीटर राइफल 3 पॉज़िशन्स इवेंट में अवनी लेखरा के प्रदर्शन ने सभी को प्रबुद्ध किया। इस इवेंट में प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी थी और शीर्ष शूटरों के बीच हुए संघर्ष में वह पांचवें स्थान पर रहीं। उन्होंने जिस प्रकार संघर्ष किया और अंत तक लड़ाई लड़ी, वह निश्चित रूप से प्रशंसा के योग्य है।

उनका प्रशिक्षण भारतीय शूटिंग के दिग्गज अभिनव बिंद्रा के निगरानी में हो रहा है, जिन्होंने उनके करियर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेखरा ने अपनी मेहनत और समर्पण के साथ बार-बार भारतीय पैरा स्पोर्ट्स में एक नई मिसाल कायम की है।

भारत के लिए बड़ी उपलब्धि

पेरिस 2024 पैरालिंपिक में अवनी लेखरा की भागीदारी और प्रदर्शन ने एक बार फिर भारत का नाम रोशन किया है। उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय पैरा स्पोर्ट्स को एक नई ऊँचाइयों पर ले जाने का काम किया है। उनके प्रयासों ने अन्य एथलीट्स को भी प्रेरणा दी है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोई भी सीमा पार कर सकते हैं।

हालांकि, इस इवेंट में अवनी कोई पदक नहीं जीत पाईं, लेकिन उनके प्रदर्शन ने यह सिद्ध कर दिया कि असली जीत हार मानने में नहीं बल्कि लड़ाई जारी रखने में है।

आगे की राह

अवनी लेखरा ने अपने आगामी करियर के लिए मजबूत आधार तैयार किया है। उनकी यह यात्रा सिर्फ़ एक शुरुआत है और भविष्य में वे और भी बड़े मुकाम हासिल कर सकती हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय से बड़ा कोई और प्रेरणा नहीं है।

अवनी लेखरा के इस अद्भुत प्रदर्शन के बाद यह स्पष्ट है कि भारतीय पैरा शूटरों के लिए भविष्य में और भी चमकदार अवसर हैं। उनकी मेहनत और संघर्ष की यह कहानी हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।

अवनी की इस उपलब्धि के साथ ही पेरिस 2024 पैरालिंपिक में भारत की उपस्थिती भी मज़बूत हुई है और इससे निश्चित ही देश को अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है।

विवेक शर्मा

विवेक शर्मा (लेखक )

मैं एक अनुभवी पत्रकार हूं जो रोज़मर्रा के समाचारों पर लेखन करता हूं। मेरे लेख भारतीय दैनिक समाचारों पर गहन विश्लेषण प्रदान करते हैं। मैंने विभिन्न समाचार पत्र और ऑनलाइन प्लेटफार्म के लिए काम किया है। मेरा उद्देश्य पाठकों को सही और सटीक जानकारी प्रदान करना है।

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