पेरिस 2024 पैरालिंपिक: अवनी लेखरा का अद्वितीय प्रदर्शन
भारतीय पैरा शूटर अवनी लेखरा ने एक बार फिर अपने अद्वितीय कौशल और दृढ़ निश्चय का परिचय देते हुए पेरिस 2024 पैरालिंपिक में महिला 50 मीटर राइफल 3 पॉज़िशन्स SH1 इवेंट में पांचवां स्थान हासिल किया। यह प्रदर्शन उनके पहले के स्वर्ण पदक जीतने वाले प्रदर्शनों की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण अध्याय जोड़ता है।
स्वर्ण पदक से लेकर आज
अवनी लेखरा ने पहले ही महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर नई पैरालिंपिक रिकॉर्ड कायम किया था। उनके इस असाधारण प्रदर्शन द्वारा उन्होंने 249.7 अंक प्राप्त किए थे। यह जीत उनके दृढ़ निश्चय और कठिन परिश्रम का परिणाम थी, जो उनके जीवन में घटित दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बावजूद उन्हें रोक नहीं सकी। ग्यारह साल की उम्र में एक कार दुर्घटना के कारण व्हीलचेयर से बाधित होने के बावजूद उनकी ये उपलब्धियां उनके अद्वितीय क्षमता का प्रमाण हैं।
लेखरा की कहानी एक प्रेरणा है जिसमें उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने स्पोर्ट्स के पैशन को जारी रखा। टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में भी उन्होंने इसी इवेंट में स्वर्ण पदक जीता था और इस बार पेरिस में भी उन्होंने अपने कौशल का लोहा मनवाया।
प्रदर्शन और प्रतिस्पर्धा
50 मीटर राइफल 3 पॉज़िशन्स इवेंट में अवनी लेखरा के प्रदर्शन ने सभी को प्रबुद्ध किया। इस इवेंट में प्रतिस्पर्धा बेहद कड़ी थी और शीर्ष शूटरों के बीच हुए संघर्ष में वह पांचवें स्थान पर रहीं। उन्होंने जिस प्रकार संघर्ष किया और अंत तक लड़ाई लड़ी, वह निश्चित रूप से प्रशंसा के योग्य है।
उनका प्रशिक्षण भारतीय शूटिंग के दिग्गज अभिनव बिंद्रा के निगरानी में हो रहा है, जिन्होंने उनके करियर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेखरा ने अपनी मेहनत और समर्पण के साथ बार-बार भारतीय पैरा स्पोर्ट्स में एक नई मिसाल कायम की है।
भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
पेरिस 2024 पैरालिंपिक में अवनी लेखरा की भागीदारी और प्रदर्शन ने एक बार फिर भारत का नाम रोशन किया है। उनके इस प्रदर्शन ने भारतीय पैरा स्पोर्ट्स को एक नई ऊँचाइयों पर ले जाने का काम किया है। उनके प्रयासों ने अन्य एथलीट्स को भी प्रेरणा दी है कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कोई भी सीमा पार कर सकते हैं।
हालांकि, इस इवेंट में अवनी कोई पदक नहीं जीत पाईं, लेकिन उनके प्रदर्शन ने यह सिद्ध कर दिया कि असली जीत हार मानने में नहीं बल्कि लड़ाई जारी रखने में है।
आगे की राह
अवनी लेखरा ने अपने आगामी करियर के लिए मजबूत आधार तैयार किया है। उनकी यह यात्रा सिर्फ़ एक शुरुआत है और भविष्य में वे और भी बड़े मुकाम हासिल कर सकती हैं। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अदम्य साहस और दृढ़ निश्चय से बड़ा कोई और प्रेरणा नहीं है।
अवनी लेखरा के इस अद्भुत प्रदर्शन के बाद यह स्पष्ट है कि भारतीय पैरा शूटरों के लिए भविष्य में और भी चमकदार अवसर हैं। उनकी मेहनत और संघर्ष की यह कहानी हमेशा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
अवनी की इस उपलब्धि के साथ ही पेरिस 2024 पैरालिंपिक में भारत की उपस्थिती भी मज़बूत हुई है और इससे निश्चित ही देश को अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है।
ADI Homes
इतनी मेहनत के बाद भी पदक नहीं मिला... लेकिन जिसने लड़ाई लड़ी, वो ही असली विजेता है। ❤️
Uday Teki
अवनी तो बस एक एथलीट नहीं, एक जिंदगी की कहानी है। इस लड़की ने साबित कर दिया कि शरीर की सीमाएं आत्मा की ऊँचाइयों को रोक नहीं सकतीं। 🙌🔥
sarika bhardwaj
ये जो लोग पदक के बिना किसी की उपलब्धि को अधूरा कहते हैं, उनकी सोच भी व्हीलचेयर में बंद है। 🤦♀️ अवनी ने जो किया, वो इतिहास बन गया। भारत के लिए गर्व की बात है। 🇮🇳✨
Dr Vijay Raghavan
अगर ये एक अमेरिकी या चीनी लड़की होती तो पूरी दुनिया उसकी तारीफ कर रही होती। लेकिन भारतीय एथलीट की उपलब्धि को बस ‘अच्छा प्रदर्शन’ कह देते हैं। ये देश की सोच है या दुर्भाग्य?
Partha Roy
पदक नहीं मिला तो ये सब बकवास है। अगर तुम असली चैंपियन होते तो टोक्यो के बाद ये वाला इवेंट भी जीत लेते। अब लोगों को भावनाओं से भरकर बातें करने की जरूरत नहीं।
Kamlesh Dhakad
अवनी के लिए बस एक बात कहूं - तुम अकेले नहीं हो। हर भारतीय तुम्हारे साथ है। पदक या न हो, तुम हमारे लिए चैंपियन हो। 💪
NEEL Saraf
मैंने उन्हें ट्रेनिंग वाले सेंटर में देखा था... वो बिना किसी शिकायत के, बिना किसी रुकावट के, हर दिन एक बार भी गिरे बिना शूट करती रहती थीं। ये नहीं कह सकते कि वो ‘पांचवें’ निकलीं - वो तो सबसे ऊपर थीं।
Prerna Darda
ये सिर्फ़ शूटिंग नहीं है, ये एक फिलॉसफी है - जीवन में जो चीज़ें तुम नियंत्रित नहीं कर सकते, उन पर रोना बंद करो। जो कर सकते हो, उस पर ध्यान दो। अवनी ने यही किया। ये असली शक्ति है।
Ashwin Agrawal
क्या कोई जानता है कि अवनी ने अपने पहले शूटिंग गन के लिए अपनी माँ के गहने बेचे थे? ये लड़की जिस लगन से आगे बढ़ी, उसकी तुलना में हम सब बस बातें कर रहे हैं।
Shubham Yerpude
इस पदक की कमी को देखकर मुझे लगता है कि ये एक सामाजिक असमानता का प्रतीक है। जिन लोगों के पास अच्छे ट्रेनर नहीं हैं, वो दुनिया को बदल नहीं सकते। अवनी के पास अभिनव बिंद्रा थे। अगर ये किसी गाँव की लड़की होती तो क्या होता?
Hardeep Kaur
अवनी के लिए ये पांचवां स्थान एक विजय है। आप लोग जो पदक के बारे में बात कर रहे हैं, वो तो उसके लिए एक बाहरी मापदंड है। उसके अंदर की लड़ाई तो बहुत पहले जीत चुकी थी।
Abhi Patil
एक शूटर के लिए तीन पोजिशन में 50 मीटर का शूटिंग एक ऐसा खेल है जिसमें एक मिलीसेकंड का अंतर भी जीत या हार बन जाता है। अवनी ने जो किया, वो शायद ही किसी ने किया हो। ये रिकॉर्ड नहीं, एक अध्याय है।
rohit majji
जब तक हम एथलीट्स को निशाना नहीं बनाएंगे, तब तक भारत के लिए ये खेल बस एक बार-बार आने वाला आयोजन रहेगा। अवनी को राष्ट्रीय नायक बनाओ। उसकी तस्वीर स्कूलों में लगाओ।
Haizam Shah
मैंने अवनी को देखा जब वो ट्रेनिंग के बाद अकेले रात में अपने गन को साफ़ कर रही थीं। उस दृश्य ने मुझे बदल दिया। अब मैं अपनी नौकरी में भी हार नहीं मानता। धन्यवाद, अवनी।
Vipin Nair
पदक नहीं जीतना असफलता नहीं है। असफलता तो तब होती है जब तुम लड़ना बंद कर दो। अवनी ने लड़ाई जारी रखी। ये जीत है।
Ira Burjak
कुछ लोग कहते हैं ‘अवनी ने पदक नहीं जीता’... बस थोड़ा रुको। तुमने कभी किसी के लिए एक दिन भी उसके दर्द के बिना बंदूक उठाई है? अवनी ने उसे उठाया है। और फिर भी शूट किया। तुम क्या करते हो?
Hemant Kumar
मैं एक प्रशिक्षक हूँ। अवनी को जब मैंने पहली बार देखा, तो उसकी आँखों में वो चमक थी जो लोग बस फिल्मों में देखते हैं। उसने कभी नहीं सोचा कि वो ‘अलग’ है। वो सिर्फ़ एक शूटर थी। और आज, वो एक अमर नाम बन गई।
Shardul Tiurwadkar
क्या आप जानते हैं कि अवनी ने अपना पहला पदक जीतने के बाद उसे अपनी बहन के लिए रख दिया? वो बहन उसके लिए हर दिन प्रार्थना करती है। ये कहानी नहीं, ये जीवन है।
Abhijit Padhye
अवनी के बाद भारत के पैरालिंपिक टीम को अब फंडिंग नहीं, फोकस चाहिए। अगर हम इस तरह के खिलाड़ियों को सिर्फ़ अपनी नाक के नीचे रखेंगे, तो हमारा भविष्य भी उनके जैसा होगा - निराशाजनक।
Devi Rahmawati
अवनी ने जो किया, वो एक बच्चे की तरह है - जो बिना डर के दुनिया को छूने की कोशिश करता है। उसकी उपलब्धि का मतलब है - अगर तुम बिना डर के चलो, तो दुनिया तुम्हें देखेगी।