पहलवानी – भारतीय कुश्ती की दिलचस्प दुनिया
अगर आप खेलों में रुचि रखते हैं तो पहलवानी को एक बार ज़रूर देखिए। यह सिर्फ ताकत नहीं, बल्कि संकल्प, अनुशासन और सही पोषण का मिश्रण है। छोटे गाँवों से लेकर बड़े शहरों तक, अखाड़ों में गूँजती इस खेल की ध्वनि आपको भारतीय संस्कृति के गहराई तक ले जाएगी।
पहलवानी का इतिहास
पहलवानी का मूल प्राचीन महाभारत और गीता में भी मिल जाता है, जहाँ द्रौपदी की लोहे की बालिका जैसी प्रतिद्वंद्विता का जिक्र है। बाद में काल में यह पेशेवर कुश्ती में बदल गया, जहाँ महाराजों ने अपने दरबार में पहलवानों को आमंत्रित किया। आज भी दिल्ली, लखनऊ, कानपुर जैसे शहरों में बड़े‑बड़े अखाड़े हैं जहाँ साल‑भर टूरनामेंट होते रहते हैं।
अखाड़े और प्रशिक्षण
अखाड़े में प्रशिक्षण बहुत सटीक तरीके से किया जाता है। सुबह जल्दी उठकर, नथ (कुश्ती का मैदान) में बारी‑बारी से दोड़ते, दण्ड वज्र (डंड) से स्ट्रेंथ बनाते और घूंघट (डंबेल) से पावर बढ़ाते हैं। गुरुजी अक्सर सिखाते हैं कि पेट की मांसपेशी, कंधे और घुटने की ताकत ही जीत की चाबी है। साथ ही, हल्दी‑गुड़, दही, अखरोट जैसी घरेलू डाइट से शरीर को पोषण मिलता है।
प्रैक्टिस में ध्यान देने वाली बातों में से एक है "अस्थि‑अस्थि की टक्कर" को आराम से संभालना। यदि आप शुरुआत कर रहे हैं तो हल्के‑हल्के दंड से शुरू करें, फिर धीरे‑धीरे वजन बढ़ाएँ। बिना सही तकनीक के भारी वजन उठाना चोट का कारण बन सकता है, इसलिए हमेशा गुरु के देखरेख में ट्रेनिंग करें।
पहलवानी में केवल शारीरिक शक्ति ही नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता भी जरूरी है। कई बार मैच में राउंड के बीच में हार ने हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। यहाँ तक कि कुछ मशहूर पहलवान रोज़ सुबह चार बजे उठकर ध्यान और प्राणायाम करते हैं, जिससे उनका फोकस बेहतर रहता है।
आजकल सोशल मीडिया पर भी पहलवानी की धूम है। कई युवा इस परंपरा को आधुनिक फिटनेस के साथ जोड़ रहे हैं। आप भी अगर अपनी फिटनेस को मज़ेदार बनाना चाहते हैं तो नज़दीकी अखाड़े में एक ट्रायल क्लास लेकर देख सकते हैं। बस याद रखें – नियमितता और सही डाइट ही सफलता की कुंजी है।
तो तैयार हैं? अपने घर के पास के अखाड़े में जाकर इस परम्परागत खेल को अपनाएँ और खुद को एक नया रूप दें। पहलवानी सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक जीवनशैली है।
पेरिस ओलंपिक्स 2024 में महिलाओं के 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल फाइनल से 100 ग्राम अधिक वजन के कारण अयोग्य घोषित होने के बाद, भारतीय पहलवान विनेश फोगाट ने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट (CAS) में अपील की। CAS ने उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है और जल्द ही निर्णय की उम्मीद है। विनेश ने इस चुनौती को साहस और दृढ़ता से स्वीकार किया।