तिरुमला लड्डू विवाद: घी में विदेशी वसा की उपस्थिति
आंध्र प्रदेश के तिरुमला मंदिर में लड्डू की गुणवत्ता को लेकर विवाद का नया अध्याय खुल गया है। नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) की रिपोर्ट के अनुसार, तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) द्वारा इस्तेमाल किए गए घी में विदेशी वसा, जिसमें जानवरों की चर्बी भी शामिल थी, की उपस्थिति पाई गई है। इस रिपोर्ट ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है तथा भक्तों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है।
एनडीडीबी की रिपोर्ट का खुलासा
एनडीडीबी के सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (CALF) द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में यह सामने आया कि टीटीडी द्वारा उपयोग किए गए घी के नमूनों में मानक सीमाओं के बाहर का S-value पाया गया। सामान्य रूप से शुद्ध दूध वसा के लिए S-value की सीमा 98.05 से 104.32 के बीच होती है, जबकि परीक्षण किए गए नमूनों में यह सीमा 19.72 से 117.42 तक पाई गई। यह मानक से बाहर का मान बताता है कि घी में विदेशी वसा मिलाई गई थी।
रिपोर्ट में संभावित विदेशी वसा
रिपोर्ट में यह भी उजागर किया गया कि घी में शामिल विदेशी वसा में सोयाबीन, सूरजमुखी, जैतून, रेपसीड, लिंसीड, गेहूँ का अंकुर, मकई का अंकुर, कपास के बीज, मछली का तेल, नारियल, और पाम कर्नल की वसा शामिल हो सकती है।
राजनीतिक खेल
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू द्वारा यSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) सरकार के कार्यकाल में तिरुमला लड्डू के घी में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने के आरोप लगाने से विवाद और बढ़ गया। हालांकि, YSRCP के नेताओं ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि लड्डू बनाने में जानवरों की वसा नहीं बल्कि वनस्पति वसा का उपयोग किया गया था।
हालांकि, टीटीडी ने सप्लायर AR डेयरी फूड्स को ब्लैकलिस्ट कर दिया और घी की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया। समिति की सिफारिशों के आधार पर, शुद्ध घी की आपूर्ति के लिए टेंडर बुलाए गए, और नंदिनी और अल्फा फूड्स ने ₹478 प्रति किलोग्राम की दर से बेहतर गुणवत्ता वाला गाय घी आपूर्ति करने का प्रस्ताव दिया।
राजनैतिक बयानबाजी
इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में जोरदार बहस छेड़ दी है। तेदेपा और वाईएसआरसीपी के नेताओ ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप किए हैं। वाईएसआरसीपी ने नायडू पर आरोप लगाया कि वे भक्तों को भ्रमित करने के लिए फर्जी लैब रिपोर्ट दिखा रहे हैं। जबकि तेदेपा ने कहा कि लैब रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से लिखा है कि लड्डू बनाने में जानवरों की वसा शामिल थी।
इसी बीच, YSRCP नेता और पूर्व टीटीडी अध्यक्ष वाई.वी. सुब्बा रेड्डी को विजिलेंस विभाग ने प्रसाद और लड्डू निर्माण में धन के दुसरे उपयोग और मिलावटपूर्ण सामग्री के इस्तेमाल के आरोप में नोटिस जारी किया है।
भक्तों की चिंता
इस विवाद के बाद भक्तों के बीच भी चिंता की लहर दौड़ गई है। तिरुमला मंदिर के लड्डुओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं, और भक्त इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भविष्य में प्रसाद और लड्डू की गुणवत्ता कैसी होगी।
इस विवाद ने न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया है, बल्कि इससे राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी बड़े सवाल उठे हैं। घी की गुणवत्ता को लेकर इस विवाद ने पूरे प्रकरण को और पेचीदा बना दिया है और अब यह देखना होगा कि आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।
टीटीडी का अगला कदम
टीटीडी ने घी की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसने अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि क्या टीटीडी इन सिफारिशों को लागू करता है और लड्डू की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए किस प्रकार के कदम उठाता है।
राजनैतिक विवाद का अंत कैसे होगा?
इस पूरे प्रकरण में, राजनीतिक दलों के बीच आपसी खींचतान भी जारी है। तेदेपा और वाईएसआरसीपी अपने-अपने तर्कों पर अड़े हुए हैं और एक-दूसरे पर आरोप लगाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। इस राजनीतिक ड्रामे का अंत कैसे होगा, यह तो समय ही बताएगा।
कुल मिलाकर, तिरुमला लड्डू विवाद न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से भी एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम बन गया है। भक्तों की भावना, विश्वास और धार्मिक परंपराओं के कारण यह और भी पेचीदा हो गया है।
VIKASH KUMAR
ये घी में विदेशी वसा मिलाना? अरे भाई ये तो भगवान के प्रसाद में जहर डालने जैसा है! 😱 ये जो लड्डू बन रहे हैं, वो तो अब बाजार के घी से बन रहे हैं, मंदिर का नहीं! ये लोग धर्म का नाम लेकर धोखा दे रहे हैं। भक्तों के दिल तोड़ रहे हैं। 🤬
UMESH ANAND
This matter constitutes a grave violation of religious sanctity and food integrity. The presence of foreign fats in prasadam, which is offered to the divine, is not merely a culinary infraction-it is a moral and spiritual transgression. The Tirumala Tirupati Devasthanams must be held to the highest standards of purity, and any deviation from this must be met with immediate and transparent corrective action. There can be no compromise when faith is at stake.
Rohan singh
इस विवाद को थोड़ा शांति से देखें। टीटीडी ने तो अच्छा काम किया-सप्लायर को ब्लैकलिस्ट कर दिया, विशेषज्ञ समिति बना दी, और अब नंदिनी जैसे भरोसेमंद ब्रांड्स से घी मंगवाने की बात हो रही है। ये सब अच्छे संकेत हैं। अब बस धैर्य रखें और देखें कि अगले महीने के लड्डू कैसे बनते हैं। 🙏 अच्छा होगा अगर लोग इसे राजनीति का मुद्दा न बनाएं।
Karan Chadda
अब तो ये सब भारत के खिलाफ है! विदेशी वसा मिलाना? ये तो चीन वाले भी नहीं करते! 🇮🇳 भक्तों के दिल में चाकू घुसाना है? ये लोग देश की धरोहर को बेच रहे हैं। YSRCP भी तो लोग हैं जिन्होंने ये सब चलाया था। अब जो भी इसमें शामिल है, उसे सजा दी जानी चाहिए। अब तो सिर्फ भारतीय घी ही चलेगा! 🤬🔥
Shivani Sinha
yrr ye sab kuchh bhi nahi hai... ek ladu me foreign fat hai to kya hua? kya bhagwan ko pata nahi chalega? logon ka dimag kharab ho gaya hai. jiska jiska dil janta hai uski baat hoti hai. abhi to sab chal raha hai... bas yahi hai. agar yeh sab khatam ho gaya to bhi koi nahi puchega. #bharatmatakijay
Tarun Gurung
दोस्तों, ये बात बहुत गहरी है। एक तरफ भक्ति है, दूसरी तरफ विज्ञान। एनडीडीबी की रिपोर्ट तो बिल्कुल सही है-S-value बाहर है, ये गैर-दूध वसा का संकेत है। लेकिन ये जो राजनीतिक बयानबाजी हो रही है, वो बिल्कुल बेकार है। टीटीडी ने सही कदम उठाए हैं: ब्लैकलिस्ट, समिति, नया टेंडर। अब बस इन्हें पूरा करना है। अगर नंदिनी और अल्फा फूड्स का घी असली है, तो ये एक नया मानक बन जाएगा। भक्ति के साथ विश्वसनीयता भी जरूरी है। बस थोड़ा शांति से रहें। 🙏❤️