इंडिया मेटीओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने दिल्ली‑एनसीआर में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी
जब इंडिया मेटीओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 6 और 7 अक्टूबर 2025 के लिए दिल्ली‑एनसीआर में येलो अलर्ट जारी किया, तो शहर‑वासी घबराए। विभाग ने हल्की‑से‑मध्यम बारिश, गड़गड़ाती बिजली, तथा 30‑40 km/h तक की तेज हवाओं की चेतावनी दी, कुछ जगहों पर गति 50 km/h तक पहुँच सकती है। यह चेतावनी एक सक्रिय पश्चिमी व्यवधान के कारण आई है, जो उत्तर‑पश्चिमी भारत के ऊपर से गुजर रहा है और मौसम के पैटर्न को अचानक बदल रहा है।
पृष्ठभूमि और मौसमी स्थितियों का सारांश
पिछले रविवार, 5 अक्टूबर को दिल्ली में अधिकतम तापमान 34.1 °C तक पहुंच गया था। अब वही शहर अगले दिन सिर्फ 28 °C पर ही रह जाएगा – यह इस मौसम के सबसे तीव्र 6 °C गिरावट में से एक है। न्यूनतम तापमान 24.2 °C (औसत से दो डिग्री अधिक) से घटकर 20 °C के करीब पहुँचने की संभावना है, क्योंकि ठंडी उत्तर‑पश्चिमी हवाएँ तेज़ी से जा रही हैं।
सफ़दरजंग मौसम स्टेशन के आंकड़े दर्शाते हैं कि अक्टूबर के पहले पाँच दिनों में दिल्ली में 51.8 mm बारिश हुई, जो औसत 15.1 mm से तीन गुना अधिक है। पिछले साल उसी अवधि में कोई बारिश दर्ज नहीं हुई थी, जिससे यह वर्ष अपने आप में असामान्य साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि अक्टूबर के अंत तक कुल वर्षा 100 mm के करीब पहुँच सकती है, जो पिछले कुछ वर्षों में देखी गई सबसे बारिश वाली अक्टूबर में से एक हो सकती है।
विस्तृत मौसम पूर्वानुमान
- 6 अक्टूबर (सोमवार): सुबह‑दोपहर में हल्की‑से‑मध्यम बारिश, गड़गड़ाहट, बिजली‑तड़ित, और 30‑40 km/h की हवाएँ। अधिकतम तापमान 29 °C, न्यूनतम 23 °C।
- 7 अक्टूबर (मंगलवार): दो‑तीन छोटे‑छोटे बौछार के साथ बादल छाया रहेगा, देर तक बारिश के बाद मौसम धीरे‑धीरे साफ़ हो जाएगा। अधिकतम 27 °C, न्यूनतम 22 °C।
- 8‑10 अक्टूबर: बादल धुंधले रहेंगे, फिर धीरे‑धीरे साफ़ आकाश की ओर बढ़ेंगे। तापमान सामान्य सीमा से थोड़ा नीचे रहेगा।
विशेष तौर पर नोएडा और गाज़ियाबाद को अब तक के सबसे भारी शहरी बौछारों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए दोनों क्षेत्रों में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

प्रभावित क्षेत्रों की प्रतिक्रिया
इंडिया मेटीओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट के प्रवक्ता डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा, "हम ने सभी प्रमुख शहरों—दिल्ली, गुड़गाँव, नोएडा और गाज़ियाबाद—के लिये तत्काल चेतावनी जारी की है। लोग बाहर जाने से पहले मौसम की ताज़ा जानकारी को देख लें और आवश्यक उपाय करें।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि दूरसंचार कर्मियों ने आपातकालीन सेवाओं के साथ मिलकर संभावित जलजमाव के लिये तैयारियां शुरू कर दी हैं।
नॉएडा म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने बड़े पानी के टैंक खाली करके जल निकासी की व्यवस्था तेज़ कर दी है, जबकि गाज़ियाबाद के नगर पालिका कार्यालय ने सड़कों के किनारे स्थित जल स्तर मॉनीटरिंग सेंटर को सक्रिय कर रखा है।
विस्तृत प्रभाव व विशेषज्ञ विश्लेषण
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस वर्ष का पश्चिमी व्यवधान हल्का नहीं, बल्कि निरंतर उष्णकटिबंधीय धारा के साथ मिलकर अधिक ठंडी हवा ला रहा है। इससे तापमान में अचानक गिरावट आती है, और साथ ही हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे बिजली‑तड़ित अधिक बार उत्पन्न होती है।
ह्यूमिडिटी 90 % तक पहुँच गई, वायुदाब 100.9 kPa पर स्थिर रहा, और यूवी इंडेक्स 0 तक गिर गया – यह सब क्लाउड कवर के कारण है। इन परिस्थितियों में फसलें, भवन निर्माण स्थल, और सड़क कार्य प्रभावित हो सकते हैं। कृषि विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि निचले तापमान के कारण धान के बीज अंकुरण में देरी हो सकती है, जबकि निर्माण कंपनियों को निलंबित कार्यों को पुनः शुरू करने से पहले संरचनात्मक स्थिरता की जाँच करनी चाहिए।

आगे की संभावनाएँ और तैयारी के उपाय
अधिकतम बारिश की संभावना 6 अक्टूबर के सुबह‑दोपहर में है, फिर जलभराव का जोखिम कम होते ही मौसम धीरे‑धीरे साफ़ होगा। लेकिन विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि भविष्य की दो‑तीन हफ्तों में कभी‑कभी हल्की‑से‑मध्यम बारिश फिर से संभावित रह सकती है। इसलिए, नींद के समय खिड़कियों को मजबूत रखें, बाहर ले जाने वाले सामान को सुरक्षित स्थान पर रखें, और जलजमाव की स्थिति में अपने पड़ोसियों के साथ संपर्क में रहें।
स्थानीय प्रशासन ने उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में एम्बुलेंस और पुलिस की तत्परता बढ़ा दी है। यदि आप बारिश में फंसे हुए हों, तो तुरंत प्राथमिक सहायता के लिये 112 पर कॉल करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
यह अलर्ट किन शहरों को प्रभावित करेगा?
इंडिया मेटीओरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने दिल्ली, नई दिल्ली, गुड़गाँव, नोएडा और गाज़ियाबाद को इस येलो अलर्ट के तहत शामिल किया है। इन क्षेत्रों में हल्की‑से‑मध्यम बारिश, गड़गड़ाहट और तेज हवाओं की संभावना है।
तापमान में गिरावट क्यों इतनी तेज़ है?
पश्चिमी व्यवधान द्वारा लाई गई ठंडी उत्तर‑पश्चिमी हवा ने गर्म हवा को धकेल दिया है। इसके साथ ही बढ़ती नमी ने रात के तापमान को और नीचे ले गया, जिससे दो दिन में ही 6 °C की तीव्र गिरावट देखी जा रही है।
बारिश के कारण जलजमाव की संभावना कितनी है?
6 अक्टूबर की सुबह‑दोपहर में सबसे अधिक बारिश होने की संभावना है, इसलिए निचले इलाकों और नालियों में जलजमाव हो सकता है। स्थानीय निकायों ने पहले से ही जल निकासी के लिए व्यवस्था कर रखी है, लेकिन घर से बाहर निकलते समय सावधानी बरतें।
क्या मौसम के बदलाव से कृषि पर प्रभाव पड़ेगा?
उच्च नमी और अचानक गिरते तापमान से धान के बीज के अंकुरण में देरी हो सकती है। किसान मित्रों को सलाह दी जाती है कि बीज को उचित ढंग से सूखा कर रखें और फसल के लिए टिलेज़िंग के समय को पुनः देख लें।
आगामी दिनों में मौसम कैसा रहेगा?
8‑10 अक्टूबर के बीच बादल धीरे‑धीरे छंटते जाएंगे और साफ़ आसमान लौटेगा। तापमान सामान्य सीमा से थोड़ा नीचे रहेगा, इसलिए ठंडी कपड़े ले कर बाहर निकलेँ। हालांकि, कोई भी अचानक बारिश की संभावना बनी रहती है, इसलिए दैनिक मौसम अपडेट पर नजर रखें।
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Sweta Agarwal
येलो अलर्ट? बस मौसम का नया फ़ैशन स्टेटमेंट है।