छात्र संक्रमित – स्कूल में स्वास्थ्य सुरक्षा कैसे रखें?

आजकल स्कूल में बच्चों के बीमारियों से ग्रस्त होने की खबरें अक्सर आती रहती हैं। चाहे फ्लू हो, कॉनोया या कोई और साधारण संक्रमण, अगर समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो असर पूरी कक्षा पर पड़ सकता है। तो चलिए, जानते हैं कि छात्र संक्रमित होने के मुख्य कारण क्या हैं और उन्हें रोकने के लिए क्या करना चाहिए।

मुख्य कारण और लक्षण

स्कूल में संक्रमण के कई कारण होते हैं – भीड़भाड़ वाले क्लासरूम, साझा करने वाले सामान, और अक्सर हाथ धोने की उपेक्षा। आम लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में दर्द और थोड़ा थकावट शामिल हैं। अगर बच्चे में ये लक्षण दो‑तीन दिन तक रहें, तो उन्हें घर पर आराम देना और डॉक्टर से मिलवाना जरूरी है।

रोकथाम के आसान उपाय

1. हाथ धोना – साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड धोएं। अगर पानी नहीं है तो अल्कोहल‑बेस्ड हैण्ड सैनिटाइज़र लगाएँ।
2. सीधे संपर्क से बचें – बुखार या सर्दी वाले बच्चों के साथ निकट संपर्क नहीं रखें।
3. टिकाकरण – स्कूल में चल रहे टीकाकरण कार्यक्रम में पूरी तरह भाग लें। यह कई रोगों से बचाव का सबसे भरोसेमंद तरीका है।
4. साफ‑सफ़ाई – डेस्क, कुर्सी, कंप्यूटर कीबोर्ड व दरवाज़े को नियमित रूप से disinfectant से पोंछें।
5. खाद्य‑पीने की चीज़ें साझा न करें – बोतल, पैकेट या स्नैक्स को अकेले इस्तेमाल करें, दूसरों को न दें।

इन छोटे‑छोटे कदमों से विद्यालय में संक्रमण का स्तर काफी घटाया जा सकता है। स्कूल प्रशासन भी अपनी तरफ से क्लासरूम की वेंटिलेशन बढ़ा सकता है, और हाफ‑टाइम में एयर प्यूरीफ़ायर का उपयोग कर सकता है।

अगर किसी छात्र को संक्रमण हो गया है, तो स्कूल को तुरंत जानकारी देनी चाहिए। ऐसे में स्कूल नीतियों के अनुसार, प्रभावित छात्र को घर पर अलग रखा जाता है और डॉक्टर की सलाह के बाद ही वापस लाया जाता है। इस प्रक्रिया से बाकी बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहता है।

अंत में, माता‑पिता को भी अपने बच्चे की स्वच्छता पर नजर रखनी चाहिए। रोज़ाना स्कूल से वापस आने पर कपड़े बदलें, बैग और जूते साफ करें, और हाथों को फिर से धोएं। यह न केवल रोग को नियंत्रण में रखता है, बल्कि बच्चे को आत्म-स्वस्थ्य के महत्व से भी परिचित कराता है।

संक्षेप में, छात्र संक्रमित होने की संभावना को कम करने के लिए हाथ‑धोना, टीकाकरण, साफ‑सफ़ाई और सतर्कता जरूरी है। इन उपायों को अपनाकर हम सभी मिलकर स्कूल को एक सुरक्षित जगह बना सकते हैं जहाँ बच्चे बिना डर के पढ़ाई‑लिखाई कर सकें।

त्रिपुरा में HIV मामलों में बढ़ोतरी: 828 छात्र पॉजिटिव, 47 की मौत, प्रशासन में हलचल

जुलाई 9 Roy Iryan 0 टिप्पणि

त्रिपुरा राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी (TSACS) के हालिया रिपोर्ट ने राज्य में HIV मामलों पर चिंताजनक आंकड़े उजागर किए हैं। 828 छात्रों के HIV-पॉजिटिव होने और 47 की मौत की सूचना है। अधिकांश छात्र समृद्ध परिवारों से हैं, और इनके माता-पिता सरकारी सेवा में हैं। ड्रग के सेवन को प्रमुख कारण माना जा रहा है।