हमास क्या है? इतिहास, लक्ष्य और आज की स्थिति

जब फ़िलिस्तीन‑इज़राइल की खबरें आती हैं, तो अक्सर हमास का नाम सुनते हैं। लेकिन हमास असल में कौन है, कब और क्यों बना, इसका जवाब नहीं जानते कई लोग। इस लेख में हम आसान शब्दों में बतायेंगे कि हमास का जन्म कैसे हुआ और आज यह क्या करता है।

हमास का इतिहास और गठन

हमास 1987 में पहली इंटिफ़ादा के दौरान उभरा। यह शब्द "हरकत अल-मुहम्मदीना अल-इस्लामिया" का संक्षिप्त रूप है, जिसका मतलब है "इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन"। मूल रूप से यह सामाजिक सेवा और धार्मिक शिक्षा के लिए शुरू हुआ, लेकिन जल्दी ही इसका मकसद इज़राइल के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष बन गया।

संसाधन जुटाने के लिए उन्होंने स्कूल, अस्पताल और चैरिटी कार्यक्रम चलाए। इससे स्थानीय लोगों का भरोसा जीतना आसान हुआ। धीरे‑धीरे उनका राजनीतिक परिदृश्य में असर बढ़ा और 2006 में उन्होंने पालेस्टीन के संसद में जीत हासिल कर शासक बन गए।

आज का मानचित्र: राजनीति और संघर्ष

आज हमास गाज़ा पट्टी में मुख्य शक्ति है। गाज़ा की सीमित जमीन और आर्थिक प्रतिबंधों के बीच उन्हें जनता की बुनियादी जरूरतें पूरी करनी पड़ती हैं। इसलिए उनका काम दो चीज़ों का मिश्रण है – सामाजिक सेवाएं और सैन्य संचालन।

इज़राइल के साथ उनका संबंध बहुत टेढ़ा‑मेढ़ा है। इज़राइल हमास को आतंकवादी संगठन मानता है, जबकि हमास इसे अपनी आज़ादी की लड़ाई कहता है। इस कारण दोनों पक्षों के बीच कई बार लड़ाइयाँ, हवाई हमले और रोकेटे हुए वार्तालाप हुए हैं।

राजनीतिक स्तर पर हमास कई बार मध्य‑पूर्व के देशों, जैसे क़तर, टर्की और इरान से समर्थन लेता है। इन देशों की मदद से उन्हें हथियार, धन और कूटनीतिक कवरेज मिलता है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उनकी स्थिति अभी भी विवादित रहती है।

आर्थिक तौर पर गाज़ा की स्थिति बहुत कठिन है। अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध, सीमित निर्यात और बिजली की कमी के कारण रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में बहुत समस्याएँ आती हैं। इस माहौल में हमास की सामाजिक सेवाओं की मांग और भी बढ़ जाती है।

हमास की रणनीति में राजनैतिक हल और सैन्य दबाव दोनों शामिल हैं। कभी‑कभी वे इज़राइल के साथ बातचीत की कोशिश भी करते हैं, पर जब उनके मांगें पूरी नहीं होतीं तो फिर से संघर्ष शुरू हो जाता है। यह चक्र वर्षों से जारी है।

भविष्य में क्या होगा, यह कई कारकों पर निर्भर करता है – जैसे अंतर्राष्ट्रीय दबाव, आर्थिक सहायता, और फ़िलिस्तीन के भीतर अन्य राजनीतिक ताकतें। यदि कोई स्थिर समझौता नहीं बन पाता, तो हमास और इज़राइल के बीच तनाव जारी रहेगा।

इसलिए अगर आप फ़िलिस्तीन‑इज़राइल मुद्दे को समझना चाहते हैं, तो यह जानना जरूरी है कि हमास सिर्फ एक सशस्त्र समूह नहीं, बल्कि एक सामाजिक-राजनीतिक संस्था है जिसने स्थानीय लोगों के जीवन में गहरी जड़ें जमाई हैं। उनका इतिहास, लक्ष्य और वर्तमान स्थिति को समझना ही इस जटिल समस्या का पहला कदम है।

इजराइल-हमास संघर्ष: संघर्षविराम प्रयास और गहराती मानवतावादी संकट

जून 5 Roy Iryan 0 टिप्पणि

इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष ने एक नए मोड़ पर आकर सीज़फायर की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक संघर्षविराम प्रस्ताव की घोषणा की है जिसमें छह सप्ताह का युद्धविराम और कुछ बंधकों की रिहाई शामिल है। हालांकि, इसी बीच गाज़ा में मानवतावादी स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है।