पैरालिंपिक - भारत की कहानियां और नई दिशा

पैरालिंपिक वह मंच है जहाँ विकलांग एथलीट अपनी ताकत दिखाते हैं. हर चार साल में यह इवेंट ओलम्पिक के साथ होता है और दुनिया भर के खिलाड़ी प्रतिस्पर्धा करते हैं. अगर आप जानना चाहते हैं कि भारत ने अब तक क्या किया है और आगे क्या योजना है, तो आप सही जगह पर हैं.

पैरालिंपिक में कौन-कौन से खेल होते हैं?

पैरालिंपिक में एथलेटिक्स, तैराकी, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, बॉक्सिंग, शक्ति खेल (पावरलिफ्टिंग) और डॉग स्लीपिंग (जेधरो) जैसे कई खेल शामिल होते हैं. हर खेल में विभिन्न वर्गीकरण होते हैं जो एथलीट की शारीरिक स्थिति के हिसाब से तय होते हैं. इससे यह सुनिश्चित होता है कि हर खिलाड़ी को समान अवसर मिले और प्रतियोगिता निष्पक्ष रहे.

भारत की जीत और भविष्य की योजना

पिछले पैरालिंपिक में भारत ने 24 मेडल (10 स्वर्ण, 8 रजत, 6 कांस्य) जीत कर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. अनन्या बांग, दीपक बिंद्रा, हेमंत कौर जैसे नाम अब हर घर में सुने जाते हैं. इन एथलीटों ने न सिर्फ मेडल जीता, बल्कि समाज में विकलांगों के प्रति नजरिया बदल दिया.

अब भारतीय पैरालिंपिक कमेटी (IPC) ने 2025 की तैयारी में कई पहल की हैं. पहले तो टैलेंट स्काउटिंग प्रोग्राम चलाया जा रहा है, जहाँ ग्रामीण स्कूलों से संभावित खिलाड़ी चुनकर उन्हें प्रोफेशनल ट्रेनिंग दी जाती है. दूसरा, नई ट्रेनिंग सेंटर्स में बेहतर सुविधाएँ, जैसे हाइड्रोथेरेपी पूल और बायोमैकेनिकल लैब, स्थापित हो रही हैं.

अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा या रिश्तेदारी इस क्षेत्र में आगे बढ़े, तो स्थानीय पैरालिंपिक क्लब में जौन करें. कई बार योजनाएँ मुफ्त में उपलब्ध हैं, और स्कॉलरशिप भी मिलती है. ये क्लब अक्सर राष्ट्रीय स्तर के कोच और फिजियोथेरेपिस्ट को लेकर आते हैं, जिससे शुरुआती स्तर पर ही सही दिशा मिलती है.

पैरालिंपिक के दौरान भारत के प्रदर्शन को फॉलो करने के लिए आप टीवी चैनल जैसे डीडी स्पोर्ट्स या ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म स्ट्रीमिंग देख सकते हैं. सोशल मीडिया पर #ParalympicsIndia टैग करके रियल‑टाइम अपडेट मिलते रहते हैं. इससे आप ना सिर्फ मेडल तालिका देख पाएँगे, बल्कि एथलीटों के पीछे की कहानी भी जान पाएँगे.

भविष्य में भारत का लक्ष्य 2028 तक 35 मेडल जीतना है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिये नई तकनीकें, जैसे वर्चुअल रियलिटी ट्रेनिंग और बायोफीडबैक सिस्टम, को अपनाया जा रहा है. इस तरह एथलीट अपनी गति और तकनीक को रियल‑टाइम में सुधार सकते हैं.

सारांश में, पैरालिंपिक सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत है. भारत यहाँ पर कुछ सालों में बड़ी उन्नति कर रहा है, और आपका समर्थन इस सफलता को तेज़ बना सकता है. चाहे आप दर्शक हों, कोच हों या संभावित खिलाड़ी, पैरालिंपिक के हर पहलू में भाग लेना आसान है. तो अगली बार जब आप समाचार सुनेंगे, तो भारत की पैरालिंपिक टीम को जयकारें और इस अद्भुत यात्रा का हिस्सा बनें.

पेरिस 2024 पैरालिंपिक: अवनी लेखरा ने महिला 50 मीटर राइफल 3 पॉज़िशन्स में पांचवां स्थान हासिल किया

सितंबर 3 Roy Iryan 0 टिप्पणि

22 वर्षीय भारतीय पैरा शूटर अवनी लेखरा ने पेरिस 2024 पैरालिंपिक में महिला 50 मीटर राइफल 3 पॉज़िशन्स SH1 इवेंट में पांचवां स्थान हासिल किया। उनकी यह शानदार प्रदर्शन उन्हें पहले महिला 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने के बाद प्राप्त हुआ।