राष्ट्रपति चुनाव 2025: क्या है बदलता और कैसे तय होता है पद?

भारत में राष्ट्रपति का चुनाव हर पाँच साल में होता है, और इस बार भी बड़ी उत्सुकता से देखा जा रहा है। चुनाव सिर्फ एक नाम चुनने का काम नहीं है, बल्कि यह देश की राजनैतिक दिशा का संकेत देता है। आप अगर जानना चाहते हैं कि कौन-से पार्टियाँ खेल रही हैं, उम्मीदवार कौन हैं, और वोट कैसे गिना जाता है, तो नीचे पढ़िए।

मुख्य उम्मीदवार कौन हैं?

इस चुनाव में दो बड़े गठजोड़ मुख्य रूप से सामने आए हैं। एक तरफ है भारत के प्रमुख राष्ट्रीय पार्टी का उम्मीदवार, जो अक्सर संसद के दोनों सदनों के समर्थन से जीतता है। दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन ने भी एक अनुभवी राजनेता को अपना चेहरा बनाया है, जो कई राज्यों में अच्छी छवि रखता है। दोनों उम्मीदवारों की उम्र, राजनीतिक अनुभव और पिछले पदों की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर मिल सकती है।

मतदान प्रक्रिया और एलीट वोटर की सूची

राष्ट्रपति का चुनाव एलीट वोटर कॉलेज द्वारा किया जाता है। इसमें संसद के सदस्य (लोकसभा और राज्यसभा) और सभी राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं। वोटर को पहले अपने‑अपने राज्य में सूचीबद्ध करना पड़ता है, और फिर मतदान के दिन उन्हें अपने‑अपने एलेक्शन एरिया में जाकर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से वोट डालना होता है। इस प्रक्रिया को पारदर्शी रखने के लिए इलेक्शन कमिशन रियल‑टाइम मॉनिटरिंग करता है।

वोट गिनने का तरीका प्रपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन (PR) कहलाता है। हर वोटर का एक वैटेल (वेट) असाइन किया जाता है, जिससे बड़े‑छोटे राज्यों की सीटों का संतुलन बना रहे। इस सिस्टम से जटिल गणना होती है, पर इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट पर परिणाम तुरंत अपडेट हो जाता है।

यदि आप वोट डालने वाले हैं, तो अपने एलीट वोटर कार्ड को सुरक्षित रखें। मतदान के समय पहचान पत्र दिखाना आवश्यक है, और किसी भी प्रकार का दबाव या भुगतान देना illegal है। आप मतदान के बाद अपने वोटिंग रसीद को संभाल कर रखें, ताकि कोई विवाद न हो।

राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम आम तौर पर मतदान के अगले दिन घोषित हो जाता है। इलेक्शन कमिशन कई प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव काउँटिंग दिखाता है, इसलिए आप घर बैठे ही अपडेट रह सकते हैं। टीवी चैनल, समाचार पोर्टल और सोशल मीडिया पर भी तेज़ी से जानकारी मिलती है।

नए राष्ट्रपति के पास मुख्य रूप से संवैधानिक जिम्मेदारियाँ होती हैं—संसद के सत्र को बुलाना, कानूनों पर हस्ताक्षर करना और आपातकाल की घोषणा करना। हालांकि अधिकांश कार्य रोज़मर्रा के प्रशासन में राष्ट्रपति के पास सीमित शक्ति होती है, लेकिन उनका कहना अक्सर राष्ट्रीय महत्व रखता है। इसलिए दर्शकों को उनके बयान और दृष्टिकोण पर नजर रखनी चाहिए।

अंत में, अगर आप इस चुनाव को फॉलो करना चाहते हैं तो कुछ आसान कदम अपनाएँ: इलेक्शन कमिशन की आधिकारिक वेबसाइट बुकमार्क करें, प्रमुख समाचार चैनलों को फॉलो करें, और सोशल मीडिया पर हैशटैग #राष्ट्रपति_चुनाव2025 देखें। इस तरह आप सबसे ताज़ा जानकारी पा सकते हैं और समझ सकते हैं कि देश की राजनीतिक दिशा कहाँ जा रही है।

साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति बने सिरिल रामाफोसा, निवेशकों ने व्यक्त की सकारात्मक प्रतिक्रिया

जून 20 Roy Iryan 0 टिप्पणि

सिरिल रामाफोसा को साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई है, जिसके बाद निवेशकों में उत्साह की लहर देखी जा रही है। 15 मई 2019 को हुए इस शपथ ग्रहण समारोह के बाद से साउथ अफ्रीका की मुद्रा रैंड और शेयर बाजार में मजबूती आई है। रामाफोसा की जीत को आर्थिक सुधारों और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी नीतियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है।