रवि शास्त्री: भारतीय क्रिकेट के बहुप्रतीक्षित दिग्गज कोच

अगर आप क्रिकेट के दिन-रात फैन हैं, तो रवि शास्त्री का नाम ज़रूर सुना होगा। खिलाड़ी, कोच, एनालिस्ट – इन तीनों रोल में उन्होंने अपना ख़ास पहचान बनायी है। आज हम उनके करियर की मुख्य बातें, कोचिंग में क्या खास है और मीडिया में उनकी राय को समझेंगे।

खिलाड़ी के रूप में शास्त्री की चमक

रवि शास्त्री ने 1980 के दशक में भारतीय टीम में केऽकाधारी आक्रमणकारी के तौर पर जगह बनाई। उन्होंने 188 टेस्ट में 1,277 रनों और 57 विकेट लिये। उनका सबसे बड़ा शतक 158* पुणे में था, जो अभी भी कई लोगों को याद रहता है। उनका ग्रिप और शॉट प्लेसमेंट ऐसी शैली थी कि बॉलर भी झिझकते थे।

कोचिंग की चेहरा: नई रणनीतियों की जनक

खिलाड़ी से कोच बनना आसान नहीं, पर शास्त्री ने इसे बिना किसी बड़े झंझट के किया। 2017 में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख कोच के पद पर बैठकर टीम को नई ऊर्जा दी। बैटरों की तकनीक, बेग़ैर परिपक्व स्पिन बॉलर्स की फॉर्म, और फील्डिंग में तेज़ी – इन सबमें उनका योगदान स्पष्ट है। जब भी टीम में हार का दौर आता, शास्त्री की रणनीति अक्सर टीम को वापस लाती है।

उन्हें अक्सर “बिल्डर” कहा जाता है क्योंकि वे छोटे-छोटे बदलाव करके बड़ी जीत हासिल करने में मदद करते हैं। उनकी मीटिंग्स में खिलाड़ी से सीधे सवाल पूछते हैं, जिससे मन में छिपी समस्याएँ बाहर आती हैं। इससे टीम का माइंडसेट भी मजबूत होता है।

कोचिंग के अलावा, शास्त्री ने टीवी पर भी अपना जलवा दिखाया। उन्होंने हर मैच में बॉल की गति, पिच की स्थिति और बॅटस्मैन की मंशा को बखूबी समझाया। उनका टिप्पणी शैली सरल और समझने में आसान है, इसलिए आम दर्शक भी क्रिकेट की गहरी बातें समझ पाते हैं।

जब युवा खिलाड़ी बनते हैं तो अक्सर उनसे पूछते हैं: “कोचिंग में सबसे बड़ी चुनौती क्या है?” उनका जवाब हमेशा यही रहता है – “खिलाड़ी की मानसिकता को ठीक करना।” यही कारण है कि उन्होंने कई युवा सितारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने में मदद की है।

रवि शास्त्री के बारे में एक मज़ेदार बात: उन्होंने एक बार कहा था, “अगर बॉल को नहीं मार पाओगे तो उसे बेकरा रखो।” यह सटीक शब्दावली उनके खेल के प्रति सच्चे प्रेम को दिखाती है।

अगर आप उनके कोचिंग के सिद्धांत को अपनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले खुद को फोकस में लाएँ। हर ट्रेनिंग सत्र में लक्ष्य स्पष्ट रखें और टीम के साथ खुल कर बात करें। शास्त्री की तरह, छोटी‑छोटी जीतों को बड़ी जीत में बदलें।

आज के डिजिटल युग में शास्त्री की एनालिसिस वीडियो यू‑ट्यूब और सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को प्रेरित करती है। उनके टिप्स पढ़ने के बाद, कई नवोदित बॅट्समैन उनकी शैली को अपना रहे हैं।

संक्षेप में, रवि शास्त्री सिर्फ एक कोच नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट की सच‑मुच एक प्रेरक शक्ति हैं। चाहे मैदान पर हों या स्क्रीन पर, उनका प्रभाव हर दौर में बरकरार है। अगर आप क्रिकेट में आगे बढ़ना चाहते हैं, तो उनके अनुभव से सीखना हमेशा फायदेमंद रहेगा।

यशस्वी जयसवाल की विवादित आउट होने पर रवि शास्त्री की प्रतिकृति, माइकल वॉन की आलोचना पर कड़ी प्रतिक्रिया

दिसंबर 16 Roy Iryan 0 टिप्पणि

रवि शास्त्री ने यशस्वी जयसवाल को लेकर माइकल वॉन की आलोचना पर गहरी प्रतिकिया दी है। जयसवाल के अभ्यास सत्र में आउट होने पर वॉन ने उन्हें निशाना बनाया था। शास्त्री ने इसे अनुचित बताते हुए जयसवाल के शॉट निर्माण की तारीफ की है। यह घटना पूर्व भारतीय कोच और क्रिकटर शास्त्री और पूर्व इंग्लिश कप्तान वॉन के बीच बल्ले के तकनीक पर विभिन्न दृष्टिकोणों को उजागर करती है।