शान्तनु ठाकुर – कौन हैं और क्या करते हैं?
शान्तनु ठाकुर नाम सुनते ही बहुत से लोग उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उभरते नेता के रूप में याद करेंगे। वह पश्चिम बंगाल के बघड़पुर से सांसद हैं और आज तक उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र और राष्ट्रीय स्तर पर कई अहम मुद्दों को उठाया है। अगर आप उनके बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं, तो यहाँ पढ़िए उनकी पृष्ठभूमि, राजनैतिक सफर और नवीनतम खबरें।
जीवन परिचय और शुरुआती साल
शान्तनु का जन्म 1 अगस्त 1990 को पश्चिम बंगाल के एक राजनैतिक परिवार में हुआ था। उनका पिता, नीरव कुमार थक्कर, भी एक बड़े नेता थे और पार्टी के मुख्य कार्यकर्ताओं में गिने जाते थे। बचपन से ही शान्तनु ने सामाजिक कार्यों में दिलचस्पी दिखायी – गाँव के स्कूलों में पढ़ाने, स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन और किसान समस्याओं पर चर्चा करने में उन्होंने सक्रिय भागीदारी की।
स्नातक की पढ़ाई उन्होंने कोलकाता के मेज़बान कॉलेज से की, जहाँ वे छात्र संघ के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इस दौरान उन्होंने युवाओं की समस्याओं को समझा और उन्हें हल करने के लिए कई पहलें शुरू कीं। ये अनुभव आगे चल कर उनके राजनीतिक करियर की नींव बने।
राजनीति में कदम और प्रमुख उपलब्धियां
2014 में उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़े और बघड़पुर से पार्टी की सीट जीत ली। इस जीत ने पार्टी और उनके समर्थन नेटवर्क दोनों को एक नया जोश दिया। संसद में शान्तनु ने अक्सर किसानों, कृषि, और ग्रामीण विकास से जुड़े बिलों पर सवाल उठाए। उनके सवालों ने कई बार केंद्र सरकार को नीति में बदलाव करने के लिए प्रेरित किया।
2019 के चुनाव में फिर से वे जीत हासिल कर अपने द्वितीय कार्यकाल की शुरुआत कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 'बघड़पुर विकास मिशन' नामक एक खास योजना शुरू की, जिसमें जलसंधारण, सड़कों के उन्नयन और स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान दिया गया। इस योजना के तहत 150 से अधिक गाँवों में नई जल संचयन टैंकों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना हुई।
शान्तनु ने महिला सशक्तिकरण को भी अपने एजेंडा में रखा है। उन्होंने 'महिला स्वावलंबी कार्यक्रम' लॉन्च किया, जिसमें महिला उद्यमियों को बैंकरूण और प्रशिक्षण दिया गया। इससे कई घरों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया और स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़े।
संसदीय मंच पर उनके प्रवचन अक्सर सीधे मुद्दों पर होते हैं—भूखमरी, बेरोज़गारी, शिक्षा आदि। उनका आरोग्य, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में नीतियों के लिए समर्थन कई बार मीडिया में अमिट छाप छोड़ता है। इसके साथ ही, उन्होंने सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहकर अपने विचार सीधे जनता तक पहुंचाए।
हाल ही में शान्तनु ठाकुर ने 'डिजिटल ग्राम' पहल की घोषणा की, जिसमें ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कवरेज बढ़ाने, डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम चलाने और ई-गव्हर्नेंस को सुदृढ़ करने पर काम किया जाएगा। यह योजना ग्रामीण युवाओं को नई नौकरियों के लिए तैयार करेगी और स्थानीय व्यवसायों को ऑनलाइन बाजार तक पहुंचाएगी।
भविष्य में शान्तनु का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा और स्वास्थ्य नीतियों को सुधारना है। वह अक्सर इस बात पर जोर देते हैं कि ‘सशक्त राष्ट्र केवल तभी बनता है जब हर भारतवासी को गुणवत्ता शिक्षा और स्वास्थ्य मिल सके’। उनके इस विचार को पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी सराहा है।
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प्रधानमंत्री मोदी की तीसरी एनडीए सरकार ने पश्चिम बंगाल से दो राज्य मंत्रियों को शामिल किया है। बोंगांव के सांसद शान्तनु ठाकुर और बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकान्त मजूमदार को ये पद प्राप्त हुए हैं। मजूमदार की नियुक्ति के बाद बंगाल बीजेपी में अध्यक्ष का पद खाली होगा।