शिवाजी जयंती: शिवछत्रपती के जन्मदिन का उत्सव
आप शायद इससे पहले भी शिवछत्रपती के बारे में सुना होगा, लेकिन उनके जन्मदिन को क्या खास बनाता है, ये जानना दिलचस्प हो सकता है। हर साल 19 फरवरी को महाराष्ट्र में शिवाजी जयंती बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन को सिर्फ एक छुट्टी नहीं, बल्कि आदर्श और साहस की याद दिलाने वाला अवसर माना जाता है।
शिवाजी जयंती का इतिहास
शिवाजी महाराज का जन्म 1630 में शिवनेरी किले में हुआ था। उनका जीवन स्वतंत्रता, न्याय और प्रशासनिक कौशल का एक अद्भुत मिश्रण था। 1920 के दशक में राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान, मराठा गौरव को याद रखने के लिए उनके जन्मदिन को जयंती के रूप में स्थापित किया गया। तब से यह दिन राजकीय स्तर पर मान्य है और हर साल लाखों लोग इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
जयंती के दिन, सरकारी विभाग, स्कूल और निजी संस्थान सभी अपने‑अपने झंडे फ़हराते हैं। कई शहरों में शिवछत्रपती की प्रतिमा के सामने विशेष पूजा आयोजित की जाती है। इस अवसर पर इतिहासकार और विद्वान अक्सर शिवाजी के प्रशासनिक सुधारों, जलखा नीति और समुद्र सेना के बारे में व्याख्यान देते हैं, जिससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलती है।
आधुनिक समय में शिवाजी जयंती के उत्सव
आजकल शिवाजी जयंती सिर्फ परेड नहीं, बल्कि एक संपूर्ण सांस्कृतिक महोत्सव बन चुका है। मुंबई, पुणे, नाशिक और और भी कई शहरों में शालेय बैंड, नृत्य समूह और नाट्य मंडली भाग लेती हैं। पारम्परिक लत मसाले, भाकरी और मराठी मिठाइयाँ इस जयंती के खाने‑पीने में शामिल होती हैं।
हर साल, महाराष्ट्र सरकार एक विशेष कार्यक्रम ‘शिवछत्रपती स्मारक क्रम’ आयोजित करती है, जिसमें युवा छात्रों को ‘भुज आलेख’ (स्वयंपूर्ण कला) और ‘ध्वज उधार’ जैसी प्रतियोगिताओं में भाग लेने की机会 मिलती है। ये प्रतियोगिताएं सिर्फ मज़ा नहीं, बल्कि शिवाजी के रणनीतिक सोच और नेतृत्व गुणों को समझने का साधन हैं।
यदि आप इस जयंती को दूर से देख रहे हैं, तो ऑनलाइन लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए परेड और सांस्कृतिक प्रोग्राम देख सकते हैं। कई स्थानीय समाचार चैनल और सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर लाइव कवरेज रहता है, जिससे दूर रहने वाले भी उत्सव का हिस्सा बन सकते हैं।
शिवाजी जयंती का मूल उद्देश्य केवल एक राजन्त्रीय कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश है — साहस, स्वावलंबन और जनसेवा का। जब आप इस दिन को मनाते हैं, तो आप इतिहास के साथ जुड़ते हैं और भविष्य की दिशा तय करने में भी मदद करते हैं। तो अगले 19 फरवरी को चाहे घर पर हों या बाहर, इस जयंती को यादगार बनाएं और शिवछत्रपती की प्रेरणा को अपने जीवन में अपनाएँ।
विक्की कौशल की ऐतिहासिक फिल्म *छावा* ने अपनी बॉक्स ऑफिस परफॉर्मेंस से सबको चौंकाया है। पहले सप्ताह में इसने ₹230 करोड़ का आंकड़ा पार किया और आठवें दिन ही ₹23.50 करोड़ की कमाई कर डाली। यह विक्की की अब तक की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई है।