आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने दिया इस्तीफा: CBI जांच की मांग के साथ डॉक्टरों की हड़ताल जारी
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का इस्तीफा
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने एक जूनियर डॉक्टर के कथित बलात्कार और हत्या की घटना के बाद इस्तीफा दे दिया है। इस घटना ने चिकित्सा जगत में गहरा सदमा और गुस्सा पैदा किया है। डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स सुरक्षा और न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतर आए हैं।
डॉक्टरों की हड़ताल और उनकी मांगें
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने इस दर्दनाक घटना के विरोध में 12 अगस्त, 2024 से राष्ट्रीय स्तर पर हड़ताल शुरू की है। उनकी प्रमुख मांगों में CBI जांच, त्वरित अदालत स्थापित करना और सभी अस्पतालों में केंद्रीय संरक्षण अधिनियम का कार्यान्वयन शामिल है।
इस हड़ताल को लगभग 3 लाख डॉक्टरों का समर्थन प्राप्त है और यह तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। हड़ताल के कारण कई अस्पतालों में रोजमर्रा की सेवाओं पर असर पड़ा है, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
चिकित्सा अधीक्षक भी हुए पदच्युत
इस घटना के बाद सिर्फ प्रिंसिपल संदीप घोष ने ही इस्तीफा नहीं दिया, बल्कि मेडिकल सुपरिंटेंडेंट संजय वशिष्ठ को भी 11 अगस्त, 2024 को उनके पद से हटा दिया गया। यह कदम इसलिए उठाया गया ताकि घटना की निष्पक्ष जांच हो सके और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना के शिकार जूनियर डॉक्टर के परिवार से मुलाकात की और उन्हें CBI जांच का आश्वासन दिया, यदि परिवार इसकी इच्छा व्यक्त करता है। मुख्यमंत्री ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
कोर्ट का हस्तक्षेप
कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। कोर्ट का यह कदम घटना की गंभीरता और गहन जांच की आवश्यकता को दर्शाता है।
महिला सुरक्षा के सवाल
इस घटना ने महिला सुरक्षा के सवालों को फिर से सामने ला दिया है। खासतौर पर सरकारी संस्थानों में महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के मुद्दे को लेकर व्यापक बहस छिड़ गई है। इस घटना की तुलना निर्भया केस से भी की जा रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि महिला सुरक्षा को लेकर अब भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं।
बेहतर कार्य परिस्थितियों की मांग
यह विरोध प्रदर्शन केवल न्याय की मांग तक सीमित नहीं है, बल्कि डॉक्टरों की बेहतर कार्य परिस्थितियों और सुरक्षा उपायों की भी मांग है। खासकर महिला मेडिकल स्टाफ के लिए सुरक्षा उपायों को सख्त और प्रभावी बनाने की जरूरत है।
क्रूर घटना और उसका प्रभाव
इस क्रूर घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स के बीच असंतोष और चिंता बढ़ती जा रही है। यदि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में विकट स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
विश्वास और सुरक्षा की पुन: स्थापन
इस घटना का प्रभाव केवल चिकित्सा क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समाज में महिला सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करेगा। इस तरह की घटनाओं से केवल पीड़ित और उसके परिजन ही नहीं, बल्कि हर नागरिक का विश्वास टूटता है।
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